SANGAM VATIKA FIRE: जांच में खुल रहीं लापरवाही की परतें

Sangam Vatika fire: नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। संगम वाटिका-रंगमहल गार्डन में हुए भीषण अग्निकांड में एक के बाद एक बेपरवाही के खुलासे हो रहे हैं। अब दूसरे दिन जांच दल के सामने आया कि एक मार्च को वाटिका संचालक नरेश खंडेलवाल ने नगर निगम से वाटिका के लिए फायर प्लान का अप्रूवल तो ले लिया था लेकिन डेढ़ माह में भी इसका अमल नहीं कराया। हकीकत में यह खेल था नगर निगम के नोटिसों पर खानापूर्ति करने का, एक के बाद एक निगम ने जो छह नोटिस दिए थे, उसके बदले में यह दिखावा किया गया। अप्रूवल के बाद तीन माह में फायर सेफ्टी इंतजाम करने होते हैं, लेकिन संचालक अग्निकांड का इंतजार कर रहा था और अफसर भी चुपचाप तमाशा देख रहे थे। यदि डेढ़ माह में इंतजाम हो जाते तो इतनी बड़ी आग नहीं लगती। वहीं जांच के दौरान गार्डन संचालक ने संगम वाटिका में पीएनजी यानि पाइप्ड नैचुरल गैस का उपयोग होना बताया और एलपीजी सिलेंडरों की मौजूदगी से इंकार किया। हकीकत में अग्निकांड के बाद ही मौके पर कई सिलेंडर पड़े मिले थे।

इस अग्निकांड की जांच के लिए गठित टीम सोमवार को संगम वाटिका पहुंची। जांच के लिए दोपहर 12 बजे का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन एसडीएम विनोद सिंह और सीएसपी हिना खान कलेक्ट्रेट में प्रधानमंत्री के आगमन संबंधी बैठक में शामिल होने के कारण नहीं आ सके। काफी देर इंतजार करने के बाद निगम के अधीक्षण यंत्री डा. अतिबल सिंह यादव, विद्युत सुरक्षा के सहायक यंत्री आरएस वैश्य, कनिष्ठ आपूर्ति नियंत्रक महावीर राठौर वाटिका का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। इस दौरान गार्डन संचालक ने उन्हें जो दस्तावेज दिखाए, वो फायर प्लान और विद्युत सुरक्षा की अनुमति से जुड़े थे। दस्तावेजों का परीक्षण करने पर पता चला कि गत एक मार्च को गार्डन संचालक को फायर प्लान का अप्रूवल दिया गया था। संचालक को तीन माह के अंदर फायर प्लान के मुताबिक इंतजाम करने थे, लेकिन डेढ़ माह बीतने के बावजूद एक भी सुरक्षा इंतजाम नहीं किया गया। इससे साफ जाहिर होता है कि सिर्फ निगम के नोटिसों को शांत कराने के लिए ये प्रक्रिया की गई थी। वहीं निगम के जिम्मेदार भी फायर प्लान का अप्रूवल देकर तीन महीने के लिए शांत होकर बैठने वाले थे। यदि ये अग्निकांड नहीं होता, तो तीन माह का समय बीतने के बाद गार्डन संचालक द्वारा न तो सुरक्षा के इंतजाम किए जाते और न ही फायर एनओसी ली जाती। अब मंगलवार की शाम पांच बजे जांच टीम निरीक्षण करने जाएगी।

पीएनजी की रसीद दी, वह रंगमहल की निकली

गार्डन संचालक की ओर से जांच दल को सिलेंडरों की जांच करने पर पीएनजी की रसीद दी गई, रसीद संगम वाटिका की बताकर दी गई लेकिन रसीद पर रंगमहल गार्डन का पता है। वहीं संचालक ने बताया कि संगम वाटिका में केटरिंग की व्यवस्था सहित इंतजाम किया जाता है। एलपीजी सिलेंडर की मौजूदगी को लेकर गार्डन संचालक की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

संभागायुक्त बोले-फायर सेफ्टी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए

आयुक्‍त ने कहा फायर से सेफ्टी सुनिश्चित की जाए

संभागीय आयुक्त डा. सुदाम खाड़े ने सोमवार को समीक्षा के दौरान कहा कि गर्मी के मौसम को देखते हुए जो भी आयोजन हों, उसकी स्वीकृति में फायर सेफ्टी की व्यवस्था आयोजक करें यह सुनिश्चित किया जाए। संभाग के प्रत्येक जिले में किसी आयोजन की स्वीकृति देते समय यह शर्त आवश्यक रूप से जोड़ी जाए कि फायर सेफ्टी की व्यवस्था आयोजक द्वारा की जाएगी। इसके साथ जिला स्तर पर अधिकारी यह सुनिश्चित भी करें कि आयोजन में फायर सेफ्टी की व्यवस्था की गई है।

पहले से बंद गार्डन किए सील

संगम वाटिका में हुए अग्निकांड के बाद निगम के अधिकारी अब आनन-फानन में सक्रियता दिखाते हुए कार्रवाई का दावा कर रहे हैं, लेकिन ये कार्रवाई भी खानापूर्ति की है। गत रविवार को निगम के अमले ने मेला ग्राउंड के पीछे संचालित होने वाले संस्कृति गार्डन, चंद्रशेखर गार्डन, भगत सिंह गार्डन, मधुर मिलन गार्डन और ग्रांड पार्क गार्डन को सील करने की कार्रवाई की, लेकिन इनमें से संस्कृति गार्डन को छोड़कर बाकी चार गार्डन कोरोना काल के बाद से चालू ही नहीं हैं। इन गार्डनों में लंबे समय से आयोजन ही नहीं हुए हैं, क्योंकि मेला प्राधिकरण द्वारा इन्हें ठेके पर अभी नहीं दिया गया है। वहीं शहर में अब भी बिना फायर सेफ्टी उपकरणों के संचालित हो रहे भव्य गार्डनों की तरफ अब भी निगम का अमला मुंह उठाकर नहीं देख रहा है।

संगम वाटिका-रंगमहल गार्डन में हुए अग्निकांड के मामले में समिति जांच कर रही है। सोमवार को भी टीम ने मौके पर जांच की और कई तरह के दस्तावेज जुटाए हैं। जल्द जांच पूरी कर रिपोर्ट साैंपी जाएगी।विनोद सिंह, एसडीएम, झांसी रोड

2024-04-23T05:19:09Z dg43tfdfdgfd