आज उन बाबाओं की बात करेंगे जो भोली भाली जनता को अंधविश्वास के चक्रव्यूह में फंसाकर अपनी दुकान चला रहे हैं. शोहरत और हसरत को पूरा करने के लिए अंधविश्वास की चाशनी से ऐसे-ऐसे दावे कर रहे हैं जहां विज्ञान का ज्ञान भी फेल है. कासगंज वाले बाबा की पोल हर दिन खुल रही है. लेकिन बाबा नारायण साकार हरि उर्फ सूरज पाल इस लिस्ट में अकेले नहीं है. काली चाय से इलाज करने का दावा करता है. हैंडपंप के पानी से उपचार की बात करता है. देश में कई ऐसे बाबा हैं जो अपने अजीबो-गरीब तरीके से इलाज करने का दावा करते हैं. आप सोशल मीडिया पर जाएंगे तो आपको ऐसे बाबाओं की लंबी लिस्ट मिल जाएगी. कोई बाबा मारकर इलाज कर रहा है . तो कोई पानी पिलाकर इलाज करने का दावा करता है. कोई काले कंबल से लकवा-दिव्यांगों को ठीक करने का दावा कर रहा है. कोई वाइब्रेशन के जरिए इलाज का दावा करता है . सबसे मजे कि बात ये है कि आपको ऐसे बाबा हर धर्म में मिल जाएंगे. जो देश के किसी कोने में आडंबर की दुकान खोल रखा है. और उनकी दुकान में लोगों की भीड़ दिख जाएगी. ये वो बाबा हैं जो धर्म के नाम पर लोगों की भावनाओं के साथ खेल रहे हैं. कथा कहना, अपने धर्म का प्रचार करने में कोई खराबी नहीं है.ना ही किसी को रोक-टोक है, लेकिन धर्म के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाना कब तक चलता रहेगा. धर्म और अंधविश्वास में फर्क है. धर्म सत्य-मार्ग का संदेश देता है. लेकिन जब विश्वास तर्क और अनुभव पर हावी होने लगता है, तब विश्वास अंधविश्वास में बदल जाता है. आज दुनिया चांद तक पहुंच चुकी है. चांद पर रहने की सोच रही है. विज्ञान तरक्की कर चुका है. लेकिन ढोंगी बाबाओं ने ऐसा आडंबर का चोला पहना है कि आज भी लोग इनके जाल में फंस जाते हैं. और फर्ज़ी बाबाओं की भक्ति में डूब जाते हैं. ऐसा तब है जब देश की साक्षरता दर करीब 82.14 प्रतिशत है. ऐसे में आज पूछता है भारत कार्यक्रम में जानने की कोशिश कि देश में ऐसे फर्ज़ी बाबा क्यों पनप रहे हैं.
2024-07-05T15:52:18Z dg43tfdfdgfd