PUDUCHERRY: एनआईएनआरसी-भाजपा में चुनाव के बाद आई खटास, विधायकों ने भ्रष्टाचार का लगाया आरोप

केंद्र शासित प्रदेश में राजनीतिक संकट चल रहा है। सत्तारूढ़ एआईएनआरसी पर भाजपा के विधायकों के एक वर्ग ने भ्रष्टाचार सहित अन्य मुद्दों पर सरकार के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर इस मामले को रेखांकित कर जल्द से जल्द सुधार की मांग की है।

पुडुचेरी में हाल ही में हुए चुनाव में भाजपा उम्मीदवार और पुडुचेरी के गृहमंत्री ए नमस्सिवायम कांग्रेस के वी वैथिलिंगम से 1.36 लाख से ज्यादा मत से हार गए। चर्चा है कि तीन साल पुरानी एन रंगासामी के नेतृत्व वाली सरकार का खराब प्रदर्शन उनकी हार का जिम्मेदार रहा। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के सात विधायाकों, कुछ मनोनीत विधायकों और निर्दलीय विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पुडुचेरी में गठबंधन मंत्रालय के कामकाज की गड़बड़ियों की शिकायत की है, साथ ही उन गड़बड़ियों को दूर करने के लिए भाजपा के शीर्ष नेताओं से मदद भी मांगी है।

उन्होंने शिकायत करते हुए मांग की है कि इससे पहले कि चीजें 'बदतर हो जाएं', चीजों को सही किया जाए। इसके साथ भी वे मंत्रिमंडल में फेरबदल चाहते हैं। यही नहीं स्थानीय भाजपा इकाई के भीतर भी मतभेद सामने आ गए हैं, जहां हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में पार्टी उम्मीदवार की हार के बाद मौजूदा केंद्र शासित प्रदेश प्रमुख को बदलने की मांग की जा रही है। 

बता दें कि सरकार का समर्थन करने वाले भाजपा विधायक पी एम एल कल्याणसुंदरम, ए जॉन कुमार और उनके बेटे रिचर्ड, मनोनीत विधायक के वेंकटेशन और निर्दलीय एम शिवशंकरन, पी अंगलाने और गोलापल्ली श्रीनिवास अशोक ने बुधवार को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पार्टी और प्रशासन को दुरुस्त करने के लिए उनसे हस्तक्षेप करने की मांग की। वहीं प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन से भी मुलाकात कर कुछ मुद्दों पर बात की। जिसमें सरकार द्वारा भाजपा और उसके समर्थक विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों की जरूरतों और आवश्यकताओं को पूरा न करना शामिल है। विधायकों ने व्यापक भ्रष्टाचार की भी शिकायत की।

विधायकों ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से भी मुलाकात की। सूत्रों की मानें तो संसदीय चुनावों में भाजपा की विफलता के स्पष्ट कारणों को उन्हें समझाया। मुख्यमंत्री रंगासामी इस मामले पर खामोश हैं, इस कारण विधायक उनकी सरकार के खिलाफ सामने दिल्ली पहुंचे हैं।

बता दें कि एआईएनआरसी के पास प्रादेशिक विधानसभा में दस विधायक हैं, जबकि उसके सहयोगी भाजपा के पास छह सदस्य हैं। 30 सदस्यीय सदन में छह निर्दलीय और तीन मनोनीत विधायक हैं। इसके अलावा, तीन मनोनीत सदस्य हैं। डीएमके और कांग्रेस को मिलाकर विपक्ष के पास आठ सदस्य हैं। वर्तमान घटनाक्रम को भाजपा में आंतरिक मतभेदों को उजागर करने के रूप में भी देखा जा रहा है। भाजपा के एक वर्ग की ओर से यह भी मांग की गई कि आलाकमान को पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष एस सेल्वागणपति को बदलना चाहिए, क्योंकि उनका प्रदर्शन चुनावी तौर पर खराब रहा है। पूर्व पुडुचेरी भाजपा अध्यक्ष वी. सामीनाथन ने खुले तौर पर सेल्वागणपति को हटाने की मांग की है।

2024-07-04T08:46:25Z dg43tfdfdgfd