नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। मौसम के असर से बच्चों में पीलिया रोग काफी तेजी से फैल रहा है। कमलाराजा अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले हर तीसरा बच्चा पीलिया ग्रस्त मिल रहा है। डाक्टरों का कहना है कि यह दूषित पानी और खाना खाने के कारण हो रहा है। इसलिए स्वच्छ पानी का ही उपयोग करें ताकि बच्चे पीलिया से बच सकें।
कमलाराजा अस्पताल की बाल रोग विभाग की ओपीडी में हर रोज बड़ी संख्या में बच्चे अपने माता पिता के साथ उपचार के लिए आ रहे हैं। अधिकतर बच्चों में पीलिया के लक्षण पाए जा रहे हैं। बच्चों में पीलिया का प्रतिशत सात से आठ फीसद है। जिन बच्चों में पीलिया का असर काफी अधिक है, उन्हें बेहतर उपचार के लिए भर्ती कराया जा रहा है। कई लोग डाक्टरों के पास जाने के बजाय देसी उपचार भी करा रहे हैं।
आलम यह है कि अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले दस में से तीन बच्चों में पीलिया पाया जा रहा है। पीलिया के साथ ही बच्चों को वायरल फीवर व डायरिया भी सता रहा है। डायरिया से पीड़ित बच्चों को भी अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है। वार्डों में नहीं एक भी पलंग खाली: पीलिया के साथ वायरल, उल्टी दस्त की शिकायत के चलते केआरएच के बाल एवं शिशु रोग विभाग के वार्डों में एक भी पलंग खाली नहीं है।
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चों पर मौसम की मार पड़ रही है। चिकित्सक बताते हैं कि अचानक पीलिया के केस बढ़े हैं। उल्टी-दस्त के शिकार बच्चे पहले से ही भर्ती थे अब पीलिया से ग्रस्त बच्चों को भी भर्ती करना पड़ रहा है। इस कारण अब पलंग भी कम पड़ने लगे हैं।
बाल रोग विशेषज्ञ डा. घनश्याम दास का कहना है कि बच्चे खाना पीना बंद कर दें और उनके पेट में दर्द की शिकायत हो तो उसी समय बच्चे का पीलिया टेस्ट कराया जाए। अगर रिपोर्ट में पीलिया आता है तो उसी समय उपचार शुरू करा दिया जाना चाहिए। इस समय हर दूसरा व तीसरा बच्चा पीलिया रोग से ग्रस्त होकर ओपीडी में आ रहा है।
2024-07-01T05:40:37Z dg43tfdfdgfd