AU BILASPUR: अटल विवि व डीपी विप्र के बढ़ी खिंचतान, स्वशासी पर लड़ाई तेज

नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। मंगलवार को कुलसचिव ने एक आदेश जारी कर साफ कह दिया कि हमने अभी कॉलेज को स्वशासी अधिसूचित नहीं किया है। डीपी विप्र पीजी महाविद्यालय प्रशासन समिति के सदस्य और आटोनामस सेल के अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल ने दो दिन पहले प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा था कि हर विश्वविद्यालय शिक्षा को बढ़ावा देती है, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति इसे रोक रहे हैं। वे यूजीसी के आदेश को भी नही मान रहे हैं, जो अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। कुलपति कालेज के उन्नयन में रोड़ा डाल रहे हैं।

उनके आपत्तिजनक और निजी स्वार्थ से प्रेरित कदम से सभी में असंतोष है। कॉलेज को आटोनामस का दर्जा मिलने के बाद कुलपति द्वारा कार्य परिषद की अतिआवश्यक बैठक बुलाना और अवैधानिक निर्णयों से सदस्यों को मिथ्या व भ्रमित करने वाला जानकारी देना आपत्तिजनक है।

वहीं इस मुद्दे को लेकर मंगलवार को कुलसचिव कार्यालय से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा गया कि डीपी विप्र पीजी महाविद्यालय मीडिया के माध्यम से स्वशासी होने भ्रामक प्रचार कर रहा है। कुलपति के विरूद्ध अर्नगल और अशोभनीय और टिप्पणी की जा रही है। महाविद्यालय का यह कृत्य निंदनीय है। विश्वविद्यालय ने स्वशासी अधिसूचित नहीं किया है। साफ है कि यह मामला अभी थमने वाला नहीं है। आने वाले दिनों में दोनों संस्थाओं के बीच खिंचतान और तेज होगी।

संस्थाओं का अपना-अपना दावा

डीपी विप्र कॉलेज

  • प्राचार्य डा.अंजू शुक्ला ने कहा कि हमें आटोनामस का दर्जा प्राप्त है।
  • इसी सत्र में इसी नियम से प्रवेश की प्रक्रिया भी पूरी की जा रही है।
  • विश्वविद्यालय असैंवैधानिक कार्य कर रही है,ऐसा नहीं होना चाहिए।
  • यूजीसी नियमों का सीधा अवहेलना है। विवि का अनुदान बंद हो जाएगा।
  • हम अपने हक की लड़ाई आखिर तक लड़ेंगे। गलत चीजें बर्दाश्त नही।

अटल विश्वविद्यालय

  • कुलसचिव शैलेंद्र दुबे ने कहा कि हमने स्वशासी अधिसूचित नहीं किया है।
  • प्रवेश को लेकर नियमों का पालन करना चाहिए। नियमविरूद्ध ना हो।
  • हम नियमानुसार काम कर रहे हैं। कार्यपरिषद व आयोग को अवगत कराय।
  • कौन अनुशासन में है और कौन नहीं। इसका निर्णय यूजीसी बहुत जल्द करेगी।
  • छात्रहित को कोई समझौता नहीं होगा। आयोग को सही जानकारी देना हमारा कर्तव्य है।

छात्रों को होगा बड़ा नुकसान?

विश्वविद्यालय और कालेज प्रशासन की इस लड़ाई में आने वाले दिनों में छात्र-छात्राओं को बड़ा नुकसान हो सकता है? क्योंकि प्रवेश को लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं है। जल्द ही इस मामले का पटाक्षेप नहीं हुआ तो मामला गंभीर हो जाएगा। क्योंकि अब इस मुद्दे पर छात्र संगठन भी सक्रिय हो गए हैं। अब देखना होगा कि यह मामला कहां तक खिंचता है। दूसरी ओर उच्च शिक्षा जगत में कुलपति पर की गई टिप्पणी के बाद मामला एकदम से गरमा गया है।

2024-07-03T02:32:53Z dg43tfdfdgfd