जागरण संवाददाता,कठुआ। स्वच्छता अभियान की तरह सरकार के आदेश पर कुछ वर्ष पहले जगह जगह सरकारी संस्थानों व सार्वजनिक स्थानों पर राष्ट्रीय तिरंगे लगाने की अहमियत को अधिकारी अब भूलने लगे हैं।
जिस गंभीरता और सम्मान के साथ शुरू में तिरंगों को लगाया गया था, अब वो सम्मान और गंभीरता कम दिख रही हैं। इसके कई प्रमाण अब जगह जगह देखने को मिलने लगे हैं।
कठुआ नगर परिषद में लाखों खर्च कर मुखर्जी चौक में लगाया गया 100 फीट से ज्यादा ऊंचा तिरंगा को फटने के डेढ़ महीने के बाद उतारा गया था, लेकिन आज तक दोबारा नहीं लगाया गया है।
इसी तरह लखनपुर कस्बे में भी लगाया गया 80 फीट ऊंचा तिरंगा भी गत सप्ताह फटने के बाद मीडिया में मामला आने के बाद उतारा गया, उसके बाद वहां भी दोबारा नहीं लगाया गया है।
तिरंगे की अहमियत को भूल रहे अधिकारियों को जगाने के लिए शहर में सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता मीर चंद ने बुधवार कड़कती धूप में झंडा स्थल मुखर्जी चौक में करीब तीन घंटे धरना दिया।
उन्होंने अधिकारियों से राष्ट्रीय तिरंगे का अपमान न करने की अपील की और जल्द वहां से उतारे गए तिरंगे को लगाने की मांग उठाई। मीर चंद ने कहा कि अगर सरकारी संस्थानों को तिरंगों को अहमियत नहीं देनी है तो स्थायी रूप से लगाना बंद कर दें।
अगर जगह चिन्हित की गई है और लाखों खर्च कर प्लेटफार्म बनाया गया है तो इसकी अहमियत समझनी होगी। बाकायदा उस समय प्रदेश भाजपा अध्यक्ष उद्घाटन करने पहुंचे थे,लेकिन अब सम्मान और अहमियत की अनदेखी क्यों।
यह भी पढ़ें- Amarnath Yatra 2024: अमरनाथ यात्रा पर गृह मंत्रालय रख रहा है नजर, मार्ग की हर तीन घंटे में होगी सुरक्षा समीक्षा
हर रोज यहां राष्ट्रवादी संगठनों के नेता भारत माता की जय करने पहुंचते हैं, क्या उनको बिना तिरंगे के स्थान नहीं दिखता। राष्ट्रीय तिरंगा देश की आन बान और शान है। इसके लिए कई वीर कुर्बान हो चुके हैं। इसलिए प्रशासन अपने स्तर पर इसका संज्ञान लें।
मीर चंद ने बताया कि डीसी कार्यालय में भी सिर्फ डंडा ही रह गया है, तिरंगा नहीं दिख रहा है। मीर चंद के साथ धरने में भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता रजत खुल्लर ने भी सहयोग किया।
2024-06-27T08:04:09Z dg43tfdfdgfd