BASTI NEWS: 18 साल की उम्र, गुस्से में छोड़ दिया था घर, 60 साल बाद लौटा शख्स तो क्या पता चला?

Basti News: बस्ती जिले में सोनहा थाना क्षेत्र के अमरौली शुमाली टोला रामनगर गांव से करीब 60 वर्ष पहले लापता बुजुर्ग एक संस्था के माध्यम से परिजनों से मिला है. शिवपूजन (78) पुत्र मोतीलाल चौधरी 1964 में करीब 18 वर्ष की उम्र में ही अपने घर से नाराज होकर चला गया था. उसके बाद से शिवपूजन का कुछ पता नहीं चला. कुछ दिन बाद इनके माता-पिता की भी मृत्यु हो गई. 

2018 में शिवपूजन बीमारी के हालत में बिहार में सड़क किनारे पड़े मिले. पटना में चल रहे एक सामाजिक संस्था कर्मियों की निगाहे उसके उन पर पड़ी. उन्हें ले जाकर इलाज कराने के बाद संस्था में रख लिया. कर्मियों के पता पूछने पर शिवपूजन ने अपना पता बता दिया. संस्था कर्मी दीपक कुमार व महमूद ने सोनहा पुलिस से संपर्क किया और नाम पता तस्दीक कराकर रविवार को सोनहा थाने लाई. प्रभारी निरीक्षक रमजान अली व बीट आरक्षी ओम प्रकाश चौरसिया के माध्यम से गांव के लोगों को बुलाया गया. शिवपूजन को उनके चचेरे पोते उमेश चंद्र को ग्रामीणों के सामने सुपुर्द किया गया.

60 वर्ष पहले गुस्से में छोड़ा था घर

लगभग पांच दशक तक इधर उधर भटकने के बाद सोनहा थाना क्षेत्र के अमरौली शुमाली टोला रामनगर निवासी 65 वर्षीय शिव पूजन पुत्र मोतीलाल ज्ञान विज्ञान समिति पटना के कर्मचारियों के साथ सुबह स्थानीय थाने पर पहुंचे. पूछताछ के दौरान उन्होंने गांव के जिन लोगों का नाम बताया.  पता चला कि उनमें से अधिकतर अब इस दुनिया में नहीं हैं.

काफी मशक्कत के बात पट्टीदारी के कुछ लोगों का नाम सामने आया. पुलिस की सूचना पर वे थाने पहुंचे और शिव पूजन को अपने साथ ले गए. अतीत की बातें सुन सभी की आंखें नम हो गईं. शिव पूजन लगभग 50 वर्ष पूर्व अपनी बहन गंगोत्री से मिलने की बात कहकर सोनहा थाना क्षेत्र के भौखरी गांव गए थे लेकिन घर वापस नहीं लौटे. उस समय उनकी आयु 15 या 16 वर्ष की थी. परिवार में मां, बाप व एक छोटी बहन थी.बहन की शादी हो जाने के बाद अपनी ससुराल में रहती थी. वर्षों तक बेटे के वापस न लौटने पर चिंता के चलते मां बाप स्वर्ग सिधार गए. इसी दौरान लापता रहने के कारण मां बाप के मरने के बाद उनकी भूमि बहन इंदिरा के नाम हो गई. 

भारत ज्ञान विज्ञान संस्था ने मिलवाया

भारत ज्ञान विज्ञान समिति पटना से साथ आए कर्मचारियों ने बताया कि शिव पूजन संस्था को 19 दिसंबर 2018 को पटना जंक्शन पर मिले थे. तब वे अपने बारे में कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं थे. उन्हें इलाज के लिए भारत ज्ञान विज्ञान समिति पटना के रिकवरी सेल्टर में भर्ती करा दिया गया. लगभग छह वर्ष तक चले उपचार के बाद उनकी मानसिक स्थिति ठीक हुई. तब उन्होंने अपना नाम व पता संस्था को बताया. संस्था के दो कर्मचारी मोहम्मद महमूद एवं दीपक शिव पूजन को  लेकर थाने पर पहुंचे. थाने के मुख्य आरक्षी देवेंद्र कुमार यादव ने गांव के लोगों से संपर्क किया तो पता चला कि अब कोई निजी संबंधी जीवित नहीं है. पटीदार जग नारायन चौधरी अपने पुत्र एवं भाई के साथ थाने पर पहुंचे. औपचारिकताएं पूर्ण होने के बाद संस्था ने शिव पूजन को जग नारायन चौधरी को सौंप दिया.

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