दो दिन में छह हजार आवेदन पेंडिंग

प्रयागराज ब्यूरो ।आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र को लेकर लेखपालों का रुख जल्द ही अपना असर दिखा सकता है. उनका कार्य बहिष्कार दो से तीन दिन और चला तो जन सुविधा केंद्रों पर प्रमाण पत्र के आवेदनकर्ताओं की भीड़ नजर आने लगेगी. उधर, शनिवार को सभी तहसीलों में छह हजार नए आवेदन पेंडिंग हो गए हैं. लेखपालों का कहना है कि पहले भी उनका लंबित भुगतान प्रमाण पत्रों के वेरिफिकेशन बंद किए जाने पर हुआ था. इस बार भी यही प्रक्रिया चल रही है.

एक सप्ताह में जारी होगा प्रमाण पत्र
एडमिशन के सीजन में आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता सबसे ज्यादा होती है. वैसे तो इन्हे नियमानुसार एक सप्ताह में जारी करना होता है लेकिन इस सीजन में फटाफट वेरीफिकेशन कर आवेदनकर्ता को प्रमाण पत्र उपलब्ध करा दिए जाते हैं. इसके लिए लेखपाल की आख्या लगाई जाती है. लेकिन शुक्रवार से लेखपालों ने पांच रुपए का भुगतान दो साल से नही होने पर आख्या लगाने का काम बंद कर दिया है. इसका असर दिखने लगा है. दो दिन में जिले की सभी तहसीलों में छह हजार नए आवेदन हुए हैं जो फिलहाल पेंडिंग हैं.
ट्रेजरी से ओके हो गई फाइल
लेखपालों का कहना है कि पिछले दो माह से उनके भुगतान की फाइल ट्रेजरी आफिस में लंबित पड़ी थीॅ. जिसे प्रोटेस्ट के बाद आगे बढ़ा दिया गया है. अब यह डीएम आफिस पहुंच गई है. जल्द पैसों का भुगतान हो सकता है. लेखपालों का कहना है कि उन्हें प्रत्येक प्रमाण पत्र के एवज में वेरिफिकेशन के बदले पांच रुपए का भुगतान किए जाने का प्रावधान है. जिसे दो साल से नही किया गया है. इसके चलते जिले के 350 लेखपालो का 91 लाख रुपए शासन प्रशासन पर बकाया हो गया है. जिसकी मांग को लेकर लेखपालों ने विरोधी रुख अपना लिया है.
हमारी शासन और प्रशासन से मांग है कि लेखपालों का लंबित भुगतान जारी किया जाए. लंबे समय से मांग पूरी नही होने पर हमने प्रमाण पत्रों पर आख्या नही देने का फैसला किया है.
राजकुमार सागर, अध्यक्ष, उप्र लेखपाल संघ प्रयागराज

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