ODISHA TRAIN ACCIDENT: कैसे हुआ बालासोर ट्रेन हादसा, सामने आई वजह? जगा रेलवे, उठाया ये कदम

Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में दो यात्री ट्रेन और एक मालगाड़ी की टक्कर में 280 से अधिक लोगों की मौत के बाद भारतीय रेलवे सबक लेते हुए सुरक्षा तंत्रों को मजबूत करने का हर संभव कदम उठा रहा है। रेलवे बोर्ड ने शनिवार को ट्रेन के परिचालन संबंधी तंत्र, रिले हट हाउसिंग सिग्नलिंग और लेवल-क्रॉसिंग के दूरसंचार उपकरण और प्वाइंट व ट्रैक सर्किट सिग्नल के साथ सभी रिले रूम के लिए डबल-लॉक व्यवस्था का आदेश दिया। रेलवे जोन के लिए कई निर्देश जारी किए गए हैं। रेलवे ने आदेश में संकेत दिया कि रिले रूम तक पहुंच के कारण सिग्नलिंग व्यवस्था में हस्तक्षेप हुआ,जिससे कोरोमंडल एक्सप्रेस बालासोर में लूप लाइन में चली गई और एक खड़ी मालगाड़ी को टक्कर मारने से टकरा गई। जिससे इतना बड़ा हादसा हुआ।

इंटरलॉकिंग सिस्टम में छेड़छाड़ के पर्याप्त सबूत

रेलवे के सीनियर अधिकारियों ने कहा कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ की गई थी, इसलिए अब इस तंत्र को हस्तक्षेप-रोधी बनाना है। एक अधिकारी ने कहा कि यह डबल लॉकिंग सुनिश्चित करेगा कि कोई भी बिना अनुमति के इन स्थानों पर नहीं पहुंच सकता है।

सिंगल लॉक की चाबी स्टेशन मास्टर के पास रहेगी

आदेश में कहा गया है कि स्टेशन यार्ड में लेवल क्रॉसिंग गेट (गुमटी/केबिन), सिग्नलिंग रूप और दूरसंचार उपकरण को रिले हट के रूप में माना जाना चाहिए और जब तक डबल-लॉक व्यवस्था प्रदान नहीं की जाती है, तब तक वर्तमान सिंगल लॉक की चाबी स्टेशन मास्टर के पास रहेगी। आदेश में कहा गया कि स्टेशन रिले रूम की तरह ही स्टेशन मास्टर द्वारा चाबी जारी करने और जमा करने के संबंध में प्रासंगिक प्रविष्टियां रखी जानी चाहिए। आदेश में कहा गया कि ड्यूटी पर सहायक स्टेशन प्रबंधक (एएसएम) द्वारा चाबी सौंपने/वापस लेने के प्रोफार्मा में एक कॉलम होगा जिसमें यह निर्दिष्ट किया जाएगा कि जिस स्थान के लिए चाबी रख-रखाव कर्मचारियों द्वारा ली गई थी,उसे ठीक से बंद कर दिया गया है और रख-रखाव कर्मचारियों द्वारा ताला लगा दिया गया है।

बालासोर ट्रेन हादसे की ये है वजह

अधिकारियों ने कहा कि प्रारंभिक जांच से जो एक पहलू सामने आया है, वह यह कि दुर्घटना स्थल के पास कुछ काम चल रहा था। उन्होंने कहा कि एक डिस्कनेक्शन मेमो (इंटरलॉकिंग सिस्टम को बंद करने और काम शुरू करने के लिए) और एक रीकनेक्शन मेमो (काम के अंत का संकेत देने वाला सिस्टम का पुन: संयोजन) स्टेशन प्रबंधक द्वारा प्राप्त किया गया था। उन्होंने कहा कि हालांकि वास्तव में, टेकनीशियन ने सिस्टम को दरकिनार किया, क्योंकि काम पूरा नहीं हुआ था और उसने कोरोमंडल एक्सप्रेस के लिए ग्रीन सिग्नल प्राप्त करने के वास्ते लोकेशन बॉक्स में हेराफेरी की। वर्तमान आदेश, इस प्रकार, उचित डिस्कनेक्शन-रीकनेक्शन प्रोटोकॉल निर्धारित करता है, जिसका सिग्नल रखरखाव, मरम्मत, परिवर्तन कार्यों के लिए पालन किया जाना है। दुर्घटना के बाद से रेलवे बोर्ड द्वारा सिग्नलिंग पर जारी किया गया यह तीसरा ऐसा आदेश है। (एजेंसी इनपुट के साथ)

2023-06-10T18:03:36Z dg43tfdfdgfd