NEET और JEE एडवांस्ड किए क्रैक, IIT और MBBS को ठुकरा देश के बेस्ट इंस्टीट्यूट में दाखिला लेगा यह होनहार छात्र

जेईई मेन और एडवांस्ड क्रैक कर आईआईटी में इंजीनियरिंग करना इस देश के लाखों स्टूडेंट्स का सपना होता है। लेकिन कुछ स्टूडेंट्स ऐसे होते हैं जो परंपरा से हटकर फैसला लेते हुए अपनी रुचि व लक्ष्य को ध्यान में रखकर अलग राह चुनते हैं। असम के होनहार छात्र धृतिष्मान दत्ता ऐसे ही स्टूडेंट्स हैं। धृतिष्मान ने जेईई मेन और जेईई एडवांस्ड क्रैक किया। जेईई मेन में उनके 99.875 परसेंटाइल और जेईई एडवांस्ड में उनकी ऑल इंडिया रैंक 1,422 रही। इस रैंक से उन्हें किसी न किसी आईआईटी में आसानी से दाखिला मिल जाता। मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी में उनके 720 में से 625 मार्क्स आए है। इन मार्क्स के बलबूते वे सरकारी नहीं तो किसी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर सकते हैं। लेकिन धृतिष्मान ने आईआईटी से इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस के ऑप्शन को ठुकरा कर देश की बेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट आईआईएससी बेंगुलरु में दाखिला लेने का फैसला किया है। धृतिष्मान दत्ता ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर ) एप्टीट्यूड टेस्ट (आईएटी) 2024 में ऑल इंडिया चौथी रैंक हासिल की है। इसका परिणाम 25 जून को घोषित किया गया।

आपको बता दें कि आईआईएसईआर आईएटी एंट्रेस एग्जाम के जरिए देश के 7 रिसर्च संस्थान आईआईएसईआर और आईआईएससी बेंगलुरु व आईआईटी मद्रास के रिसर्च डिग्री कोर्स में दाखिला मिलता है। इस एग्जाम से पांच वर्षीय बीएस एमएस ड्यूल डिग्री प्रोग्राम, चार वर्षीय बीएस डिग्री कोर्स में दाखिला मिलता है। सरकार की एनआईआरएफ रैंकिंग में आईआईएससी बेंगलुरु देश का बेस्ट रिसर्च संस्थान है और ओवरऑल कैटेगरी में यह दूसरे नंबर पर है।

18 वर्षीय धृतिष्मान ने असम बोर्ड 10वीं परीक्षा में 94.2 फीसदी अंक के साथ पूरे राज्य में 9वीं रैंक हासिल की है। इंडियन एक्सप्रेस से डिब्रूगढ़ के छात्र ने कहा कि वह संस्थान के फर्स्ट ईयर के दौरान और ऑप्शन खंगालना चाहता है। इसके बाद वह अपने भविष्य के बारे में फैसला करेगा। दत्ता का आईएटी का यह पहला प्रयास था। वह जेईई मेन 2024 के दोनों सत्रों, जेईई एडवांस्ड और नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट अंडरग्रेजुएट (नीट यूजी ) में भी शामिल हुए। जेईई एडवांस्ड में 1,422 रैंक से उन्हें आईआईटी रुड़की, आईआईटी कानपुर या आईआईटी खड़गपुर में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग या इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ब्रांच में एडमिशन मिल जाता। नीट यूजी स्कोर इतना है कि वह स्टेट कोटा सीट के लिए पात्र हैं। 

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कैसे की जेईई मेन, आईएटी व नीट की साथ साथ तैयारी

दत्ता ने कहा, 'मैंने जेईई मेन को ध्यान में रखते हुए कक्षा 10वीं के बाद अपनी तैयारी शुरू की। हालांकि रिसर्च में मेरी रुचि और आईआईएसईआर एप्टीट्यूड टेस्ट ने मेरी तैयारी का रुख ज्यादातर आईएटी की तरफ कर दिया। मैंने आकाश में पीसीएमबी कोचिंग ली। आईएटी 2024 परीक्षा की तैयारी के लिए मेरे स्कूल के शिक्षकों ने इस उपलब्धि को हासिल करने में मदद की।" 

अपनी तैयारी की रणनीति के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थान द्वारा दिए गए नोट्स और स्कूल में एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों से पढ़ाई की। उन्होंने कहा, "दोपहर 1 से 3 बजे के बीच मेरा स्कूल खत्म होने के बाद मैं थोड़ा आराम करता और फिर स्कूल होमवर्क पूरा करता। मैंने शाम 7 बजे से 10 बजे तक ऑनलाइन कोचिंग की।" 

उन्होंने आगे कहा. "मैंने इस तरह से पढ़ाई की कि मेरी ऑनलाइन कोचिंग ने मेरी बोर्ड परीक्षा की तैयारी और स्कूल की दिनचर्या में बाधा नहीं डाली। मुझे नहीं लगता कि सीबीएसई के छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में बढ़त मिलती है। सिलेबस का सार एक ही रहता है - चाहे वह राज्य बोर्ड हो, सीबीएसई हो या सीआईएससीई।' 

बोर्ड परीक्षा खत्म होने के बाद क्या रूटीन था, इस पर उन्होंने कहा कि उन्होंने रोजाना के लक्ष्य तय किए थे, जिन्हें वे शायद ही कभी पूरा करते थे। उन्होंने पीसीएमबी विषयों को पढ़ने और दोहराने के लिए अपना दिन तय किया था। उन्होंने कहा, ''मैंने आईएटी के लिए पीसीएम की तुलना में बायोलॉजी पर कम ध्यान दिया, हालांकि इसमें 25 प्रतिशत वेटेज था।'' उन्होंने पिछले वर्षों के प्रश्नों को भी अच्छे से हल किया।

2024-07-03T08:44:09Z dg43tfdfdgfd