MUNNA BAJRANGI हत्याकांड में गवाहों की जान को खतरा? CBI को मिले तीन जरूरी गवाह, अब कर दी बड़ी मांग

Munna Bajrangi News: साल 2018 में बागपत जेल में हुई माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में जांच कर रही CBI को तीन अहम गवाह मिले हैं और यह तीन गवाहों ने CBI को कई अहम साक्ष्य उपलब्ध कराए हैं. इन तीनों गवाहों को लेकर CBI ने कोर्ट से इनके प्रोटेक्शन की डिमांड की है. CBI ने अपने द्वारा दाखिल चार्ज शीट में तीनों की जान का खतरा बताते हुए उनकी पहचान गोपनीय रखे जाने की बात कही है और कोर्ट से गुजारिश की है कि विटनेस प्रोटक्शन एक्ट के तहत तीनों की पहचान ट्रायल शुरू होने और उनकी गवाही होने तक गोपनीय रखी जाए.

CBI ने जांच के बाद जो चार्जशीट कोर्ट में दायर की है उस चार्जशीट में तीनों गवाहों का स्टेटमेंट भी सबमिट किया है. यह स्टेटमेंट कोर्ट में डबल सील्ड कर के दाखिल किया गया है. इसके साथ ही CBI ने कोर्ट से निवेदन भी किया है कि इन सभी साक्ष्यों का अध्ययन करने के बाद इस डबल सील्ड कागज को वापस से सील कर दिया जाए और ट्रायल तक इसे सील ही रखा जाए.

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मजिस्ट्रेट के सामने भी बयान दर्ज करवाए 

CBI ने इन तीनों गवाहों को सुनील राठी और उसके गैंग से खतरा बताया है. इसी कारण तीनों की पहचान नहीं खोली है. CBI ने कहा कि इन तीनों का गवाहों को प्रोटेक्टेड विटनेस मानते हुए और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनकी पहचान को ना डिस्क्लोज की जाए और ट्रायल शुरू होने के बाद विटनेस बॉक्स में आने तक इनकी पहचान छुपा कर रखी जाए.इन गवाहों में से एक गवाह का सीआरपीसी की धारा 161 के अलावा धारा 164 के तहत जुडिशल मजिस्ट्रेट के सामने भी बयान दर्ज करवाए गए हैं.

CBI ने इस बात का दावा किया है कि इन तीनों की गवाही और इन्होंने जो साक्ष्य उपलब्ध कराए हैं वह साक्ष्य जेल में सुनील राठी और उसके साथियों द्वारा मिलकर मुन्ना बजरंगी का कत्ल किए जाने की बात बताते हैं. इसके साथ ही उनकी गवाही से यह भी साबित हो सकता है कि आरोपियों ने कत्ल के बाद साक्ष्य को किस तरीके से नष्ट करने का काम किया.

2024-04-23T11:51:31Z dg43tfdfdgfd