INDIAN RAILWAYS: राजधानी-प्रीमियम ट्रेनों के यात्री AC कोच से चुरा रहे टॉवेल-चादर, क्यों वीडियो बना रहे अटेंडे

राजधानी एक्सप्रेस समेत कई प्रीमियम ट्रेनों में इन दिनों यात्रियों के लगेज से रेलवे के ब्लैंकेट, टॉवल और चादर निकलने के मामले सामने आ रहे हैं। ये सब इन ट्रेनों में चलने वाले अटेंडेंट की सतर्कता से पकड़े जा रहे हैं। अटेंडेंट भी यात्रियों द्वारा छिपा कर ले जा रहे इन सामानों का वीडियो बनाकर रख रहे हैं, ताकि वे अपने ठेकेदार को प्रमाणित कर सकें और टॉवल की कमी होने पर उनके वेतन से टॉवल के पैसे न वसूले जाएं।

दरअसल, एसी कोच में चलने वाले रेलवे के अटेंडेंट जब आखिरी स्टेशन आने से पहले टॉवल, चादर और कंबल की गिनती करते हैं, तो उन्हें शक होता है। ऐसे में फिर वे यात्रियों के बैग्स तक की जांच कर रहे हैं। ताजा मामला 12952 दिल्ली-मुंबई राजधानी एक्सप्रेस का है। इसमे सेकंड एसी कोच में सफर कर रही एक महिला यात्री के स्टेशन पर उतरने के बाद जब अटेंडेंट को शक हुआ, तो यात्री की बैग की जांच की गई। इसमें से 5 रेलवे के टॉवल निकले। हालांकि महिला यात्री ने अपनी इस हरकत पर तुरंत माफी मांग ली और टॉवल्स को अटेंडेंट को सौंप दिया। इसी तरह गोल्डन टेंपल मेल के थर्ड एसी कोच से एक पुरुष यात्री के बैग से अटेंडेंट ने 4 टॉवल पकड़े। इसके अलावा एकता नगर-दादर एक्सप्रेस ने अटेंडेंट ने एक परिवार से 2 टॉवल बरामद किए।

ये तीनों मामले पश्चिम रेलवे के अंतर्गत सामने हैं। इस पर पश्चिम रेलवे अधिकारियों का कहना है कि रेलवे एसी कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए उन्हें साफ सुथरे लिनन टॉवल मुहैया करवाता है। लेकिन अभी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं कि एसी कोच में सफर करने वाले यात्री इन्हें घर ले जा रहे हैं। ये बेहद ही चिंता की बात है। आने वाले दिनों में पश्चिम रेल एक जागरूकता अभियान चलाएगी। हम यात्रियों से आग्रह करेंगे कि लिनन टॉवल का उपयोग सफर में करें, इन्हे घर न ले जाएं।

ठेकेदार हमसे वसूलता पैसा, इसलिए बना रहे वीडियो

जानकारी के अनुसार, पिछले 15 दिनों में मुंबई-दिल्ली रूट पर चलने वाली राजधानी, अगस्त क्रांति राजधानी, गोल्डन टेंपल, पश्चिम एक्सप्रेस, गुजरात मेल, ताप्ती गंगा, जयपुर -सुपरफास्ट एक्सप्रेस जैसी लगभग दो दर्जन अलग अलग ट्रेनों के एसी-सेकंड एसी, फर्स्ट एसी कोच में 500 से ज्यादा टॉवल मिसिंग की रिपोर्ट दर्ज हुई हैं। जिस तरह से यात्रियों के बैग से टॉवल निकल रहे हैं। इससे मिसिंग टॉवल का पूरा शक यात्रियों पर ही जा रहा है। हालांकि रेलवे ने आधिकारिक रूप से केस दर्ज नहीं कराया गया है। केवल यात्रियों को समझा कर और जागरूक कर छोड़ दिया जा रहा है।

दादर एकता नगर ट्रेन के अटेंडेंट दीपक कुमार का कहना है कि हमें यात्रियों को टॉवल देना अनिवार्य होता है। जब यात्रा पूरी हो जाती है, तो हम सभी कोच में इनकी गिनती करते हैं। लेकिन टॉवल-चादर और कंबल कई बार कम निकलते हैं। ऐसे में ठेकेदार इसकी भरपाई हमारा वेतन काटकर करता है। इसलिए अब हम टॉवल चोरी होने को प्रमाणित करने के लिए शक के आधार पर यात्रियों से खुद पूछताछ कर रहे हैं। हमें यात्री ही क्लू दे देते हैं कि उस यात्री ने कुछ टॉवल अपने बैग में रख लिए हैं। ऐसे में यात्री से पूछताछ करते हैं। कई बार यात्री खुद ही टॉवल दे देते हैं। कई बार हम बैग में चेक करते हैं। इस दौरान हम बतौर सबूत वीडियो भी बना कर रख लेते हैं।

2024-07-03T09:27:43Z dg43tfdfdgfd