GWALIOR NEWS: खुली पोल, झूठा है नगर निगम का दावा

प्रियंक शर्मा. नईदुनिया ग्वालियर। शहर में बुधवार को हुई वर्षा ने नगर निगम के सारे दावों की पोल खोल दी और बता दिया कि नगर निगम का दावा झूठा है, क्योंकि शहर के ज्यादातर इलाके जलमग्न नजर आए। सिर्फ गली-मोहल्ले और कालोनियां ही नहीं, बल्कि मुख्य मार्गों पर भी जलजमाव की स्थिति निर्मित हो गई। इसका साफ कारण है कि इस बार वर्षा के मौसम को देखते हुए नगर निगम की तैयारियां ही आधी-अधूरी रहीं। न तो नाले साफ हुए और न ही वर्षा जल निकासी के लिए कोई विशेष इंतजाम किए गए।

बारिश से पूर्व निगम द्वारा शहरभर के नालों की सफाई के कार्य का दावा किया गया, लेकिन मौके पर कार्य नहीं हुआ। अधिकतर नाले गंदगी से भरे हुए हैं। पड़ाव चौराहा, स्टेशन बजरिया चौराहा, गोला का मंदिर रोड, दीनदयाल नगर, राजमाता चौराहा के पास, एसकेवी आरओबी के पास जलभराव हो गया। ये वो इलाके हैं, जहां वर्षों से जलभराव की स्थिति निर्मित होती है। फिर भी कोई स्थायी समाधान नहीं हो सका है। एक जून से मानसून का सीजन शुरू हो जाता है। यह अलग बात है कि शहर में मानसून की वर्षा शुरू होने का दौर महीने का आखिर में आता है।

ऐसे में तैयारियों को देखते हुए मई माह से ही नाला सफाई की शुरुआत होनी चाहिए। नगर निगम के अधिकारियों का यही दावा है कि मई माह से नाला सफाई शुरू कर दी गई थी, लेकिन हकीकत यह है कि जून अंत तक यह काम शुरू नहीं हो पाया है। नगर निगम आयुक्त हर बैठक में वर्षा से पहले नाला सफाई शुरू करने के निर्देश देते हैं और निचला अमला इन निर्देशों को अनसुना देता है। गतवर्ष उपनगर ग्वालियर के कई इलाकों में जलभराव पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने नाराजगी जताने के साथ ही इलाकों में रात्रि विश्राम भी किया था।

निगम के अधिकारियों की स्थिति यह है कि अब वे वर्षा के पानी से ही नालों की सफाई का इंतजार कर रहे हैं। तेज बारिश के पानी से नालों की सिल्ट खुद-ब-खुद बहकर आगे बढ़ जाए और नालों में मौजूद कचरा पानी के साथ में सड़कों पर आ जाए, लेकिन इसके चलते आसपास के इलाकों में घरों में गंदा पानी भरने से लेकर दुर्गंध तक की समस्या बनी रहती है। निगम के अधिकारी यह फार्मूला हर साल अपनाते हैं और इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है। जिन स्थानों पर जलजमाव की स्थिति बनती है, वहां न वाटर हार्वेस्टिंग के विकल्प को भी ध्यान में नहीं रखा जाता है।

नाला सफाई में तेजी लाए हैं, टीमें भी बनाई हैं

नाला सफाई के लिए मशीनें मिल गई हैं। इससे सफाई कार्य में तेजी लाई जा रही है। जहां जलजमाव की बात है, तो इसके लिए जोनवार टीमें बनाई गई हैं। संबंधित क्षेत्रीय अधिकारियों के अलावा कार्यपालन यंत्रियों को भी जिम्मेदारी दी गई है कि वे पानी की निकासी सुनिश्चित कराएं। अमर सत्य गुप्ता, नोडल अधिकारी व उपायुक्त, एसबीएम नगर निगम।

2024-06-27T04:39:09Z dg43tfdfdgfd