रजिया नूर, श्रीनगर। श्रीनगर में जबरवन पहाड़ी की तलहट्टी में सिथत विश्व प्रसिद्ध डल झील की सैर के लिए तो आप अभी तक अमूमन शिकारों ही इस्तेमाल करते थे। लेकिन फिर डल में मोटरबोट और वाटर क्रूज उतारे गए ताकि पर्यटकों का सफर आसान बने और अब आप डल झील के साथ-साथ इसके इर्द-गिर्द की खूबसूरती को बग्गी में बैठ बिलकुल शाही अंदाज में निखार सकते हैं।
आपको बता दें कि डल झील रूट पर आपके लिए अब बग्गी उपलब्ध रखी गई है, जिसमें बैठ आप बिलकुल शाही अंदाज से झील का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं। बता देते हैं कि आधुनिकता के इस दौर में घाटी में पहली बार है जब पर्यटकों के लिए बग्गी की सुविधा उपलब्ध रखी गई है।
दरअसल बग्गी सेवा का यह आइडिया चार स्थानीय युवाओं ने बुना था और इस प्रोजेक्ट को मुकम्मल कर बग्गी को बुलेवार्ड रोड पर उतारने में इन युवाओं को अढ़ाई वर्ष लगे। पटियाला से मंगवाई गई इस बग्गी व इस हांकने वाले चुस्त दुरस्त घोड़े वाली इस शाही सवारी की सेवा को शुरू हुए अभी एक सप्ताह ही हुआ है। यह पर्यटकों के आकर्षण का विशेष केंद्र बन गई है।
बग्गी सेवा शुरू करने वाले युवाओं शाहिद अली व मूमन वानी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर हमने लगातार अढ़ाई साल लगाए। हालांकि हमने जब अपना यह आइडिया अपने परिवार वालों के साथ शेयर किया तो उन्होंने यह कहकर हमें टोका कि ओड़ी, बीएमडबल्यो के क्रेज में आप लोग इस घोड़ा गाड़ी को कैसे प्रमोट कर सकते हो। दोस्तों ने भी कहा कि यह रिस्की होगा। लेकिन हमने उनकी बातों की परवाह नहीं की और अपने आइडिया पर काम करने लगे।
मूमिन ने कहा कि हमें पता था कि जब इंगलैड़, अमरीका जैसे आधुनिक देशों में बग्गियों का रिवाज है तो हमारे यहां क्यों नहीं हो सकता। शाहिद ने कहा, हमारी घाटी एक मैन टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। लाखों रुपये खर्च कर यहां आने वाले टूरिस्ट्स चाहें वह डोमेसटिक हो या इंटरनेशनल, कुछ नया और रॉयल फील कराने के लिए हमें नए-नए तजरुबे करने चाहिए।
साथ ही फिर तांगा गाड़ी हमारे कलचर का हिस्सा है। 30 साल पहले हमारे यहां 80 पर्सेंट लोग अपना सफर इसी तांगा गाड़ी से किया करते थे। हमने सोचा अगर हम अपनी इस तांगा गाड़ी को थोड़ा मॉडिफाइड कर इसे फिर से सड़कों पर उतारें तो एक तो इससे हमारा कलचर भी जीवित होगा और दूसरा हमारे यहां आने वाले टूरिसट्स को भी नया कुछ देखने को मिलेगा।
यही सोच दिमाग में रख हमने बग्गी सेवा के इस प्रोजक्ट का खाका तैयार कर सरकार को अपना प्रपोजल भेजा। मंजूरी मिलते ही हमने पटियाला से बग्गी व घोड़ा मंगवाया। घोड़े को ट्रेन किया और बग्गी को चलाने के लिए एक माहिर घोड़ेबान को काम पर लगा दिया। मूमिन ने कहा कि रॉयल राइडर्स के नाम से हमने बग्गी की यह सेवा हमने 22 जून से शुरू की और पहले दिन से ही हमें लोगों की तरफ से अच्छा रिस्पांस मिला।
बुलेवार्ड रोड पर सिथत निशात इलाके से लेकर हबक क्रॉसिंग यानी दरगाह हजरतबल तक यह बग्गी सेवा उपलब्ध कराई गई है। यदि आप यह राइड करना चाहते हैं तो झील किनारे स्थित निशात गार्डन पर आपको बग्गी मिलेगी और हबक क्रॉसिंग तक या इसके बीच में आने वाले इलाकों जिनमें शालीमार, फोरशोर रोड़ शामिल हैं।
यहां तक आप इस शाही राइड का आनंद ले सकते हैं। शाहिद ने कहा कि फिलहाल हमें निशात से लेकर हबक क्रॉसिंगपर ही बग्गी सेवा उपलब्ध रखने की अनुमति मिली हुई है। इजाजत मिलने के बाद ही हम अपनी यह सेवा बाकी इलाकों में उपलब्ध करा सकते हैं।
बग्गी राइड के लिए एक व्यक्ति को प्रति किलोमीटर के लिए 100 रुपये का किराया अदा करना होगा। शाहिद ने कहा कि बग्गी में अमूमन एक साथ चार लोगों के बैठने की क्षमता है। बग्गी में चार लोग बैठे तो उनसे हम किलोमीटर के हिसाब से ही किराया वसूल करते हैं और अगर कोई अकेले ही बग्गी राइड का मजा लेना चाहता है तो उसे फुल बुकिंग के हिसाब से किराया देना होगा।
शाहिद ने कहा कि बग्गी सेवा सुबह 10 बजे से शाम 9 बजे तक उपलब्ध रहती है। शाहिद के अनुसार उन्होंने बग्गी राइड करने वालों का यह सफर यादगार रहे, इसके लिए हम उनकी तस्वीर व वीडियो बना उन्हें तोहफे के तौर पर पेश करते हैं और इसके लिए हम उनसे कोई चार्ज नहीं लेते।
चार युवाओं द्वारा शुरू किए गए अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट यानी बग्गी सेवा लोगों और विशेषकर पर्यटकों को खूब भा रही है। इन युवाओं के पहले दिन से ही उनका बिजनेस अच्छा चल रहा है। उनके अनुसार उनकी बग्गी लोग प्री-वेडिंग शूट के लिए भी इस्तेमाल करना चाह रहे हैं और इस संबंध में उनसे कई स्थानीय लोगों ने संपर्क कर एडवांस में बग्गी बुक करवाने की इच्छा जताई।
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मूमिन ने कहा कि फिलहाल हमने एक ही बग्गी सेवा में रखी है। लेकिन जिस तरह से लोगों में इसमें राइड करने की डिमांड बढ़ गई है, जिसके चलते हमने प्रशासन से तीन और बग्गियां रोड़ पर उतारने की अनुमति मांगी है। मूमिन ने कहा कि इजाजत मिलते ही तीन और बग्गियों को बुलेवार्ड रोड़ पर उतारा जाएगा।
2024-06-27T09:54:23Z dg43tfdfdgfd