खुद तो नहीं फंस गई कांग्रेस...? गोडसे पर खूब घेरती है, गांधी के हत्यारे का मंदिर बनाने वाले बाबू लाल चौरसिया पर चुप क्यों

नई दिल्ली: कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच इस समय महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को लेकर जुबानी जंग जारी है। कांग्रेस ने आज एक ट्वीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी चुनौती दी है। पार्टी की मांग है कि बीजेपी के अंदर मौजूद गोडसे भक्तों को बाहर करिए या गांधी के आगे नतमस्तक होने का ढोंग करना बंद कीजिए। बीजेपी के लिए असल में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयानों ने मुश्किल बढ़ा दी है। एक ने गोडसे को देश का बेटा तो दूसरे ने उसे भारत रत्न देने की मांग कर दी है। कांग्रेस इसे गांधी बनाम गोडसे की लड़ाई बता रही है। यह भी सही है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस में पार्टी ने आज से 2 साल पहले एक ऐसे व्यक्ति को शामिल किया है कि जिसे गोडसे का भक्त और उसका मंदिर बनाने के लिए जाना जाता है। उसका नाम बाबू लाल चौरसिया है। ऐसे में कांग्रेस अपने बयान में ही फंसती दिख रही है। एक निजी चैनल की डिबेट में बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत से गोडसे का मंदिर बनाने वाले बाबू लाल को निकालने की समय तारीख पूछी तो वह भी इसपर खुलकर कुछ नहीं बता सकीं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के साथ अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह लड़ाई देखने लायक होगी।

भाजपा के इन दो नेताओं ने बढ़ाई पार्टी की मुसीबत

कांग्रेस यूं तो महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को लेकर भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को घेरती आई है। कांग्रेस इसे गांधी बनाम गोडसे की लड़ाई बताती आई है। लेकिन, भाजपा के दो बड़े नेताओं के गोडसे को लेकर दिए बयान ने कांग्रेस को एक और मौका दे दिया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि नाथूराम गोडसे मुगलों की तरह आक्रमणकारी नहीं था। वह देश का सपूत है। गिरिराज सिंह ने आगे कहा कि अगर वह गांधी का हत्यारा था तब भी वह भारत का सपूत था। वह भारत में ही पैदा हुआ था। इससे पहले उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी नाथूराम गोडसे की वकालत की थी। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तो गिरिराज सिंह से एक कदम और आगे जाकर उसे देशभक्त बता दिया। अब इन्हीं दो बयानों केदम पर कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर तो पीएम मोदी से सीधा सवाल कर रही है।

कांग्रेस का पीएम मोदी से सवाल

नाथूराम गोडसे के समर्थन में बीजेपी नेताओं के बयानों के बाद आज कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से पीएम मोदी से सवाल पूछे हैं। कांग्रेस ने मोदी की महात्मा गांधी की प्रतिमा के आगे शीश झुकाए एक तस्वीर शेयर की है। फोटो शेयर करते हुए कांग्रेस ने लिखा कि आज हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चुनौती देते हैं। इन दो में से एक काम आपको करना होगा। पार्टी ने आगे लिखा कि अपनी पार्टी से गोडसे भक्तों को निकाल बाहर फेंकिए या गांधी जी के आगे नतमस्तक होकर ढोंग करना बंद कीजिए। गांधी जी के इस देश में गोडसे के उपासकों की कोई जगह नहीं है, मोदी जी फैसला आपको करना है।

फिर गोडसे का मंदिर बनाने वाला कांग्रेस में कैसे

कांग्रेस ने गोडसे पर तो भाजपा को खूब घेरती है लेकिन यह भी सच है कि पार्टी ने मध्य प्रदेश में एक ऐसे व्यक्ति को शामिल किया है जो हिंदू महासभा से जुड़ा था और उसने गोडसे का मंदिर तक बना रखा है। इस शख्स का नाम है बाबू लाल चौरसिया। बाबू लाल सबसे पहले चर्चा में आए थे साल 2017 में। उस साल उन्होंने ग्वालियर में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का मंदिर बनवाकर उसकी मूर्ति पर जलाभिषेक किया था। उसके 4-5 साल बाद बाबू लाल चौरसिया ने मध्य प्रदेश में पूर्व सीएम कमलनाथ की मौजूदगी में पार्टी ज्वाइन की। 2015 में बाबू लाल कांग्रेस से ही टिकट न मिलने पर रूठने के बाद हिंदू महासभा का दामन थामा था। और 6 साल बाद कांग्रेस में फिर शामिल हो गए।

बीजेपी ने पूछा कब निकालेंगे तो चुप्पी साध गई कांग्रेस

भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक निजी चैनल में डिबेट के दौरान बाबू लाल चौरसिया को पार्टी से निकाले जाने को लेकर सवाल पूछा तो कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने साफ जवाब नहीं दिया। ऐसे में सवाल तो कांग्रेस के सामने भी हैं कि जिस, गोडसे को वह पानी पी-पीकर गाली देती है तो वहीं दूसरी ओर उसी के उपासक को पार्टी में भी शामिल करती है। इसी हफ्ते की डिबेट में शहजाद पूनावाला ने जब बाबू लाल को पार्टी से निकालने की समय तारीख पूछी तो सुप्रिया श्रीनेत ने उनसे गोडसे मुर्दाबाद के नारे लगाने को कहा। शहजाद ने नारा लगा भी दिया लेकिन गोडसे के भक्त बाबू लाल पर सुप्रिया कुछ खास नहीं बता पाईं।

2023-06-10T14:00:21Z dg43tfdfdgfd