PM MODI IN RAJYA SABHA: 'खरगे जी खुद दीवार बनकर खड़े हो गए, परिवार बच निकला', पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में अपने संबोधन में कहा, 'कुछ लोग जानबूझकर जनादेश से अपना मुंह फेर कर बैठे रहे, कुछ लोगों को समझ नहीं आया और जिनको समझ आया उन्होंने हो-हल्ला कर देश की जनता के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर छाया करने की कोशिश की। लेकिन मैं पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है और दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रही है। 10 साल के बाद किसी एक सरकार की लगातार फिर से वापसी हुई है और मैं जानता हूं कि भारत के लोकतंत्र में 6 दशक बाद हुई, ये घटना असामान्य है।'

हमारे 10 साल हुए अभी 20 साल बाकी

 प्रधानमंत्री ने कहा, 'कांग्रेस के कुछ साथियों को धन्यवाद करना चाहता हूं, क्योंकि जब से नतीजे आए, तब से कांग्रेस के एक साथी को मैं देख रहा था, हालांकि उनकी पार्टी ही उनको समर्थन नहीं कर रही थी, लेकिन वे अकेले ही झंडा लेकर दौड़ रह थे। ऐसा मैं क्यों कह रहा हूं, क्योंकि जिन्होंने ये बार-बार ढोल पीटा था कि ये एक तिहाई सरकार है, उनके मुंह में घी शक्कर। इससे बड़ा सत्य और क्या हो सकता है। हमारे 10 हुए हैं, 20 और बाकी हैं। अभी एक तिहाई हुआ कार्यकाल हुआ है और दो तिहाई बाकी है। इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर।

'संविधान को जन उत्सव के रूप में मनाने का फैसला किया'

अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'संविधान हमारे लिए सिर्फ संविधान के अनुच्छेद भर नहीं हैं बल्कि इसकी भावना भी हमारे लिए अहम है। किसी भी परिस्थिति में संविधान हमारा मार्गदर्शन करता है। मैंने जब लोकसभा में हमारी सरकार की तरफ से कहा था कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे, तो मैं हैरान हूं कि जो लोग आज संविधान को लेकर घूमते हैं, उन्होंने उसका विरोध किया था। संविधान हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा है। अब जब हम 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं तो हमने इसे जन उत्सव के रूप में मनाने का फैसला किया है। संविधान दिवस के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों को संविधान की भावना विकसित हो, संविधान की रचना में क्या भूमिका रही है, देश के गणमान्य महापुरुषों ने संविधान के निर्माण में किन कारणों से कुछ चीजों को छोड़ने का निर्णय किया और किन कारणों से कुछ चीजों को स्वीकार करने का निर्णय किया इसके विषय में विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। व्यापक रूप से संविधान के प्रति आस्था का भाव जगे और संविधान के प्रति समझ विकसित हो। संविधान हमारी प्रेरणा रहे इसके लिए हम कोशिश करते रहे हैं।'

'भ्रम की राजनीति के बजाय भरोसे की राजनीति को जनता ने दी तरजीह'

'देश की जनता ने हमें जो तीसरी बार अवसर दिया है, वो अवसर विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत की यात्रा को मजबूती देने के लिए, संकल्प को सिद्धि तक ले जाने के लिए देश को करोड़ों लोगों ने हमें आशीर्वाद दिया। ये चुनाव 10 वर्षों की सिद्धि पर तो मुहर है ही, साथ ही भविष्य के संकल्पों पर भी मुहर है। देश की जनता का भरोसा हम पर है और इसी भरोसे पर जनता ने हमें फिर से मौका दिया है। देश ने पिछले 10 वर्षों में हमारे देश की अर्थव्यवस्था को दसवें नंबर से पांचवें नबर पर पहुंचते देखा है। देश की जनता ने प्रोपेगैंडा (भ्रम की राजनीति) को खारिज कर परफॉर्मेंस (भरोसे की राजनीति) को तरजीह दी है। इस बार देश की जनता ने हमें पांचवे नंबर से तीसरे नंबर पर पहुंचाने का जनादेश दिया है और हम इस संकल्प को पूरा करके रहेंगे।'

'अगले पांच वर्षों में सार्वजनिक यातायात को बदल देंगे'

प्रधानमंत्री ने कहा 'यह सदी, तकनीक की सदी है। हम नए-नए क्षेत्रों में अपनी पहचान छोड़ रहे हैं। हम अगले पांच वर्षों में सार्वजनिक यातायात को पूरी तरह से बदल देंगे। पिछले 10 वर्षों में हमने जो किया है, उसकी गति भी बढ़ाएंगे, उसका विस्तार भी करेंगे। गहराई भी होगी, ऊंचाई भी होगी और हम इस संकल्प को पूरा करेंगे। जो लोग ऑटो पायलट मोड में रिमोट कंट्रोल सरकार चलाने के आदी हैं, ये कुछ करने धरने में विश्वास नहीं रखते, ये इंतजार करना जानते हैं, लेकिन हम परिश्रम में कोई कमी नहीं रखते हैं।'

'मैदान छोड़कर भाग जाना ही विपक्ष के नसीब में लिखा है'

