नईदुनिया प्रतिनिधि, धार । मध्य प्रदेश में धार जिला स्थित ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम द्वारा हाई कोर्ट इंदौर खंडपीठ के आदेश पर किए जा रहे सर्वे के अंतिम दिन गुरुवार को उत्तरी भाग में खुदाई की गई। टीम को यहां 7 अवशेष मिले हैं। इनमें एक देवी प्रतिमा भी है। हालांकि यह मूर्ति खंडित बताई गई है।
एक दिन पहले बुधवार को खुदाई में जो 5 इंच की मूर्ति मिली थी, वह सफाई के बाद ब्रह्माजी की पाई गई है। हाई कोर्ट से मिली सर्वे की समयावधि के मुताबिक, गुरुवार को सर्वे के 98 वें दिन पूरे हो गए। अब चूंकि 4 जुलाई को हाई कोर्ट में सुनवाई नियत है इसलिए अब ASI सर्वे रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में जुट गई है।
कार्बन डेटिंग रिपोर्ट व विशेषज्ञों की रिपोर्ट भी इसमें शामिल रहेगी, जो सुनवाई की तिथि से पहले हाई कोर्ट में प्रस्तुत की जानी है। उल्लेखनीय है कि 11 मार्च को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने भोजशाला में वैज्ञानिक पद्धति से सर्वे करने का एएसआई को आदेश दिया था।
इसके लिए पहले 6 सप्ताह यानी 42 दिन का समय दिया गया था। 29 अप्रैल को व्यापक कार्य को देखते हुए यह समय सीमा बढ़ा दी गई। इसमें 8 सप्ताह यानी 56 दिन की अवधि और बढ़ाई गई। इस तरह से कुल 98 दिन यानी 27 जून तक सर्वे निर्धारित किया गया।
भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक गोपाल शर्मा ने बताया कि अंतिम दिन उत्तरी भाग में खुदाई के दौरान भोजशाला से 7 पुरावशेष मिले। इनमें 6 अवशेष स्तंभ के हैं। ये बड़े आकार के पत्थर हैं। एक देवी की मूर्ति मिली है, जो पूर्ण रूप से खंडित है। केवल गर्दन व आंशिक चेहरा ही दिखाई दे रहा है।
याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने बताया कि सर्वे में देवी-देवताओं की मूर्तियां बड़ी संख्या में मिली हैं। अब इसकी संख्या 39 तक पहुंच गई है। बुधवार की सर्वे में जो एक मूर्ति मिली थी। सफाई करने के बाद पता चला कि यह ब्रह्माजी की मूर्ति है, जो करीब पांच इंच की है।
एएसआई ने सर्वे समाप्त की घोषणा कर दी है। अब खुदाई कार्य नहीं होगा। टीम रिपोर्ट तैयार करने का काम भोजशाला में ही करती रहेगी। वहीं, अब तक के जो अवशेष मिले थे, उनकी ब्रशिंग से सफाई और क्लीनिंग आदि का कार्य किया गया है। उनकी नंबरिंग और उनकी रिपोर्टिंग का कार्य भी हुआ है।
भोजशाला में एएसआई के आदेश के तहत मंगलवार को पूजा व शुक्रवार को नमाज होती रहेगी, लेकिन मार्च से ही पर्यटकों के प्रवेश पर लगाई गई रोक जारी रहेगी। सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश होने व चार जुलाई को कोर्ट में सुनवाई के बाद ही इस पर कोई निर्णय लिया जा सकेगा। इसके बाद ही पर्यटकों प्रवेश मिल पाना संभव है।