टीबी से जंग में अखर रही दवाओं की कमी

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। टीबी के इलाज में सरकारी तंत्र फेल साबित हो रहा है. अस्पतालों में सरकार की ओर से दवाओं की सप्लाई नही हो पा रही है. इसकी वजह से मरीज परेशान हैं. उन्हे मार्केट से दवा खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है. यह स्थिति पिछले कई माह से बनी हुई है. हालांकि हमेशा से दवाएं भारत सरकार के जरिए सप्लाई करती थी, लेकिन वर्तमान में ऐसा नही हो पा रहा है.

सप्लाई बंद तो कैसे मरीज को मिले

शहर के टीबी अस्पताल और डाट्स सेंटर पर आने वाले मरीजों को आजकल परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कारण यह है कि यहां इलाज तो उपलब्ध हैं निशुल्क दवाएं लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कारण साफ है कि पिछले कई माह से भारत सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय डाट्स सेंटर को टीबी की दवाएं उपलब्ध नही करा पा रहा है. इसकी वजह से मरीजों को मायूस होना पड़ रहा है.

इन दवाओं का है मरीजों को इंतजार

सरकार की ओर से अस्पतालों और डाट्स सेंटर में भेजी जाने वाली टीबी की दवाओं में आईसोनाजिड, रिफामपिसिन, इथाम्बुटाल और लिजोनाइड शामिल हैं. प्रत्येक मरीज को यह दवाएं 15 दिन से एक माह के लिए उपलब्ध कराई जाती हैं. मार्केट में इन दवाओं की कीमत कहीं अधिक है. डॉक्टर्स का कहना है कि हम भी मजबूर हैं. लगातार सरकार को चिट्ठी लिखकर दवाओं की मांग की जा रही है. दवाएं नही मिलने पर मरीज बाहर से दवा लिखने को कहते हैं लेकिन इस पर रोक है. ऐसा करने पर डॉक्टर पर भी कार्रवाई हो सकती है.

खरीदी के दिए गए हैं निर्देश

हाल ही में सरकार की ओर से दवाएं सप्लाई नही कर पाने पर अब स्थानीय अस्पतालों को इनकी खरीदी के निर्देश दिए गए हैं. लेकिन, यह भी आसान नही है. बताया जाता है कि दवा कंपनियों की ओर से टीबी की दवाओं का उत्पादन नही किया जा रहा है. यही कारण है कि सरकार भी सप्लाई नही कर पा रही है. ऐसे में लोकल स्तर पर कहां से दवाएं आएंगी, यह बड़ा सवाल है.

हर माह एक हजार नए मरीज

सरकार का कहना है कि 2025 तक देश को टीबी मुक्त कर दिया जाएगा. टीबी उन्मूलन की ओर से बढ़ते कदमों के बीच दवाओ की कमी किसी रुकावट से कम नही है. आंकड़ो ंपर जाएं तो हर माह एक हजार नए टीबी के मरीज आते हैं और लगभग इतने ही मरीज ठीक भी होते हैं. वर्तमान में जिले में टीबी के मरीजों की कुल संख्या 6900 के आसपास है. हाल ही में सरकार के निर्देश पर टीबी मरीजो को सरकारी विभागों की ओर से गोद भी लिया गया था. मरीजों को हर माह 500 रुपए पोषण के लिए भी दिए जाते हैं.

दवाओं की खरीद के लिए सरकार ने निर्देश दिए हैं. जिसकी प्रक्रिया शुरू की जा रही है. फिलहाल भारत सरकार से दवाओं की सप्लाई में रुकावट है, बावजूद इसके मरीजों को किसी तरह से दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. उम्मीद है जल्द ही दवाओं की कमी की समस्या दूर कर दी जाएगी.

डॉ. एके तिवारी, जिला क्षय रोग अधिकारी प्रयागराज

2024-05-01T19:22:59Z dg43tfdfdgfd