आईआईएम इंदौर के प्रमुख पाठ्यक्रम में घट रहा आधी आबादी का अनुपात

देश-दुनिया में पुरुषों के दबदबे वाले प्रबंधन जगत में लैंगिक विविधता को बढ़ावा देने की कवायद के बीच यह चिंताजनक है कि इंदौर के भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) के प्रमुख पाठ्यक्रम पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम (पीजीपी) में महिला विद्यार्थियों का अनुपात सत्र-दर-सत्र घट रहा है।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2024-26 के मौजूदा बैच में पीजीपी पाठ्यक्रम में महिला विद्यार्थियों का अनुपात गिरकर 27.59 फीसद रह गया है जो 2021-23 बैच में 33.88 प्रतिशत था।

आईआईएम इंदौर की एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि पीजीपी के 2024-26 बैच में कुल 482 विद्यार्थी हैं जिनमें 349 पुरुष और 133 महिलाएं शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि आईआईएम इंदौर में पीजीपी के 2021-23 बैच में 33.88 प्रतिशत, 2022-24 बैच में 32.68 प्रतिशत, 2023-25 बैच में 31.40 प्रतिशत महिला विद्यार्थी थीं।

पीजीपी पाठ्यक्रम को मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) के बराबर माना जाता है। इस पाठ्यक्रम में उम्मीदवारों को कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) और साक्षात्कार के अंकों के आधार पर प्रवेश दिया जाता है।

आईआईएम इंदौर के निदेशक हिमांशु राय ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से कहा कि उनके संस्थान में लैंगिक विविधता को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाता है और वह इस बात का विस्तृत विश्लेषण करेंगे कि पीजीपी में महिला विद्यार्थियों का अनुपात क्यों घट रहा है।

उन्होंने कहा,‘‘हमारा फौरी विश्लेषण बताता है कि कैट के प्रदर्शन के आधार पर हमारे पास जितने उम्मीदवार पीजीपी में प्रवेश के वास्ते साक्षात्कार के लिए आते हैं, उनमें महिलाओं की तादाद पुरुषों से कम रहती है।’’

राय ने यह भी बताया कि देश के कुछ प्रबंधन शिक्षा संस्थानों ने पीजीपी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए ‘‘सुपरन्यूमरेरी’’ प्रणाली पेश की है यानी इसके तहत सीटों की सामान्य तादाद के अलावा कुछ ऐसी सीटें रखी जाती हैं जिन पर केवल महिला विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है।

उन्होंने कहा,‘‘जिन प्रबंधन शिक्षा संस्थानों ने सुपरन्यूमरेरी प्रणाली पेश की है, उनके पीजीपी पाठ्यक्रम में महिला विद्यार्थियों की तादाद जाहिर तौर पर बढ़ जाती है।’’

देश भर के आईआईएम में पीजीपी पाठ्यक्रम में सर्वाधिक महिला विद्यार्थियों को दाखिला देने के मामले में इस बार आईआईएम कोझिकोड ने बाजी मारी है।

आईआईएम कोझिकोड ने घोषणा की है कि उसने पीजीपी में इस बार करीब 60 प्रतिशत महिला विद्यार्थियों को प्रवेश दिया है और इस प्रमुख पाठ्यक्रम में आधी आबादी का यह अनुपात उसके इतिहास में सबसे ज्यादा है।

2024-06-28T09:38:35Z dg43tfdfdgfd