उत्तर प्रदेश के हाथरस में कोहराम मचा हुआ है. मंगलवार (2 जुलाई) को हाथरस जिले में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में करीब 121 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे में 35 लोगों के घायल होने की खबर सामने आई है. वहीं 20 से 25 लोग इस हादसे के बाद लापता हैं. 27 मृतकों के शवों को जब पोस्टमॉर्टेम के लिए एटा मेडिकल कॉलेज में भेजा गया है तो अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात एक कांस्टेबल लाशों को देखकर सदमे में आ गया. इसके बाद कांस्टेबल को हार्ट अटैक आ गया जिससे की उसकी मौत हो गई.
अब तक मिली जानकारी के अनुसार यूपी पुलिस का कांस्टेबल रवि यादव मुल रूप से अलीगढ़ के रहने वाले थे. रवि यादव में क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) का हिस्सा थे. हाथरस में हुए हादसे के बाद उनकी इमजेंसी ड्यूटी लगाई गई. भगदड़ के बाद जब मृतकों के शवों को जब मेडीअक्ल कॉलेज लगाया गया तो इतने सारे शवों को देखने के बाद कांस्टेबल रवि यादव को सदमा लग गया जिसके बाद उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई.
आपको बता दें कि ये पूरा मामला हाथरस जिले के सिकंदराराऊ के पास फुलरई नामक गांव का है. इस गांव में भोले बाबा के सत्संग का आयोजन किया गया था. इस समारोह में शामिल होने के लिए हजारों की संख्या लोग पहुंचे थे. जानकारी के मुताबिक कार्यक्रम का समापन होने के बाद लोगों में भोले बाबा को देखने की वजह से भगदड़ मच गई, जिसमे 121 लोगों की मौत हो गई. ये आंकड़ा बढ़ भी सकता है.
हाथरस हादसे मामले में एफआईआर दायर कर ली गई है. लेकिन इस एफआईआर में सत्संग करने वाले भोले बाबा का नाम शामिल नहीं है.इस हादसे में पुलिस ने सत्संग के मुख्य सेवादार माने जाने वाले देवप्रकाश मधुकर और उस धार्मिक आयोजन के अन्य आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दाखिल की गई थी.
FIR की कॉपी में सत्संग कराने वाले भोले बाबा का नाम शामिल नहीं है. इस हादसे को लेकर पुलिस तेजी के एक्शन ले रही है और कारवाई को आगे बढ़ा रही है. एफआईईआर में पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 105, 110, 126 (2), 223 और 238 के तहत मामला दर्ज किया है. ये एफआईआर 2 जुलाई की रात में करीब 10 बजे दर्ज की गई.
2024-07-03T07:58:09Z dg43tfdfdgfd