MP LOK SABHA ELECTION VOTING: पांच माह में ही दिग्गज नेताओं के क्षेत्र में 29 प्रतिशत तक घटा मतदान

MP Lok Sabha Election Voting: वैभव श्रीधर, भोपाल। मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग से लेकर राजनीतिक दल प्रयास तो कर रहे हैं पर इसके परिणाम पहले दो चरण के चुनाव में अपेक्षा के अनुरूप सामने नहीं आए। पांच माह में ही दिग्गज नेताओं के क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत 29 प्रतिशत तक घट गया। दूसरे चरण के चुनाव में मत प्रतिशत में सर्वाधिक कमी भाजपा से नौ बार के विधायक गोपाल भार्गव के निर्वाचन क्षेत्र रहली में सामने आई, जो दमोह लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है।

यहां विधानसभा चुनाव की तुलना में 29 प्रतिशत मत घट गया। मोहन सरकार के चार मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र में भी 21 से लेकर 13 प्रतिशत मतदान में कमी आई। पार्टी कम मतदान को लेकर आकलन कर रही है तो मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय भी जिला निर्वाचन अधिकारियों से फीडबैक ले रहा है ताकि बाकी दो चरणों के चुनाव में और जो प्रयास किए जा सकते हैं, वे भी कर लिए जाएं।

नवंबर 2023 में जब विधानसभा चुनाव में रिकार्ड 77.15 प्रतिशत मतदान हुआ था, तब यह संभावना जताई जा रही थी कि लोकसभा चुनाव में भी मतदाता मतदान के अपने पिछले सभी रिकार्ड तोड़ देंगे। पहले चरण की सीधी, शहडोल, मंडला, जबलपुर, बालाघाट और छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर औसत मतदान 67.75 प्रतिशत रहा, जो 2019 के 75.23 प्रतिशत की तुलना में 7.48 कम रहा। इसे देखते हुए चुनाव आयोग के साथ भाजपा और कांग्रेस सक्रिय हुई।

मतदान केंद्र स्तर पर अधिकारी-कर्मचारी और कार्यकर्ता इस आशा के साथ उतारे गए कि दूसरे चरण में पहले चरण के चुनाव में कम मतदान से औसत मतदान में जो कमी आई थी, वह पूरी हो जाएगी पर इसमें खाई पटने के स्थान पर और गहरी हो गई। टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र में 58.37 प्रतिशत मतदान ही हुआ, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में हुए 67.75 प्रतिशत मतदान की तुलना में 9.36 कम रहा।

भाजपा और कांग्रेस के नेता इसे अपने-अपने हिसाब से देख रहे हैं पर जीत के दावे भी कर रहे हैं पर कम मतदान होना चिंतनीय है, वह भी तब जब भाजपा प्रत्येक मतदान केंद्र पर 370 अतिरिक्त वोट प्राप्त करने के लक्ष्य को लेकर मैदान में जुटी थी। कांग्रेस ने प्रत्येक मतदान केंद्र पर न्याय गारंटियों को पहुंचाने का दावा किया और सभी कार्यकर्ताओं को भी लगाया।

कहां क्या रही स्थिति

दमोह - पूर्व मंत्री जयंत मलैया का विधानसभा क्षेत्र। नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में यहां 75.91 प्रतिशत मतदान हुआ था जो लोकसभा चुनाव में 58.02 रहा यानी 17.89 प्रतिशत की कमी आई।

नरसिंहपुर - मोहन सरकार में मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल का विधानसभा क्षेत्र। यहां विधानसभा चुनाव में 83.11 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो लोकसभा चुनाव में 67.01 रह गया यानी 16.1 प्रतिशत घट गया।

गाडरवारा - मोहन सरकार में मंत्री राव उदय प्रताप सिंह का विधानसभा क्षेत्र। यहां विधानसभा चुनाव में 83.30 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो लोकसभा चुनाव में 67.60 प्रतिशत रहा गया यानी 15.7 प्रतिशत की कमी आई।

रीवा - मोहन सरकार में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल का विधानसभा क्षेत्र। यहां विधानसभा चुनाव में 68.28 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो लोकसभा चुनाव में 54.62 प्रतिशत रहा यानी 13.66 प्रतिशत मतदान कम हुआ।

पथरिया - मोहन सरकार में मंत्री लखन पटेल का विधानसभा क्षेत्र। यहां विधानसभा चुनाव में 78.30 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो लोकसभा चुनाव में 57.69 प्रतिशत रहा यानी 20.61 प्रतिशत घटा।

देवतालाब - पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम का विधनसभा क्षेत्र। यहां विधानसभा चुनाव में 63.20 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो लोकसभा चुनाव में 45.71 प्रतिशत रहा यानी17.49 प्रतिशत कम रहा।

पन्ना - पूर्व मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह का विधानसभा क्षेत्र। यहां विधानसभा चुनाव में 74.83 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था लेकिन लोकसभा चुनाव में 58.61 प्रतिशत रहा गया यानी 16.22 प्रतिशत घट गया।

विजयराघवढ़ - पूर्व मंत्री संजय पाठक का विधानसभा क्षेत्र। यहां विधानसभा चुनाव में 78.22 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो लोकसभा चुनाव में 56.25 प्रतिशत रह गया यानी 21.97 प्रतिशत घट गया।

सेमरिया - कांग्रेस के विधायक अभय मिश्रा का विधानसभा क्षेत्र। इनकी पत्नी नीलम मिश्रा ने चुनाव लड़ा। यहां विधानसभा चुनाव में 70.88 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का उपयोग किया गया, जो लोकसभा चुनाव में 53.01 रह गया यानी 17.87 प्रतिशत घट गया।

सतना - कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा का विधानसभा क्षेत्र। वे स्वयं सतना लोकसभा से उम्मीदवार भी हैं। यहां विधानसभा चुनाव में 71.92 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो लोकसभा चुनाव में 61.37 प्रतिशत रह गया यानी 10.55 प्रतिशत घट गया।

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