RABINDRANATH TAGORE JAYANTI 2024: कई देशों के राष्ट्रगान लिखने वाले रवींद्रनाथ टैगोर की जयंति आज, जानें उनसे जुड़ी रोचक बातें

Rabindranath Tagore Jayanti 2024: आज 7 मई 2024 को भारत के महान कवि, लेखक, नाटककार, दार्शनिक, संगीतकार और शिक्षाविद रवींद्रनाथ टैगोर की 163वीं जयंति मना रहे हैं. गुरुदेव, कविगुरु और विश्वकवि के नाम से जाने जाने वाले टैगोर, नोबेल पुरस्कार विजेता पहले गैर-यूरोपीय थे. उन्होंने न सिर्फ बांग्ला साहित्य और कला को समृद्ध किया, बल्कि भारत और बांग्लादेश के राष्ट्रगान भी लिखे.

रवीन्द्र नाथ टैगोर का इतिहास

रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता में हुआ था. वे एक धनी परिवार में पले-बढ़े, जहां उन्हें कला, साहित्य और संगीत के प्रति प्रोत्साहन मिला. टैगोर ने 8 साल की उम्र में कविता लिखना शुरू किया था. उन्होंने 1879 में अपनी पहली कविता प्रकाशित की थी. टैगोर ने फॉर्मल एजुकेशन के बजाय घर पर ही शिक्षा प्राप्त की. उन्होंने बांग्ला और अंग्रेजी में कविता, नाटक, उपन्यास, लघुकथाएं, निबंध और यात्रा वृत्तांत लिखे. उनकी रचनाओं में गीतांजलि, गोरखा, गोरा, चंडालिका और रश्मिरथी शामिल हैं. गीतांजलि के लिए उन्हें 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. टैगोर ने रवींद्र संगीत नामक एक विशिष्ट संगीत शैली विकसित की उन्होंने 2,000 से अधिक गीतों की रचना की, जिन्हें "रवींद्र संगीत" के नाम से जाना जाता है. रवींद्रनाथ टैगोर को भारत और बांग्लादेश के राष्ट्रीय कवि के रूप में सम्मानित किया जाता है. उनकी रचनाओं का दुनिया की कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है. उन्होंने कला, साहित्य, शिक्षा और दर्शन के क्षेत्र में अपना योगदान दिया है.

कब पड़ती है रवीन्द्र नाथ टैगोर जयंति?

रवीन्द्र नाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को हुआ था. ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक उनका जन्म 7 मई और बंगाली कैलेंडर के मुताबिक उनका जन्म या जयंति बोइशाख महीने के 25वें दिन यानी बंगाली युग के साल 1422 में बोइशाख (पोचिशे बोइशाख या बंगाली बैसाख महीने) में पड़ता है. ग्रेगोरियन कैलेंडर में बोइशाख की 25वीं तारीख 8 मई या 9 मई को आती है. इस साल यह 8 मई बुधवार को पड़ेगा, इसलिए पश्चिम बंगाल उनका जन्मदिन 8 तारीख को मनाएगा. हालांकि भारत के कई राज्यों में रवीन्द्रनाथ टैगोर जयंती ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक 7 मई को मनाई जाती है.

2024-05-07T05:42:12Z dg43tfdfdgfd