DELHI AIRPORT INCIDENT: टर्मिनल-2 और 3 पर यात्रियों की लंबी कतारें, दिल्ली एयरपोर्ट पर मंडरा सकते हैं परेशानी के बादल

गौतम कुमार मिश्रा, नई दिल्ली। Delhi Airport Terminal 1: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराज्यीय एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 की फोरकोर्ट की छत गिरने का असर पूरे हवाई यात्रा पर साफ नजर आ रहा है। आईजीआई एयरपोर्ट (IGI Airport) का टर्मिनल-1 बंद होने से इसका असर फिलहाल टर्मिनल-2 व 3 पर साफ साफ नजर आ रा है।

दोनों ही टर्मिनलों पर व्यस्त समय में यात्रियों की आवाजाही पहले के मुकाबले बढ़ी नजर आती है। टर्मिनल में प्रवेश के लिए बने प्रवेश द्वार पर यात्रियों की कतार लंबी होने लगी है। कतार की लंबाई सुबह व शाम के समय काफी बढ़ जाती है।

टर्मिनल 3 पर बंद पड़ा डिजियात्रा गेट।

इस हिसाब से अभी टर्मिनल-1 के कई दिनों तक बंद रहने की संभावना है और अभी जैसा टर्मिनल-2 व 3 पर इंतजाम देखने को मिल रहा है, उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि यात्रियों की परेशानी आने वाले समय में बढ़ेगी।

टर्मिनल-3 पर डिजियात्रा के कई गेट बंद

डिजियात्रा से यात्री टर्मिनल में बड़ी आसानी से बिना वक्त गंवाए प्रवेश कर जाते थे। इसकी लोकप्रियता व उपयोग को देखते ही सभी गेटों पर डिजियात्रा से प्रवेश की सुविधा बहाल की गई। लेकिन कुछ महीने पूर्व एक नई समस्या आई, जिसमें डिजियात्रा के फ्लैप गेट के दुरुपयोग की आशंका इस रूप में सामने आई कि एक यात्री के साथ दूसरा यात्री बिना किसी जांच के टर्मिनल में दाखिल होने लगा।

हर गेट पर सीआईएसएफ कर्मी तैनात

इसके बाद सीआईएसएफ (CISF) ने इस व्यवस्था पर आपत्ति जताई और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि इस गेट से एक बार में एक ही व्यक्ति प्रवेश करे। इसके बाद डायल ने डिजियात्रा (DigiYatra) के सभी गेट पर एक कर्मी की नियुक्ति कर दी, ताकि एक के साथ कोई दूसरा अवांछित व्यक्ति टर्मिनल में दाखिल नहीं हो।

फिलहाल कुछ दिनों से कर्मियों की कमी के कारण टर्मिनल-3 के आधे ही गेट पर कर्मी तैनात हैं। जिन गेटों पर कर्मी तैनात नहीं हैं, वहां डिजियात्रा के फ्लैप गेट शोभा की वस्तु बने हैं। यहां यात्रियों की एंट्री परंपरागत तरीके से ही सुरक्षाकर्मी करा रहे हैं। वे कागजात पर पूरा गौर करने के बाद ही यात्री को प्रवेश करने दे रहे हैं।

डिजियात्रा है यात्रियों के लिए सुविधाजनक

डिजियात्रा की सुविधा में जहां यह कार्य चंद सेकेंड में हो जाता है, वहीं मैनुअल तरीके में इस कार्य में विलंब होता है। अब समस्या यह है कि जब टर्मिनल-1 के यात्रियों की भीड़ टर्मिनल-3 पर स्थानांतरित होकर पहुंचेगी तब सामान्य गेटों पर दबाव बढ़ेगा, जिससे यात्रियों की असुविधा बढ़ेगी।

टर्मिनल-2 पर जगह की किल्लत

टर्मिनल-2 की बात करें, तो इसके फोरकोर्ट एरिया में जगह की किल्लत साफ साफ नजर आती है। यहां फोरकोर्ट में खड़ी की गई ट्रॉलियों के कारण यात्रियों को चलने फिरने में भी दिक्कत होती है। जो टर्मिनल पहले से ही जगह की किल्लत से जूझ रहा हो, वहां एकाएक यात्रियों की भीड़ जुटनी शुरू होने से दिक्कत होना स्वभाविक है।

डायल (DIAL) के लोगों ने बताया कि इस टर्मिनल को ढहाकर यहां टर्मिनल 4 बनाने की योजना है। इसके तहत धीरे धीरे टर्मिनल-2 की सेवाओं को दो अन्य टर्मिनलों पर स्थानांतरिक करना था। लेकिन जिस हिसाब से अब टर्मिनल-1 की सेवाओं को यहां स्थानांतरित किया जा रहा है, उसे टर्मिनल-4 बनाने की योजना फिलहाल ठंडे बस्ते में जाएगी, इसकी पूरी आशंका है।

आईजीआई के तीनों टर्मिनल पर अभी रोजाना करीब 2 लाख यात्रियों की आवाजाही होती है। इसमें दो तिहाई हिस्सेदारी टर्मिनल 3 की है। यात्रियों की आवाजाही सबसे कम टर्मिनल 1 पर होती है। यहां रोजाना करीब 20 हजार यात्रियों की आवाजाही होती है। टर्मिनल के बंद होने पर अब ये यात्री टर्मिनल 2 व 3 का हिस्सा बनेंगे।

2024-07-01T02:09:20Z dg43tfdfdgfd