NEET PAPER LEAK: पेन-पेपर से नहीं, ऑनलाइन होगा NEET एग्जाम! पेपर लीक विवाद के बीच सरकार ले सकती है बड़ा फैसला

NEET UG Controversy: नीट यूजी एग्जाम के कथित पेपर लीक को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है. इसी बीच सरकार अगले साल से नीट एग्जाम को ऑनलाइन करवाने पर विचार कर रही है. नीट पेपर लीक को लेकर महाराष्ट्र से बिहार तक कई आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. सीबीआई भी मामले की जांच कर रही है. इसके अलावा मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच चुका है. संसद में भी नीट पेपर लीक का मुद्दा गरमाया हुआ है, जहां विपक्ष इस पर चर्चा की मांग कर रहा है. 

वर्तमान में नीट यूजी एग्जाम पेन और पेपर मोड में करवाया जाता है. इस पेपर का फॉर्मेट एमसीक्यू वाला होता है, जिसमें छात्रों को आंसर चुनने के लिए ऑप्शन दिए जाते हैं. छात्र अपने आंसर को एक ओएमआर शीट पर लिखते हैं, जिसे बाद में स्कैन किया जाता है. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कई मौकों पर नीट यूजी एग्जाम को ऑनलाइन मोड में करवाने पर असहमति जताई है. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से ही नीट एग्जाम को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) आयोजित करवाती है. 

जेईई एग्जाम के फॉर्मेट पर हुई चर्चा

अभी आईआईटी और इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) मेन्स और अडवांस्ड एग्जाम ऑनलाइन मोड में करवाए जाते हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने एनटीए में सुधार और एग्जाम प्रोसेस में समीक्षा करने के लिए इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय पैनल का गठन किया. इस पैनल की पिछले एक हफ्ते में हुई कम से कम तीन हाई लेवल की बैठकों में जेईई एग्जाम के फॉर्मेट पर चर्चा की है. 

ऑनलाइन एग्जाम से स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्यों किया इनकार?

दरअसल, 2018 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ऐलान किया था कि नीट 2019 से ऑनलाइन और साल में दो बार आयोजित किया जाएगा. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस ऐलान पर आपत्ति जताई और कहा कि उसकी परामर्श के बिना फैसला लिया गया है. फिर शिक्षा मंत्रालय ने अपने फैसले को मजबूरन वापस ले लिया. स्वास्थ्य मंत्रालय इस बात को लेकर चिंतित था कि अगर ऑनलाइन एग्जाम करवाए जाते हैं तो इससे गरीब और ग्रामीण छात्रों को नुकसान होगा. 

एनएमसी लेनी ऑनलाइन एग्जाम पर आखिरी फैसला

वहीं, एक सरकारी अधिकारी ने बताया, "ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले कई छात्र हैं, जो जेईई मेन में हिस्सा लेते हैं और जेईई एडवांस्ड के लिए क्वालिफाई करते हैं. ये दोनों ही टेस्ट कंप्यूटर बेस्ड हैं. फिर ग्रामीण इलाकों के नीट अभ्यर्थियों के लिए यह समस्या क्यों होनी चाहिए?" सूत्रों ने कहा कि एग्जाम को ऑनलाइन मोड में करवाने पर अंतिम फैसला राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) पर निर्भर करता है. एनएमसी के सूत्रों ने भी स्वीकार किया कि ऑनलाइन परीक्षा एक विकल्प है. 

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