PM MODI MORENA VISIT ANALYSIS: भाजपा प्रत्याशियों को बंधी मोदी मैजिक के सहारे चंबल पार करने की आस

PM Modi Morena Visit Analysis: नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। दिल्ली जाने के लिए भिंड, मुरैना और ग्वालियर वालों को चंबल नदी पार करनी ही होती है। गुरुवार को मुरैना में हुई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा इन्हीं तीन सीटों के मतदाताओं पर केंद्रित थी। चंबल हार्टलैंड के इन भाजपा प्रत्याशियों को न सिर्फ मंच पर जगह दी गई थी बल्कि अंत में पीएम मोदी ने प्रत्याशियों के माध्यम से खुद के लिए वोट भी मांगे। पिछले 168 दिनों के भीतर पीएम मोदी की यह मुरैना में दूसरी सभा थी। पहली पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव के दौरान हुई थी।

इस बार भीड़ और भाजपा कार्यकर्ताओं का जोश दोनों ही पिछली सभा आठ नवंबर, 2023 के मुकाबले कम नजर आया। उस वक्त पीएम मोदी ने इसी पुलिस परेड ग्राउंड पर लगभग इसी अंदाज में भिंड-मुरैना और ग्वालियर जिले की कुल 17 विधानसभा सीटों के लिए भाजपा प्रत्याशियों को जिताने की अपील की थी। परिणाम लगभग बराबरी पर रहा था।

भिंड की पांच विधानसभा सीटों में से तीन, मुरैना में छह में से तीन और ग्वालियर में भी इतनी ही सीटें भाजपा जीत सकी थी। चौंकाने वाली बात यह थी कि जिस मुरैना में सभा हुई वहां भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था।

इसका एक कारण यह भी है कि ठेठ चंबल का चुनाव हमेशा से ही स्थानीय जातीय समीकरण और जोड़तोड़ पर ही लड़ा जाता है। पिछले लोकसभा चुनाव में जोड़-तोड़ से ही यहां हार जीत हुई थी। इस बार भी यहां से समीकरण दिलचस्प बन गए हैं। यहां दो क्षत्रिय और एक वैश्य प्रत्याशी के कारण पूरा चुनाव त्रिकोणीय बन चुका है।

क्षत्रियों में भी दो वर्ग सिकरवार और तोमर हैं जिनकी चंबल में भौगोलिक परिस्थिति भी एकदम विपरीत है। वोटिंग भी ऐसी ही होती है। तीनों ही सीटों पर मुस्लिम मतदाता नगण्य स्थिति में हैं इसलिए पीएम मोदी द्वारा सभा में 10 बार मुस्लिम शब्द बोल देने से भी अचानक चुनाव की हवा पक्ष में हो जाएगी, कहना अतिरंजना होगी। हालांकि भाजपा इस बात के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रही है कि चुनाव स्थानीय प्रत्याशी नहीं पीएम मोदी और राष्ट्रीय मुद्दों पर ही लड़ा जाए जिससे कांग्रेस को पटखनी देना आसान हो सके।

तीनों ही सीटों के भाजपा प्रत्याशी पुराने चेहरे हैं और नरेंद्र सिंह तोमर के समर्थक हैं इसलिए भाजपा के एक से अधिक धड़े पूरी तरह से न्यूट्रल बैठे हुए हैं। स्थिति दूबले और दो अषाढ़ सी है। स्थानीयता के नाम पर भिंड और मुरैना में भाजपा सांसदों के पास कोई वृहद योजना बताने को भी नहीं है जिससे कांग्रेस के स्थानीयता वाले होम ग्राउंड पर आकर बैटिंग कर सके। प्रत्याशियों को मोदी मैजिक का ही सहारा है। पीएम मोदी अपना मैजिक मुस्लिम कार्ड के रूप में दिखा कर चले गए हैं अब इसके सहारे तीनों प्रत्याशी 'चंबल' कैसे पार करेंगे यह तो परिणाम के बाद ही पता चलेगा।

2024-04-25T14:58:09Z dg43tfdfdgfd