MONSOON NEWS: झमाझम बारिश ला रहा है मॉनसून, IMD ने दी राहत, पर यहां बाढ़ की भी आशंका

Monsoon Updates: IMD यानी भारत मौसम विज्ञान विभाग को आगामी तीन महीनों में अच्छी बारिश की उम्मीद है। खास बात है कि जून में 11 फीसदी कम बारिश के बाद भी मॉनसून 'सामान्य से अधिक' रह सकता है। इसके अलावा विभाग ने कई इलाकों में बाढ़ आने और बादल फटने जैसे हालात की भी चेतावनी जारी की है। मॉनसून 2-3 दिनों में राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के बचे हुए हिस्सों में पहुंच सकता है।

मौसम विभाग के प्रमुख मृत्युंजय मोहापात्र का कहना ने पिछला डेटा जारी किया, जिससे संकेत मिल रहे हैं कि देश में बारिश 'सामान्य से अधिक' रह सकती है। साथ ही ला नीना अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा, '25 में से 20 सालों में जब जून में बारिश सामान्य से कम होती है, तो जुलाई की बारिश सामान्य या इससे अधिक होती है। ऐसे ही 25 में से 17 सालों में जब जून में बारिश सामान्य से कम होती है, तो दक्षिण पश्चिम मॉनसून की बारिश सामान्य या सामान्य से अधिक होती है।'

इसके अलावा अच्छी बारिश के चलते उत्तर पश्चिम भारत में तापमान भी राहत देगा। इस दौरान अधिकांश क्षेत्रों में दिन का तापमान सामान्य या सामान्य से कम पर आ सकता है।

बाढ़ की आशंका

IMD ने सोमवार को कहा कि जुलाई में भारत में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है तथा भारी वर्षा के कारण पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों और देश के मध्य भाग में नदी घाटियों में बाढ़ आने की आशंका है। साथ ही पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम वर्षा का पूर्वानुमान जताया है।

उन्होंने कहा, 'पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों और उत्तर-पश्चिम, पूर्व और दक्षिण-पूर्वी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है।' आईएमडी प्रमुख ने कहा कि सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान 'निश्चित रूप से' कुछ क्षेत्रों में बहुत भारी वर्षा की संभावना को दर्शाता है। 

उन्होंने कहा, 'विशेष रूप से, यदि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों तथा पश्चिमी हिमालय की तराई को देखें तो हम सामान्य से अधिक वर्षा की उम्मीद कर रहे हैं।' महापात्र ने कहा, 'यह वह क्षेत्र है जहां बादल फटने, भारी वर्षा के कारण भूस्खलन, बाढ़ के रूप में विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं। कई नदियां भी यहीं से निकलती हैं। मध्य भारत में भी गोदावरी, महानदी और अन्य नदी घाटियों में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान है। इसलिए वहां बाढ़ की आशंका अधिक है।' 

नेपाल स्थित अंतर-सरकारी संगठन अंतरराष्ट्रीय एकीकृत पर्वतीय विकास केंद्र (आईसीआईएमओडी) के विशेषज्ञों ने भी बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और पाकिस्तान सहित हिंदुकुश हिमालयी क्षेत्र के देशों के लिए मॉनसून के दौरान मौसम की चरम घटनाओं की चेतावनी दी है। आईसीआईएमओडी में जलवायु सेवा के लिए कार्यक्रम समन्वयक मंदिरा श्रेष्ठ ने कहा, 'पिछले वर्ष हिंदुकुश हिमालयी देशों के कई इलाकों में औसत से कम वर्षा हुई थी, इस तथ्य के बावजूद हिंदुकुश हिमालय के क्षेत्रों में समुदाय कई बार विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित हुए।' 

उन्होंने कहा, 'इस संदर्भ में, इस वर्ष का मॉनसून पूर्वानुमान चिंताजनक है। यह समग्र तापमान वृद्धि की प्रवृत्ति के भी विपरीत है, जिसके बारे में हम जानते हैं कि यह बर्फ और हिमनदों के अधिक पिघलने के नुकसान से जुड़ा है। बर्फ का पिघलना अक्सर विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन का एक प्रमुख कारक होता है जिसे हम इस समय अपने क्षेत्र में देख रहे हैं।' 

वर्ष 2023 में जुलाई और अगस्त में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तथा अक्टूबर में पूर्वी हिमालय में तीस्ता नदी में विनाशकारी बाढ़ आई थी। भारत में जून में सामान्य से 11 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई। महापात्र ने जून में सामान्य से कम वर्षा के लिए मौसम प्रणालियों की कमी के कारण देश के उत्तरी और पूर्वी भागों में मॉनसून की धीमी प्रगति को जिम्मेदार ठहराया। 

आईएमडी ने कहा कि पश्चिमी तट को छोड़कर उत्तर-पश्चिम भारत और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा, 'मध्य भारत, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों और पश्चिमी तट पर सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है।' आईएमडी ने कहा कि उत्तर-पश्चिम के कुछ हिस्सों और मध्य भारत के आस-पास के इलाकों और दक्षिण-पूर्वी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने का अनुमान है। महापात्र ने कहा, 'हम जुलाई में मॉनसून के दौरान अच्छी बारिश की उम्मीद कर रहे हैं।'

(एजेंसी इनपुट के साथ)

2024-07-02T02:24:06Z dg43tfdfdgfd