TRIPURA NEWS: 'इंदिरा-सोनिया ने भी अपनाया पति का सरनेम, फिर मेरी बहन पर आपत्ति क्यों', कांग्रेस पर भड़के त्रिपुरा के राजकुमार

Tripura News in Hindi: त्रिपुरा के शाही परिवार के वंशज और टिपरा मोथा पार्टी के संस्थापक प्रद्योत किशोर देबबर्मन ने अपनी बहन कृति सिंह के उपनाम पर विवाद खड़ा किए जाने पर आपत्ति जताई है. उन्होंने बुधवार को कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि शादी के बाद पति का उपनाम लेना भारतीय परंपरा है. उनही बहन की शादी छत्तीसगढ़ के राजपरिवार में हुई. लिहाजा उन्होंने भी अपने नाम के साथ सिंह शब्द जोड़ लिया. लेकिन हैं तो वे त्रिपुरा की ही बेटी. इसमें गलत क्या है. 

'भारत में शादी के बाद बदल जाता है सरनेम'

देबबर्मन ने अपनी बहन के सरनेम पर कांग्रेस को बुधवार को खरी-खोटी सुनाई. देबबर्मन ने कहा, 'हम भारत से हैं. यहां बेटियां शादी के बाद अपने पति का उपनाम लेती हैं. इंदिरा गांधी का जन्म गांधी उपनाम के साथ नहीं हुआ था. जब उनकी शादी फिरोज गांधी से हुई, तो उन्हें यह उपनाम दिया गया था. भारतीय परंपराओं के तहत शादी के बाद पति का उपनाम ग्रहण कर लेना सामान्य बात है. 

'सोनिया-प्रियंका ने भी पति का उपनाम अपनाया'

देबबर्मन ने आगे कहा, 'ऐसा ही तर्क कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर भी लागू होता है. उन्होंने भी अपने पति का सरनेम अपनाया. वहीं उनकी बेटी प्रियंका गांधी भी अपने नाम के साथ वाड्रा उपनाम का इस्तेमाल करती हैं. बिल्कुल यही बात मेरी बहन कृति सिंह पर भी लागू होती है. मेरी बहन का जन्म इसी परिवार में हुआ था. उन्हें देबबर्मन उपनाम अपने पूर्वजों से विरासत में मिला. जब उनकी शादी हुई तो उन्हें अपने पति का उपनाम सिंह मिला.'

कांग्रेस नेताओं के प्रति नाराजगी दिखाते हुए देबबर्मन ने कहा कि वे उनका बहुत सम्मान करते हैं. उन्होंने कभी भी राहुल गांधी या दूसरे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कुछ कुछ नहीं बोला. इसके बावजूद उनके परिवार के खिलाफ इस तरह की बातें कही जा रही हैं. उन्होंने त्रिपुरा के वोटर्स से चुनाव में खुलकर वोटिंग करने का आग्रह किया. 

आखिर क्यों खड़ा हुआ सरनेम पर विवाद?

देबबर्मन की बड़ी बहन कृति सिंह उनका जन्म और पालन-पोषण शिलांग में हुआ, उनकी शिक्षा दसवीं कक्षा तक हुई और उनका विवाह छत्तीसगढ़ के राजकोट शाही परिवार के योगेश्वर राज सिंह से हुआ. अब वे पूर्वी त्रिपुरा लोकसभा सीट से सत्तारूढ़ भाजपा-टीआईपीआरए मोथा गठबंधन की उम्मीदवार हैं. यह सीट आदिवासियों के रिजर्व है. इस सीट पर उम्मीदवार बनने के साथ ही कृति सिंह ने लोकल कनेक्ट करने के लिए अपने नाम के साथ देबबर्मन भी जोड़ लिया है. 

राज्य में चुनाव लड़ रहे कांग्रेस नेता इस बात को मुद्दा बना रहे हैं. उनका कहना है कि कृति सिंह बाहरी उम्मीदवार हैं. शादी के बाद उनका राज्य और यहां की संस्कृति से संपर्क पूरी तरह टूट चुका है. वे आदिवासी इलाकों में बोली जाने वाली भाषा भी नहीं जानती हैं और अब इलेक्शन लड़ने के लिए देबबर्मन सरनेम जोड़ लिया है. इन्हीं आरोपों पर टिपरा मोथा प्रमुख देबबर्मन बुधवार को उखड़ गए और कांग्रेस नेताओं को आइना दिखाया. 

2024-04-25T15:10:37Z dg43tfdfdgfd