प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान विपक्ष ने हंगामा किया और फिर सदन से वॉकआउट किया। विपक्ष के वॉकआउट पर प्रधानमंत्री ने कहा 'पूरा देश देख रहा है कि जिन्होंने झूठ फैलाया, उनमें सच सुनने की भी ताकत नहीं है। उनमें सच का सामना करने की ताकत नहीं है। उन्होंने जो सवाल उठाए थे, विपक्ष में उनका जवाब सुनने की भी ताकत नहीं है। ये उच्च सदन का अपमान कर रहे हैं। देश की जनता ने हर प्रकार से उनको इतना पराजित कर दिया है कि अब उनके पास गली-मोहल्ले में चीखने के सिवाय कुछ बचा नहीं है। नारेबाजी, हो-हल्ला और मैदान छोड़कर भाग जाना... यही उनके नसीब में लिखा हुआ है।'

किसानों के मुद्दे पर पीएम मोदी ने ये बातें कही

'किसान कल्याण हमारी सरकार के केंद्र में हैं। हमारी योजनाओं का लाभ देश के 10 करोड़ किसानों को हुआ है। हम किसानों को तीन लाख करोड़ दे चुके हैं। वैश्विक परिस्थितियों के चलते दुनियाभर में फर्टिलाइजर के दाम बढ़े हैं। हमारी सरकार ने किसानों को 12 लाख करोड़ रुपये की फर्टिलाइजर सब्सिडी दी है। कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल में एक बार किसानों की कर्जमाफी हुई और किसानों को गुमराह करने का प्रयास किया गया। 60 हजार करोड़ की कर्जमाफी पर इतना हल्ला मचाया था, लेकिन उसके लाभार्थी सिर्फ तीन करोड़ किसान थे। उनमें भी गरीब किसान का नाम-ओ-निशान नहीं था। हमने कृषि को व्यापक रूप में देखा और मछुआरों को भी किसान क्रेडिट कार्ड मुहैया कराया।' 

 

'ट्रांसजेंडर्स के लिए बनाया कानून'

प्रधानमंत्री ने कहा 'सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर हमने देश की विकास यात्रा को रफ्तार देने की कोशिश की है। आजादी के बाद अनेक दशकों तक जिनको कभी पूछा नहीं गया, हमारी सरकार उनको पूछती तो है, पूजती भी है। दिव्यांग भाई-बहनों के साथ उनकी कठिनाइयों को समझते हुए गरिमापूर्ण जीवन की दिशा में काम किया है। हमारे समाज में किसी न किसी कारण से एक उपेक्षित ट्रांसजेंडर वर्ग है। हमारी सरकार ने ट्रांसजेंडर साथियों के लिए कानून बनाने का काम किया है। पश्चिम के लोगों को भी आश्चर्य होता है कि भारत इतना तरक्कीपसंद है। पद्म अवॉर्ड में भी ट्रांसजेंडर को अवसर देने में हमारी सरकार आगे आई।'

बंगाल की घटनाओं को लेकर विपक्ष को घेरा

प्रधानमंत्री ने कहा, 'देश का दुर्भाग्य है कि संवेदनशील मामलों में जब राजनीति होती है, तो देशवासियों को और खासकर महिलाओं को अकल्पनीय पीड़ा होती है। महिलाओं के साथ होते अत्याचार में विपक्ष का मनमाना रवैया है, ये चिंताजनक है। कुछ समय पहले, मैंने बंगाल से आई कुछ तस्वीरों को सोशल मीडिया पर देखा। एक महिला को वहां सरेआम सड़क पर पीटा जा रहा है, वो बहन चीख रही है। वहां खड़े हुए लोग उसकी मदद के लिए नहीं आ रहे है, जो घटना संदेशखाली में हुई, जिसकी तस्वीरें रोंगटे खड़े कर देने वाली हैं, लेकिन बड़े बड़े दिग्गज जिनको मैं कल से सुन रहा हूं, पीड़ा उनके शब्दों में भी नहीं झलक रही है। इससे बड़ा शर्मिंदगी का चित्र क्या हो सकता है? जो लोग खुद को प्रगतिशील नारी नेता मानते हैं, वो भी मुंह पर ताले लगाकर बैठ गए हैं। क्योंकि घटना का संबंध उनके राजनीतिक जीवन से जुड़े दल से या राज्य से है।'

'खरगे जी खुद दीवार बनकर खड़े हो गए, परिवार बच निकला'

लोकसभा चुनाव के नतीजों पर कांग्रेस पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री ने कहा 'हमारे कांग्रेस के लोग खुशी में मग्न हैं, लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि इस खुशी का कारण क्या है? क्या ये खुशी हार की हैट्रिक पर है?  क्या ये खुशी नर्वस 90 का शिकार होने की है? 

क्या ये खुशी एक और असफल लॉन्च की है? इन चुनाव नतीजों से कैपिटल मार्केट में तो उछाल नजर ही आ रहा है, लेकिन दुनिया में भी उमंग और आनंद का माहौल है। खड़गे जी ने उनकी पार्टी की बड़ी सेवा की है। पराजय का ठीकरा जिन पर फूटना चाहिए था, उन्हें खड़गे जी ने बचा लिया और खुद दीवार बनकर खड़े हो गए। परिवार बच निकला।'

 

2024-07-03T06:59:56Z dg43tfdfdgfd