PM MODI PARLIAMENT SPEECH: आदमखोर जानवर की तरह कांग्रेस के मुंह झूठ का खून लग गया, संसद में जमकर बरसे पीएम मोदी

PM Modi Parliament Speech: पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने झूठ को राजनीति का हथियार बना लिया है। जिस तरह आदमखोर जानवर के मुंह पर लहू लग जाता है, वैसे कांग्रेस के मुंह पर झूठ का खून लग गया है। इन्होंने माताओं और बहनों से झूठ बोला, जो इन्हें तबाह करने वाला है। 1 जुलाई को भी सदन में लगातार झूठ बोला गया। अग्निवीर योजना से लेकर एमएसपी पर असत्य बोला गया। संविधान से खिलवाड़ किया गया। अनेकों बार कांग्रेस के लोगों ने ऐसे किया है और कल पूरे देश ने एक बार फिर ये प्रत्यक्ष रूप से देखा है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव चर्चा के दौरान मंगलवार को कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस के मुंह झूठ का खून लग गया है।  पीएम मोदी ने कहा, "तुलसी दास की एक कविता है- झुठई लेना, झुठई देना, झुठई भोजन...कांग्रेस ने भी झूठ को राजनीति का हथियार बनाया। कांग्रेस के मुंह झूठ लग गया है। जैसे आदमखोर जानवर के मुंह पर लहू लग जाता है, वैसे कांग्रेस के मुंह झूठ का खून लग गया है। देश ने कल 1 जुलाई को खटाखट दिवस भी मनाया है। लोग अपने बैंक अकाउंट चेक कर रहे थे कि साढ़े आठ हजार रुपये आए कि नहीं। इन्होंने 8500 रुपए देने का झूठ बोला है। माताओं-बहनों से झूठ बोलना कांग्रेस के लोगों को तबाह करने वाला है।"

कांग्रेस बन गई परजीवी पार्टी

पीएम मोदी ने कहा, "जहां जहां भाजपा और कांग्रेस का सीधा मुकाबला था। और जहां कांग्रेस बड़ी पार्टी थी। वहां कांग्रेस का स्ट्राइक रेट सिर्फ 26 परसेंट है। लेकिन जहां किसी का पल्लू पकड़कर चलते थे, जहां जूनियर पार्टी थे, किसी दल ने उन्हें दे दिया... ऐसे राज्यों में कांग्रेस का स्टाइक रेट 50 परसेंट है। कांग्रेस की 99 सीटों में से ज्यादा सीटें उनके सहयोगियों ने उन्हें जिताया है। इसलिए मैं कहता हूं कि ये परजीवी कांग्रेस पार्टी है। 16 राज्यों में जहां कांग्रेस अकेले लड़ी। इस चुनाव में उसका स्ट्राइक रेट गिर चुका है। गुजरात, छत्तीसगढ़ और एमपी में कांग्रेस जहां अपने दम पर लड़ी और 64 में से सिर्फ 2 सीट जीत पाई है।" 

पीएम बोले- कांग्रेस ने देश को बांटने की कोशिश की

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, "ये लोग दक्षिण में जाकर उत्तर के लोगों के खिलाफ बोलते हैं। उत्तर में जाकर पश्चिम के खिलाफ बोलते हैं। इन्होंने भाषा के आधार पर बांटने की कोशिश की है। जिन लोगों ने देश के लिए वकालत की। कांग्रेस पार्टी खुलेआम एक जाति से दूसरी जाति के खिलाफ लड़ाने के लिए रोज नए अफवाह फैला रही है, नैरेटिव बना रही है। देश के हिस्से के लोगों को हीन बताने के लिए भी कांग्रेस के लोग बढ़ावा दे रहे हैं। कांग्रेस देश में आर्थिक अराजकता फैलाने के लिए भी सोची समझी चाल चल रही है। चुनाव के दौरान जो बातें की गई, उनके राज्यों में जिस तरह से ये आर्थिक कदम उठा रहे हैं। वो रास्ता आर्थिक अराजकता की तरफ देश को ले जा रहा है। वो राज्य देश के लिए आर्थिक बोझ बन गया है। इनके लोगों द्वारा साफ-साफ घोषणा की गई कि 4 जून को उनके मुताबिक रिजल्ट नहीं आया तो देश में आग लगा देंगे। भारत के लोकतांत्रिक परंपरा को सामाजिक घेरे में लाकर सामाजिक अराजकता का प्रयास किया जा रहा है। सीएए को लेकर जो अराजकता फैलाई गई, जो गलत बातें फैलाई गई ताकि उनके राजनीतिक मकसद पूरे हों। देश को दंगों में झोंकने के भी प्रयास देश ने देखे हैं।" 

बालक बुद्धि सदन में आंखें मारता है, पीएम मोदी का राहुल पर हमला

अपने भाषण में पीएम मोदी ने कई बार  राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला। पीएम मोदी ने तंज कसते हुए कहा, "एक बच्चा स्कूल से रो-रोकर घर आया। बहुत रो रहा था। उससे पूछा गया कि क्या हुआ? बच्चे ने ये नहीं बताया कि उसने किसी बच्चे को मां की गाली दी। उसने ये नहीं बताया कि टीचर को चोर कहा। किसी बच्चे की किताबें फाड़ दी। किसी का टिफिन चुराकर खा गया। हमने कल सदन में यही बचकाना हरकत देखी है। कल यहां बालक बुद्धि चिल्ला रहा था। मुझे मारा गया, मुझे इसने मारा, यहां मारा, वहां मारा... ये चल रहा था। सिंपेथी हासिल करने के लिए ये नया ड्रामा चलाया गया है। लेकिन, ये भी सच्चाई जानते हैं कि ये हजारों करोड़ रुपए की हेरा-फेरी के मामले में जमानत पर बाहर हैं। ये ओबीसी वर्ग के लोगों को चोर बताने के मामले में सजा पा चुके हैं। इनको देश की सर्वोच्च अदालत पर गैर जिम्मेदार बयान देने के बाद माफी मांगनी पड़ी। इन पर महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर जैसे व्यक्तिव का अपमान करने का मुकदमा है। देश की सबसे बड़ी पार्टी के हत्यारा कहने का मुकदमा चल रहा है। इन पर अनेक नेताओं, अधिकारियों, संस्थानों पर झूठ बोलने के गंभीर आरोप हैं और वो केस चल रहे हैं। बालक बुद्धि में न बोलने का ठिकाना होता है और न ही बालक बुद्धि में व्यवहार का कोई ठिकाना होता है। जब ये बालक बुद्धि पूरी तरह सवार हो जाती है तो सदन में भी किसी के गले पड़ जाते हैं। ये बालक बुद्धि अपनी सीमाएं खो देती हैं। और सदन में आंखें मारते हैं। इनकी सच्चाई अब पूरा देश समझ गया है।"

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