KORBA NTPC DAM BURST NEWS : एनटीपीसी का धनरास डैम फूटा, 50 किसानों के खेत में भरा राख

नईदुनिया प्रतिनिधि, कोरबा : औद्योगिक नगरी कोरबा में राखड़ की समस्या गंभीर पायदान पर पहुंच चुकी है। एनटीपीसी कोरबा के धनरास राखड़ डैम अचानक रात को फूट गया। सैकड़ों टन राखयुक्त पानी आसपास के किसानों के खेतों तक जा पहुंचा। हवा में घुली राख इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के फेफड़े तक तो पहले से ही पहुंच रहा है और अब फसल चौपट हो गई है। करीब 40 एकड़ खेत में किसान बुआई कर चुके थे, जो पूरी तरह राख की परत से ढंक गया।

कोरबा के जमनीपाली में एनटीपीसी की 2600 मेगावाट क्षमता की विद्युत संयंत्र संचालित है। यहां प्रतिदिन औसतन 40 हजार टन कोयले की खपत होती है। इससे उत्सर्जित होने वाली राख की शत प्रतिशत उपयोगिता सुनिश्चित नहीं हो पाने की वजह से अभी भी राखड़ डैम में पाइप लाइन के माध्यम से राख भेजा जा रहा। किसानों की मानें तो धनरास राखड़ डैम में क्षमता से अधिक राख भरा चुका है और अब डैम की रेजिंग (ऊंचाई) बढ़ा कर राख डंप किया जा रहा। क्षमता से अधिक राख होने की वजह से वर्षा का पानी का दबाव तटबंध झेल नहीं सका और उसका एक हिस्सा शनिवार की रात को टूट गया। इसकी जानकारी मिलने पर कुछ ग्रामीण मौके पर पहुंचे। टूटे हुए तटबंध से राख बहते हुए का वीडियो भी ग्रामीणों ने बनाया और कुछ फोटोग्राफ्स भी लिए।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार डैम के फूटने की वजह से राख का सैलाब पानी के साथ बह कर निकल रहा था। देखते ही देखते आसपास के खेतों के मेढ़ तक राख पट गए। अभी कुछ दिनों पहले ही किसानों ने काफी मेहनत कर बोआई किया था। सुबह उस वक्त नाराजगी फैल गई, जब किसानों ने अपनी खेतों पर राख की मोटी परत देखी। नाराज किसान मुआवजा और एनटीपीसी प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग को लेकर राखड़ डैम में ही धरने पर बैठ गए। प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार दर्री जानकी काटले, हल्का पटवारी बाबूलाल कोरवा और जितेन्द्र कुमार क्षतिग्रस्त डैम स्थल पहुंच कर नुकसान हुए खेतों का जायजा लिया। टीम ने सर्वे किया।

इस दौरान 45 से 50 किसानों का खेत राखड़ से प्रभावित होना पाया गया। क्षेत्र के लोगों को अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि यदि प्रबंधन की लापरवाही से यह घटना हुई है, तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई अवश्य की जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि एनटीपीसी से सभी प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिलाया जाएगा। तब कहीं जाकर नाराज किसान शांत हुए और आंदोलन समाप्त हुआ।

सुलगते सवाल

- धनरास राखड़ डैम की रेजिंग की अनुमति ली गई थी या नहीं।

- डैम के रखरखाव के लिए प्रति माह लाखों रूपये खर्च किया जा रहा, फिर तटबंध कैसे टूटा।

- राखड़ डैम के रखरखाव की जवाबदारी निभाने वालों को प्रतिदिन पेट्रोलिंग कर निगरानी करनी होती है, फिर भला यह घटना कैसे हो गई।

- क्या समय रहते दरार पड़े स्थान को भर कर फूटने से बचाया जा सकता था।

तीन साल पहले हुई घटना का अब तक नहीं मिला मुआवजा

धनरास राखड़ डैम टूटने की यह कोई पहली घटना नही है। इसके पहले भी वर्ष 2021 में ऐसी ही घटना हो चुकी है। उस वक्त भी किसानों के खेतों में राख भर गया था, जिसकी वजह से भारी नुकसान उठाना पड़ा था। नायब तहसीलदार जानकी काटले के समक्ष उस घटना की जिक्र करते हुए कहा कि पहले हुए नुकसान की भरपाई तीन साल बाद भी एनटीपीसी प्रबंधन ने अब तक नहीं की है और अब इसकी पुनरावृत्ति हो गई है। किसानों ने यह भी बताया कि राखड पानी के सीवेज से खेत दलदल बन जाने से कृषि उपयोग लायक नहीं रहा, इसका भी मुआवजा प्रबंधन नहीं दे रही।

0 क्या कहते हैं पीड़ित

प्रबंधन के षडयंत्र का शिकार हुई राखड़ डैम

भरोस सिंह

राखड बांध बनने के बाद लोगों का जीना दुश्वार हो गया है ग्राम वासी राखड भरे जिंदगी बितानी पड़ रही है, राखड से लोगों को भारी नुकसान झेलना पड रहा है। हमें तो लग रहा है कि डैम में और अधिक राख खपाने प्रबंधन के षडयंत्र का शिकार राखड़ डैम हुई है।

भरोस सिंह, प्रभावित किसान

क्षतिपूर्ति नहीं मिली तो उग्र आंदोलन करेंगे

लक्ष्मी सिंह कंवर

राखड बांध फूटने से ग्राम के शत प्रतिशत कृषि भूमि में राखड पट गया है, इसकी वजह से अब खेत कृषि कार्य योग्य नहीं रहे। एनटीपीसी के राखड़ डैम से प्रभावित किसानों को यदि क्षतिपूर्ति राशि समय रहते प्रदान नहीं किया गया, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

लक्ष्मी सिंह कंवर

पांच एकड़ में कर चुका था बोआई

राजू कंवर

मैं अपने पांच एकड खेत में धान की बोआई कर चुका था। डैम फूटने से राखड खेत में पट गया। इसे हटाने में ही बहुत वक्त लगेगा। यदि हट भी गया तो अब इस वर्ष भूमि कृषि लायक नहीं रही।मुझे पहले की घटना का भी मुआवजा अब तक नहीं मिला है।

राजू कंवर प्रभावित किसान

शनिवार की रात को राखड़ डैम फूटने की बात सामने आई है। जांच के बाद वास्तविक जानकारी सामने आएगी। यदि इसमें कोई लापरवाही सामने आई, तो संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी। प्रारंभिक तौर पर 50 किसानों के खेत में हुई बोआई कार्य का नुकसान हुआ है। उचित मुआवजा एनटीपीसी प्रबंधन से प्रदान कराया जाएगा।

जानकी काटले, नायब तहसीलदार,

यह घटना करीब 10 दिन पहले की है। जिसका वीडियो मुझे भेजा गया था। जिन किसानों के बोआई कार्य का नुकसान हुआ है। उनको मुआवजा प्रदान किया जाएगा।

ऊष्मा घोष, जनसंपर्क अधिकारी एनटीपीसी

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