जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: Gangotri National Park: हल्द्वानी निवासी चंचल सिंह कुंवर को उसके स्वजन पिछले 19 दिन से तलाश कर रहे थे। वह घर पर बताकर आया था कि कालिंदी पास की ट्रेकिंग को उत्तरकाशी जा रहा है। गत 17 अप्रैल को अंतिम बार उसकी स्वजन से बात हुई थी। इसके बाद कोई संपर्क न होने पर स्वजन उसकी तलाश में उत्तरकाशी पहुंचे, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली।
छह मई को जब भटकते हुए चंचल गंगोत्री पहुंचा, तब जाकर स्वजन ने राहत की सांस ली। चंचल ने बताया कि वह इतने दिन निर्जन हिमालय क्षेत्र में रहा। गंगोत्री नेशनल पार्क में उसने गुपचुप तरीके से प्रवेश किया था। पार्क अधिकारियों ने चंचल को पुलिस के सुपुर्द कर दिया।
हल्द्वानी निवासी मोहन सिंह कुंवर का पुत्र चंचल सिंह कुंवर कालिंदी पास की ट्रेकिंग के लिए उत्तरकाशी आया था। 17 अप्रैल को सुबह पांच बजे वह गंगोत्री से गोमुख के लिए रवाना हुआ।
उसने घर पर 28 अप्रैल तक वापस लौटने की बात कही थी। उसे 17 अप्रैल से ही ट्रेकिंग पर जाना था, लेकिन उस दौरान रूट दुरुस्त न होने के कारण ट्रेकिंग पर रोक थी। इस पर चंचल कनखू जांच गेट में पार्क कर्मियों को चकमा देकर आगे बढ़ गया।
वहीं, जब चंचल का कुछ पता नहीं चला तो उसके माता-पिता समेत अन्य रिश्तेदार उत्तरकाशी स्थित गंगोत्री नेशनल पार्क के कार्यालय पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों ने बताया कि गोमुख क्षेत्र के लिए गंगोत्री से पहला पर्यटक दल 25 अप्रैल को रवाना हुआ है। इसके बाद चंचल की खोजबीन की गई।
सोमवार शाम जब चंचल गंगोत्री पहुंचा तो कनखू बैरियर पर वन दारोगा राजीव रावत ने उससे पूछताछ की। चंचल ने बताया कि उसने चोरी-छिपे पार्क में प्रवेश किया। उसके पास रहने के लिए टेंट और 12 दिन के लिए पैक्ड खाना था। वह कालिंदी ट्रेक की ओर खड़ा पत्थर, सीता ग्लेशियर तक गया।
आगे विकट स्थिति थी और उसके पास खाना भी समाप्त हो गया था। 12 दिन का खाना उसने जैसे-तैसे 19 दिन चलाया। वह रोजाना जिंदा रहने मात्र के लिए खाता था और बर्फ पिघलाकर पानी पीता था। इसके बाद उसे वापस लौटना पड़ा। बिना अनुमति के पार्क में प्रवेश करने के लिए चंचल ने अधिकारियों से माफी मांगी है।
2024-05-08T03:13:20Z dg43tfdfdgfd