PATNA CRIME NEWS: बेटे के इलाज के लिए किराएदार के बच्चे का अपहरण

पटना ब्‍यूरो। अंकेश अमन ने इंटरकास्ट मैरिज की थी. इससे फैमिली वाले खुश नहीं थे. इसलिए मां रीना सिन्हा के साथ फैमिली के अन्य मेंबर ने संबंध खत्म कर लिए. लेकिन अंकेश को रहने के लिए पटना के राजीव नगर के जयप्रकाश नगर रोड नंबर 5 स्थित मकान के फस्र्ट फ्लोर पर एक फ्लैट उसे दे दी गई थी. इस बीच अंकेश के दो बच्चे भी हुए. जहानाबाद में आईटीआई कॉलेज चलाने वाले अंकेश अमन का बेटा इधर काफी दिनों से बीमार था. उसने अपने बेटे की बीमारी के चलते काफी कर्ज ले रखा है. कर्ज वाले लगातार पैसे की मांग कर रहे थे. कर्ज के दबाव ने उसके दिमाग में शैतानी प्लान को जन्म दिया. यह प्लान था अपने ही मकान में किरायेदार के रूप में रह रहे अशोक सिंह के बेटा पीयूष कुमार के अपहरण का. यह प्लान सहकर्मी चंदन कुमार से शेयर की. चंदन ने रिसेंटली अपनी बहन की शादी की थी. जिसमें उसने काफी कर्ज ले रखा था. चंदन को इस प्लान में अपने लिए भी एक उम्मीद दिखी.

2 जुलाई को स्कूल के लिए निकला था पीयूष

13 वर्षीय पीयूष कुमार स्कॉलर एवोड स्कूल में क्लास 8 का छात्र है. 2 जुलाई को वह अपने फ्लैट के सेकेंड मंजिल से स्कूल जाने के लिए सुबह 6.30 बजे निकला था. जब वह दिन के 1.30 बजे तक वापस नहीं लौटा तब परिजनों ने स्कूल से संपर्क किया. स्कूल की ओर से बताया गया कि पीयूष तो आज स्कूल आया ही नहीं.

कार के लोकेशन ट्रेस से हुआ संदेह

पीयूष के पिता अशोक सिंह जो कि सीतामढ़ी के मंजरगंज थाना के डंगराहा डुमरीकला के रहने वाले हैं, उन्होंने राजीव नगर थाना में बच्चे गायब होने की केस दर्ज कराई थी. पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने इस मामले में स्पेशल टीम का गठन किया. एफएसएल टीम भी जांच में लगायी गयी. सीसीटीवी फुटेज में उस दिन पीयूष अपने मकान से बाहर निकलता हुआ नहीं दिख रहा था. यानी पीयूष के साथ उस मकान के अंदर ही कुछ हुआ था. मकान के अंदर जो कार खड़ी थी. उसके लगने की जगह से एफएसएल टीम को संदेह हुआ. कार मकान मालकिन रीना सिन्हा के बेटा अंकेश अमन की थी. अंकेश ने पूछताछ में पहले पुलिस को उलझाया. इधर-उधर की बात की. लेकिन पुलिस को अंकेश पर संदेह बना रहा. अंकेश ने बताया था कि वह उस दिन कार से जहानाबाद अपने आईटीआई संस्थान में गया था. उसके साथ उसका एक सहकर्मी भी था. लेकिन कार में उस दिन अंकेश के अलावा दो लोग और थे.

नशे का इंजेक्शन दिया गया था पीयूष को

पीयूष का अपहरण अंकेश ने अपने दो अन्य सहयोगी चंदन कुमार और राहुल कुमार के साथ मिल कर किया था. जब वह फ्लैट से निकला था. तभी उसके चेहरे पर गमछी रख कर उसे पकड़ा गया था. फिर उसे नशे का इंजेक्शन दिया गया था. फिर तीनों उसे कार से जहानाबाद के परसबिगहा ले गए थे. राहुल और चंदन परसबिगहा में अपने एक रिलेटिव के यहां पीयूष को यह कह कर रखा था कि यह बच्चा एक रिश्तेदार का है. पीयूष अद्र्ध बेहोशी की हालात में था. इस बीच पुलिस की दबिश से घबरा कर सभी आरोपी ने पीयूष को वहीं छोड़ दिया. रिलेटिव को अपरहण की बात नहीं बताई गई थी. पीयूष ने जब अपने अपहरण की बात बताई तो इसकी सूचना परसबिगहा थाना को दी गई. जिसके बाद पटना पुलिस परसबिगहा पहुंचकर पीयूष को बरामद की और उसे पटना लेकर आ गई.

अंकेश, चंदन व राहुल अरेस्ट, कार जब्त

वहीं पीयूष के मिल जाने के बाद पुलिस ने अंकेश अमन, चंदन कुमार और राहुल कुमार को अरेस्ट कर ली. तीनों पहले से ही पटना पुलिस की रडार पर थे. अपहरण में जिस कार का इस्तेमाल हुआ था. पुलिस उसे भी जब्त कर चुकी है.

वर्जन

तीनों आरोपी कर्ज के बोझ से दबे हुए थे. किसी ने बच्चे की बीमारी की वजह से तो किसी ने बहन की शादी के लिए कर्ज ले रखी थी. हालांकि इन लोगों ने फिरौती के लिए कोई फोन नहीं किया था. लेकिन इनकी योजना 15 लाख रुपए फिरौती वसूलने की थी.

-राजीव मिश्रा, एसएसपी पटना

2024-07-05T15:21:29Z dg43tfdfdgfd