UGC ने बदले PHD में प्रवेश के नियम, अब NET स्कोर के आधार पर मिलेगा एडमिशन

PhD Admission From UGC NET Score: यूजीसी ने पीएचडी कोर्स में प्रवेश के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. इसके तहत अब यूनिवर्सिटीज को पीएचडी में प्रवेश के लिए अलग से एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करने की जरूरत नहीं होगी बल्कि एक ही परीक्षा (नेट) के माध्यम से उन्हें एडमिशन मिला करेगा. यूजीसी ने प्रस्ताव रखा है कि नेशनल एलिजबिलिटी टेस्ट यानी नेट परीक्षा के स्कोर के आधार पर कैंडिडेट्स को पीएचडी में एडमिशन मिले. ये स्कोर कुछ समय तक मान्य रहेगा और कैंडिडेट्स को पीएचडी करने के लिए अलग से प्रवेश परीक्षा नहीं देनी होगी.

कई एग्जाम नहीं होंगे

यूजीसी का कहना है कि इस प्रकार एडमिशन लेने से बहुत से एग्जाम्स की जरूरत को खत्म किया जा सकता है. अभी हर यूनिवर्सिटी का प्रवेश का तरीका अलग है और हर कोई अपनी प्रवेश परीक्षा लेता है. नेट के स्कोर को वैलिड करने से इसी का इस्तेमाल किया जा सकेगा और अलग-अलग परीक्षाओं की जरूरत नहीं पड़ेगी.

दो बार होता है पेपर

बता दें कि अभी नेट परीक्षा का आयोजन साल में दो बार होता है. एक बार जून में और एक बार दिसंबर महीने में परीक्षा आयोजित होती है. इससे स्टूडेंट्स को पीएचडी में प्रवेश के लिए भी साल में दो बार मौका मिलने लगेगा. यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार का कहना है कि सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को इसी के  माध्यम से एडमिशन लेना चाहिए. ये संस्थान और स्टूडेंट्स दोनों के हित में होगा.

तीन कैटेगरी में होगा सेलेक्शन

इस प्रक्रिया के माध्यम से एडमिशन की बात करें तो नेट परीक्षा के कैंडिडेट तीन कैटेगरी में सफल घोषित किए जाएंगे. पीएचडी में एडमिशन जेआरएफ के साथ - असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर एप्वॉइंटमेंट, पीएचडी में एडमिशन बिना जेआरएफ के – असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर एप्वॉइंटमेंट और तीसरी व आखिरी कैटेगरी इसमें केवल पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन.

इंटरव्यू भी होगा

पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन के लिए केवल नेट स्कोर नहीं देखा जाएगा. बल्कि व्यवस्था इस प्रकार होगी की 70 प्रतिशत वेटेज नेट स्कोर को और बाकी का 30 प्रतिशत इंटरव्यू को दिया जाएगा. ये इंटरव्यू उस संस्थान द्वारा आयोजित होगा जहां आपने पीएचडी प्रवेश के लिए फॉर्म डाला है. 

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