सीएम योगी के बाद अब IG अलीगढ़ ने बताया क्यों नहीं है FIR में बाबा का नाम! किया ये दावा

Hathras News: उत्तर प्रदेश स्थित हाथरस में भगदड़ की घटना पर IG अलीगढ़ शलभ माथुर ने प्रेस वार्ता की. IG अलीगढ़ ने एफआईआर में बाबा का नाम न होने की वजह बताई. शलभ माथुर ने कहा कि अगर जरूरत पड़ेगी तो पूछताछ की जाएगी. FIR के अंदर उनका(नारायण साकार उर्फ भोले बाबा) नाम नहीं है. ज़िम्मेदारी आयोजक की होती है. आयोजक का नाम FIR में है. आयोजक पर 1 लाख रुपए का ईनाम भी घोषित किया गया है. उनके साथ जो सेवादार थे, जिन्होंने भीड़़ को रोकने की कोशिश की. जो वहां से भाग गए. जिन्होंने पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया. उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है."

गिरफ्तार लोगों में चार पुरुष, दो महिलाएं शामिल हैं. इसमें राम लड़ैते पुत्र रहबारी सिंह यादव, मैनपुरी - उपेंद्र सिंह यादव पुत्र रामेश्वर सिंह, फिरोजाबाद - मेघसिंह पुत्र हुकुम सिंह, हाथरस - मुकेश कुमार पुत्र मोहर सिंह, हाथरस - मंजू यादव पत्नी सुशील कुमार, हाथरस - मंजू देवी पत्नी किशन कुमार यादव शामिल हैं.

आरोपियों ने पुलिस को क्या बताया?

प्रेस वार्ता में पुलिस ने दावा किया कि आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि हम लोग आयोजन समिति के सदस्य है एवं सेवादार के रूप मे कार्य करते है. आयोजक एवं हमारे द्वारा सत्संग कमेटी में भीड़ एकट्ठा एवं चन्दा इकट्ठा कर सहयोग हेतु बताया जाता है. साथ ही बैरिकेटिंग द्वारा भीड़़ नियन्त्रण, श्रद्धालुओं हेतु धूप व गर्मी के लिये पण्डाल की व्यवस्था, उनके वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था, कार्यक्रम स्थल पर खड़ंजा, बिजली की आपूर्ति हेतु जनरेटर की व्यवस्था, सफाई इत्यादि की रहती है.

पुलिस के अनुसार आरोपियों ने बताया कि कार्यक्रम के आयोजन हेतु हम लोगों को विभिन्न प्रकार की वर्दी दी गयी है. भीड़़ नियन्त्रण एवं सुरक्षा हेतु महिलाओं एव पुरुषों को काले रंग की कमांडो जगंल डागरी ड्रेस व एक रुपता हेतु पिंक ड्रेस भी दी जाती है. जिससे हम भीड़ को अपने हिसाब से नियन्त्रित करते है.

बाबा के बारे में काफी मान्यताएं - आरोपी

पुलिस ने बताया कि पूछताछ में यह जानकारी में आया कि बाबा के अनुयायीयो में बाबा के बारे में काफी मान्यताएं हैं. बाबा के चरणरज से बहुत सारे संकट दूर हो जाते है. हम लोग बाबा की गाड़ी के काफिलो को भीड़ के बीच से निकालने हेतु आगे व पीछे दौडते है. उस दिन भी बाबा की चरणरज के लिये भीड़ गाड़ी के पास आई तो सेवादारो ने भीड़ को रोका और जैसे ही काफिला आगे निकल गया तो सेवादारो ने भीड़ को चरणरज लेने हेतु अनियन्त्रित छोड दिया. जिससे वहां पर महिलाये व बच्चे एक दूसरे के ऊपर गिरने लगे और अफरा-तफरी मच गयी.

आरोपियों ने बता याकि यह देखकर हम वहां से जल्दी निकल गये. पुलिस ने कहा कि जांच में यह सामने आया है कि यह लोग पुलिस प्रशासन को आयोजन की फोटो, वीडियो बनाने से रोकते थे एवं उनके साथ अभद्रता करने की बात प्रकाश में आयी है.

2024-07-04T10:48:54Z dg43tfdfdgfd