MUMPS OUTBREAK: फिर तेजी से फैल रहा गलसुआ, गुब्बारे की तरह सूज रहे गाल, ये 5 लक्षण दिखते ही अस्पताल भागें

​​Mumps Outbreak: तमिलनाडु-केरल और राजस्थान के बाद अब दिल्ली-एनसीआर में मम्प्स का प्रकोप देखने को मिल रहा है। मम्प्स क्या है, इसके लक्षण क्या है, और इससे हम कैसे बच सकते हैं। आइए  जानते हैं?

देश में मम्प्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। तमिलनाडु-केरल और राजस्थान के बाद अब दिल्ली-एनसीआर में भी इसका प्रकोप देखने को मिला है। यह वायरस चेहरे के दोनों तरफ स्थित लार बनाने वाली पैरोटिड ग्रंथियों को निशाना बनाता है, जिससे चेहरे पर सूजन आ जाती है।

मम्प्स अति संक्रामक वायरल संक्रमण है ऐसे में इसके प्रसार का खतरा काफी अधिक होता है। यह खांसने या छींकने के दौरान निकलने वाले पदार्थ के जरिए फैलता है। खासतौर पर यह बच्चों को अपना शिकार बनाता है। मम्प्स को गलगंड, गलसुआ, या कंठमाला के नाम से भी जाना जाता है।मम्प्स, कंठमाला, गलगण्ड या गलसुआ के लक्षणबच्चों में मम्प्स के शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और भूख न लगना शामिल हो सकते हैं। इस बीमारी में लार ग्रंथियों, विशेष रूप से कान के पास पैरोटिड ग्रंथियों की सूजन और कोमलता, आम लक्षण हैं। यह सूजन चबाने, या निगलने में असुविधा पैदा कर सकती है। इसके अलावा, कुछ बच्चों को कान में दर्द या जबड़े में दर्द भी हो सकता है।

बच्चों के साथ बड़ों को भी शिकार बनाता है मम्प्समम्प्स का संक्रमण सिर्फ बच्चों को ही नहीं वयस्कों को भी शिकार बना सकता है। वयस्कों में मम्प्स के शुरुआती लक्षण बच्चों में होने वाले लक्षणों के समान ही होते हैं, जिसमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और भूख न लगना शामिल है। हालांकि, वयस्कों में अधिक गंभीर लक्षण हो सकते हैं, जैसे लार ग्रंथियों की दर्दनाक सूजन, विशेष रूप से कानों के पास पैरोटिड ग्रंथियां। इस सूजन के कारण चबाना, निगलना, या बोलना मुश्किल हो सकता है।

ये लक्षण हैं तो हो सकती है ये बीमारी​ ​

गलसुआ से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं भी जान लीजिएमम्प्स से ग्रसित कुछ वयस्कों को अंडकोष, अंडाशय, मेनिन्जाइटिस या एन्सेफलाइटिस की सूजन का अनुभव हो सकता है। मम्प्स से जुड़ी जटिलताओं में ऑर्काइटिस शामिल है, जो पुरुषों में अंडकोष की सूजन है, जो संभावित रूप से मम्प्स का कारण बनती है, और ऊफोराइटिस, जो महिलाओं में अंडाशय की सूजन है, जो संभावित रूप से प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है। इसके अतिरिक्त, मम्प्स से मेनिन्जाइटिस हो सकता है, जो मस्तिष्क की सूजन है।

तेजी से फैल रहे मम्प्स से बचने के लिए क्या करना चाहिए?मम्प्स के लिए निवारक सुझावों में मीसल्स, मम्प्स और रूबेला का टीका लगवाना शामिल है, जो वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा बनाने में मदद करता है। मम्प्स से बचाव के लिए सुनिश्चित करें कि बच्चों को MMR वैक्सीन की दो खुराक दी जाएं, जो आमतौर पर 12-15 महीने और 4-6 साल की उम्र में दी जाती हैं। इसके अलावा खांसने, छींकने या सार्वजनिक स्थानों पर सतहों को छूने के बाद नियमित रूप से अपने हाथों को साबुन और पानी से धोकर अच्छी स्वच्छता बनाए रखें।

गलसुआ को ठीक करने के लिए अपनाएं ये घरेलू उपायगलसुआ को ठीक करने के लिए कई तरह के घरेलू उपाय भी अपनाएं जाते हैं। गर्म पानी और नमक से सिकाई, मेथी के दानों का पेस्ट, और नीम के पत्ते से सिकाई इसमें कुछ आम हैं। इसके अलावा गलसुआ की वजह से होने वाली सूजन और दर्द को कम करने के लिए अदरक और हरड़ का भी उपयोग किया जा सकता है। इन सभी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जोकि सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं और दर्द कम कर सकते हैं।डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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