RAM MANDIR DRESS CODE: राम मंदिर के पुजारियों के लिए नया पीला ड्रेस कोड, गर्भगृह में स्मार्टफोन ले जाने पर भी रोक

अयोध्या में राम मंदिर के पुजारियों के लिए नया ड्रेस कोड लागू हो गया है, जिसके बाद अब पुजारी नई पोशाक में नजर आएंगे। मंदिर का मैनेजमेंट देखने वाले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने पारंपरिक भगवा वस्त्र की जगह पुजारियों के लिए चमकीले पीले रंग का साफा (टोपी), चबंदी (कुर्ता) और धोती को चुना है। इसके अलावा, ट्रस्ट ने पुजारियों को गर्भगृह के अंदर स्मार्टफोन ले जाने से भी रोक दिया है और पुजारियों के लिए कुछ नई गाइडलाइंस भी बनाई हैं।

CNN-News18 ने इस मामले से जुड़े सूत्रों का हवाला देते हुए बताया ये नियम और कानून पुजारियों के बीच एकरूपता बनाए रखने और उन्हें परिसर में दूसरों से अलग बनाने की कोशिश का हिस्सा।

सहायक पुजारी संतोष कुमार तिवारी ने कहा, “राम मंदिर में पुजारियों के लिए एक नया ड्रेस कोड लागू किया गया है। अब मुख्य पुजारी, चार सहायक पुजारी और 20 ट्रेनी पुजारी समेत पुजारी, सिर के चारों ओर लपेटा जाने वाला पीले रंग का साफा, पीले रंग की चौबंदी (पूरी आस्तीन का कुर्ता) और पीले रंग की ही धोती पहनेंगे।”

इससे पहले, मंदिर के ज्यादातर पुजारी भगवा पोशाक पहनते थे। तिवारी ने कहा, "कुछ पुजारी पीली पोशाक में आते थे, लेकिन ये अनिवार्य नहीं था।"

उन्होंने आगे कहा कि सनातन धर्म के अनुसार, पुजारियों को ऐसे कपड़े पहनने चाहिए, जो पहले सिर और हाथों पर पहने जाएं और नया शुरू किया गया ड्रेस कोड उसी का पालन करता है।

नए नियमों में पुजारियों के लिए पांच घंटे की शिफ्ट भी तय की गई है। सूत्रों ने कहा कि गाइडलाइंस के मुताबिक, मुख्य पुजारी को चार सहायक पुजारी मदद करेंगे, जबकि हर एक सहायक पुजारी को पांच ट्रेनी पुजारियों से मदद मिलेगी, जिनकी शिफ्ट दोपहर 3:30 बजे से शुरू होगी और रात 11 बजे तक चलेगी।

ट्रस्ट ने पुजारियों पर गर्भगृह के अंदर स्मार्टफोन ले जाने पर भी रोक लगा दी है। ट्रस्ट ने कहा है कि मोबाइल फोन ले जाने पर बैन सुरक्षा कारणों से लगाया गया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि पानी लीक के विवाद के बाद ये फैसला लिया गया है।

राम मंदिर में टपका पानी!

हाल ही में, राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि हाल ही में हुई मानसून की बारिश के कारण मंदिर के गर्भगृह में पानी का रिसाव हो गया है।

दास ने एक बयान में कहा, “पहली बारिश के साथ ही रामलला विराजमान मंदिर और उसके आस-पास के इलाकों में पानी का रिसाव शुरू हो गया है। अंदर पानी जमा हो गया है। ये पता लगाया जाना चाहिए कि मंदिर के पहले से बने हिस्से में निर्माण में क्या कमी है। पानी के रिसाव का कारण क्या है?''

राम मंदिर प्रबंधन ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंदिर का जायजा लिया और कहा कि मंदिर के निर्माण में कोई खामी नहीं है और इस बात पर जोर दिया कि इसके गर्भगृह में कोई जल जमाव नहीं है। उन्होंने बताया कि बारिश का पानी उन पाइपों से आया है, जो बिजली के तार लगाने के लिए लगाए गए थे।

26 जून को, राम मंदिर ट्रस्ट ने कहा था कि गर्भगृह की छत से जहां भगवान राम की मूर्ति रखी गई थी, वहां "पानी की एक भी बूंद नहीं" टपकी थी, न ही कहीं से गर्भगृह में पानी आया।

2024-07-02T10:46:40Z dg43tfdfdgfd