MONSOON IN GWALIOR: आसमान में बादलों का मेला, धरती पर गिरीं बस बूंदें

नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। मौसम में हर दिन बदलाव हो रहे हैं, लेकिन लोगों को फिलहाल गर्मी से छुटकारा मिलने वाला नहीं है। मानसूनी हवाओं का सिस्टम ग्वालियर चंबल अंचल में ठीक से नहीं बन पा रहा है। इस कारण बादलों में सघनता नहीं आ पा रही है और वर्षा नहीं हो पा रही है। रविवार को हल्की बूंदाबांदी होकर रह गई, जबकि आसमान में पूरे दिन बादलों का आना जाना रहा, लेकिन वे झमाझम वर्षा नहीं करा सके। इस कारण से धूप ने उमस बढ़ा दी। लोगों को चिपचिपी गर्मी का अहसास हुआ और पसीना-पसीना हुए।

मौसम वैज्ञानिक प्रदीप गुप्ता का कहना है कि अगले तीन दिन ग्वालियर चंबल में अनेक स्थानों पर वर्षा होगी, पर तीन दिन बाद अधिकतर स्थानों पर झमाझम वर्षा हो सकती है। असल में मानसून का सिस्टम कमजोर होने से बादल बूंदाबांदी कराकर ही थम जाते हैं, क्योंकि न तो इस समय ग्वालियर चंबल अंचल में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है और न ही मध्य प्रदेश से कोई ट्रफ लाइन गुजर रही है। इसलिए वर्षा ठीक से नहीं हो पा रही है, पर तीन दिन बाद हवाओं का दबाव बनने से अच्छी वर्षा हो सकती है।

सुबह साढ़े पांच बजे तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, पर सुबह सात बजे के आसपास बूंदाबांदी होने से सुबह साढ़े आठ बजे तापमान 29.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लेकिन जैसे जैसे दिन आगे बढ़ने लगा तो धूप ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया। इस कारण अधिकतम तापमान बीते रोज से 2.4 डिग्री सेल्सियस से अधिक 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान में बीते रोज से एक डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी के साथ 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि सुबह के समय 0.4 एमएम वर्षा दर्ज की गई जबकि कुल वर्षा 145.7 एमएम दर्ज की गई।

सुबह के समय हवा में नमी 82 फीसद और दोपहर में 73 फीसद दर्ज की गई। मध्य प्रदेश सहित आसपास के राज्यों में बना हवाओं का चक्रवात: मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि मध्य प्रदेश के मध्य में 5.8 किमी की ऊंचाई पर हवाओं का सिस्टम बना हुआ है, लेकिन इसका असर ग्वालियर चंबल अंचल पर नहीं पड़ रहा। उत्तरी हरियाणा में 1.5, पश्चिमी झारखंड में 1.5 और उत्तरी असम में 0.9 किमी की ऊंचाई पर हवाओं का चक्रवात बना हुआ है।

2024-07-01T02:40:06Z dg43tfdfdgfd