पीटीआई, हैदराबाद। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को दावा किया कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने 2008 में मुंबई पर हुए आतंकी हमलों के बाद कुछ नहीं करने का फैसला किया। तत्कालीन सरकार का तर्क था कि पाकिस्तान पर हमला नहीं करने की तुलना में उसपर हमला करना अधिक महंगा साबित होगा।
भारत को 'ग्लोबल साउथ' (करीब 125 देशों का समूह) की आवाज करार देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि ग्लोबल साउथ के देश विश्व में अपने मुद्दों और स्थिति को लेकर भारत पर भरोसा करते हैं। जयशंकर ने यहां विदेश नीति पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया।
इजरायल को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जरा इजरायल जैसे देश के बारे में सोचें... इजरायल 1948 में स्वतंत्र हुआ। 1948 से 1992 तक, हमने इजरायल में एक राजदूत और एक दूतावास नहीं रखने का फैसला किया। क्यों? 1992 से, हमारे पास एक दूतावास था। 1992 से 2017 तक, भारत का कोई भी प्रधानमंत्री इजरायल नहीं गया, नरेंद्र मोदी इजरायल गए।
हैदराबाद में एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर कहा कि यह भी एक वैश्वीकृत दुनिया है, हमारे पास (भारत के बाहर) बहुत सारे भारतीय हैं... हमें उन चुनौतियों के लिए भी तैयार रहना होगा। तथ्य यह है कि आज लगभग दो करोड़ भारतीय, भारतीय नागरिक और भारतीय पासपोर्ट धारक हैं जो भारत से बाहर रहते हैं और काम करते हैं। लगभग डेढ़ करोड़ दूसरे देशों के नागरिक हैं जिनसे हमारा जुड़ाव है। उस जिम्मेदारी को देखें जो यह हमें देता है... हमने इसे यूक्रेन, सूडान, इज़राइल में संघर्षों में देखा है... 'मोदी की गारंटी' भारत की सीमाओं पर नहीं रुकती। 'मोदी की गारंटी' वैश्विक है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तेलंगाना में भोनगिर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी बुरा नरसैया गौड़ के नामांकनपत्र भरने से पहले मंगलवार को रोडशो में भाग लिया। नरसैया को जनसेवा करने वाला अच्छा प्रत्याशी बताते हुए जयशंकर ने विश्वास व्यक्त किया कि मतदाता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व को मजबूत करने के लिए उन्हें अपना प्रतिनिधि चुनेंगे।
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