JANJGIR-CHAMPA NEWS : दसवीं में 32 वां तो बारहवीं में अंतिम पायदान पर जिला

नईदुनिया प्रतिनिधि, जांजगीर- चांपा : माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा दसवीं व बारहवीं का परिणाम एक साथ गुरूवार को जारी किया गया। इस बार जांजगीर-चांपा जिले का परिणाम निराशाजनक रहा। दसवीं का परिणाम 61.89 फीसदी रहा, जबकि बारहवीं में 63.28 फीसदी परीक्षार्थी सफल रहे। इस वर्ष भी छात्रों को पीछे छोड़ते हुए छात्राएं आगे रहीं। हालांकि जिले के एक मात्र होनहार छात्रा ने टापटेन में दसवां स्थान बनाया। जबकि बारहवीं में एक भी विद्यार्थी टापटेन में जगह नहीं बना सके। प्रदेश स्तर पर जिले का प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा। दसवीं में 33 जिले में जिले का क्रम 32 वां रहा जबकि बारहवीं में हमारा जिला अंतिम क्रम पर रहा।

दसवीं के परिणाम में जिला सिर्फ गौरेला-पेंड्रा मरवाही जिले से ही आगे रहा। गौरेला-पेंड्रा मरवाही जिले में दसवीं में सफलता का प्रतिशत 61.46 है जबकि जांजगीर-चांपा जिला का परिणाम 61.89 प्रतिशत रहा। इस तरह यह परिणाम चिंतनीय है। इस जिले से अलग होकर नया बने जिला सक्ती का परीक्षा परिणाम अपेक्षाकृत यहां से बेहतर है। शासकीय स्कूल के शिक्षक प्रतियोगी परीक्षा और मेरिट क्रम में चयनित हुए हैं। इसके बाद भी निजी स्कूलों की परीक्षा परिणाम बहुत खराब आया है। ऐसे में शिक्षा विभाग द्वारा संबंधित स्कूलों में पढ़ाई की गतिविधियों की समीक्षा करना भी आवश्यक है।

हालांकि शिक्षक इसके लिए प्रशासन को भी जिम्मेदार मानते हैं। आयुष्मान कार्ड बनवाने और आय जाति प्रमाण पत्र में उनकी ड्यूटी लगाए जाने से पढ़ाई प्रभावित होने की बात भी वे कहते हैं लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है। कई स्कूल के शिक्षकों में अध्यापन को लेकर गंभीरता नहीं है। कुछ शिक्षक नियमित नौकरी के साथ स्कूल भी संचालित करते हैं इसके अलावा कुछ अन्य व्यवसायों में भी समय देते हैं। इसके कारण भी वे अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदारी नहीं बरत पाते । कई महिला शिक्षक तो अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए लंबे समय तक बच्चों के देखभाल के लिए अवकाश में हैं। इसके अलावा कई ऐसे शिक्षक भी हैं जो शारीरिक रूप से कार्य करने में पूरी तरह अक्षम हैं। इनमें कुछ लकवा के शिकार हैं तो अन्य बीमारी से ग्रसित हैं। ऐसे शिक्षक महज उपस्थिति देने के लिए स्कूल जाते हैं और पूरा वेतन भी लेते हैं और पढ़ाई नहीं हो पाती।

10 वीं में पांच हजार तो 12वीं में 3 हजार विद्यार्थी फेल

जिले में दसवीं में 10 हजार 108 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए, जबकि 5 हजार 186 विद्यार्थी फेल हो गए और 8 विद्यार्थियों का परिणाम विभिन्न् कारणों से रोका गया है। इसी तरह बारहवीं में 13 सौ 54 विद्यार्थी विभिन्न् विषयों में पूरक हैं जबकि 3 ह जार 163 विद्यार्थी फेल हो गए। दसवीं और बारहवीं दोनों कक्षाओं में छात्राओ ने बाजी मारी है। दसवीं में गत वर्ष की तुलना में परिणाम साढ़े 4 प्रतिशत कम रहा वहीं बारहवीं में गत वर्ष की तुलना में 4 फीसदी कम परिणाम आया।

जिले में मात्र एक टापर

पिछले वर्ष दसवीं बारहवीं में जिले से 5 विद्यार्थी टापर थे। इस बार एक मात्र जागृति प्रजापति ने दसवीं में दसवां स्थान प्राप्त कर जिले की नाक बचाई है जबकि सक्ती जिले में दो टापर हैं।

परिणाम का शिक्षक भी करें विश्लेषण

महंगाई भत्ता, वेतनवृद्धि सहित अन्य मांगों को लेकर स्कूल बंद कर देने की चेतावनी देने वाले शिक्षकों को भी इस परिणाम का विश्लेषण करना चाहिए। सरकार की ओर से समय पर सभी शिक्षकों को पर्याप्त वेतन दिया जा रहा है। इसके बाद भी परिणाम का गिरना चिंताजनक है। हालांकि इस साल विधानसभा चुनाव के कारण भी पढ़ाई प्रभावित हुई है। इसके अलावा शिक्षकों को सत्र के महत्वपूर्ण तीन-चार महीने जाति निवास प्रमाण पत्र बनाने की जवाबदारी दिए जाने से भी परिणाम पर असर पड़ा है।

खराब परिणाम के ये हैं कारण

0 शिक्षकों के द्वारा ट्यूशन में ध्यान देना ।

0 लकवा ग्रस्त व बीमार शिक्षकों के द्वारा अध्यापन में असमर्थ होना।

0 पढ़ाई के अलावा शिक्षकों को आयुष्मान कार्ड, जाति प्रमाण पत्र आदि में लगाना।

0 शासन के आदेश के बाद भी डीईओ, बीईओ और अन्य कार्यालयों में शिक्षकों का संलग्नीकरण।

0 शिक्षकों के द्वारा गंभीरता से कर्तव्य का पालन नहीं किया जाना।

वर्षवार परीक्षा परिणाम

वर्ष कक्षा प्रतिशत

2023 - दसवीं - 66.34

2024 - दसवीं - 61.89

2023 - बारहवींं - 67.33

2024 - बारहवींं - 63.28

'''' प्रदेश की तुलना में परिणाम निराशाजनक तो नहीं कहा जा सकता । उत्कृष्ट जांजगीर योजना चलाकर इस बार पढ़ाई पर सत्र के शुरूवात से ही ध्यान दिया जाएगा। कलेक्टर के मार्ग निर्देशन में बेहतर परिणाम के लिए प्रयास किया जाएगा।

अश्वनी कुमार भारद्वाज

डीईओ, जांजगीर-चांपा

2024-05-10T18:22:55Z dg43tfdfdgfd