MALDIVES CHINA RELATIONS : मालदीव का संविधान बदलेंगे मुइज्जू, भारत को दिखाई आंख, चीनी कंपनियों को मिलेगा कॉन्ट्रेक्ट

Maldives China Relations : मालदीव में 'इंडिया आउट' का नारा देने वाले और भारत विरोधी राष्ट्रपति‎ मोहम्मद मुइज्जू ने चुनाव में जीत के बाद चीन के एजेंडे पर काम शुरू कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक, ‎मुइज्जू ‎30 नए द्वीपों में कंस्ट्रक्शन के ठेके ‎चीनी कंपनियों को देंगे. चीन की‎ कंपनियां यहां एक हजार ‎फ्लैट बनाएंगी. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, ‎मुइज्जू का सबसे बड़ा टास्क ‎संविधान बदलना भी है. अभी राष्ट्रपति‎ के अधिकारों पर संसद का कंट्रोल है. इसमें बदलाव किया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक, मुइज्जू किसी भी आदेश की मंजूरी के लिए संसद में 3 चौथाई‎ की जगह साधारण बहुमत का‎ प्रावधान करेंगे. बता दें कि मालदीव में मोहम्मद मुइज्जू को 93 सीटों में से 68 सीटें मिली हैं. 

भारत के विरोध के साथ बढ़ा चीनी प्रेम

लंदन में बसे मालदीव के पत्रकार‎ मोहम्मद इंतखाब के मुताबिक, मुइज्जू ने चुनाव प्रचार में भी भारत विरोधी नीतियों अपनाईं. उन्होंने लगातार भारत विरोधी नारे लगाए. अब चुनाव जीतने के बाद उन पर भारत का और विरोध करने के लिए दबाव बढ़ सकता है. वहीं, चीन के साथ संबंध और बढ़ेंगे. मुइज्जू ‎ने भारतीय सैनिकों को 10 मई तक मालदीव छोड़ने का‎ अल्टीमेटम दिया है.

निर्माण विरोधी और भारत के समर्थक थे पूर्व राष्ट्रपति

पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद भारत समर्थक थे. वे नए द्वीपों पर ‎निर्माण के सख्त खिलाफ थे. उनका मानना था कि ‎जलस्तर बढ़ने से मालदीववासी दुनिया के पहले‎ पर्यावरण शरणार्थी बन सकते हैं. उन्होंने भारत, श्रीलंका ‎या ऑस्ट्रेलिया में जमीन खरीदने की बात कही थी.

वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, 2026 तक मालदीव को लगभग 9‎ हजार करोड़ का विदेशी कर्ज चुकाना होगा. अभी मालदीव पर 54,186 करोड़ रुपये का विदेशी कर्ज है. मुइज्जू ने इस्लामिक बॉन्ड के जरिए 4200 करोड़‎ रुपये जुटाने का प्लान बनाया है. तुर्किये और‎ सऊदी अरब से इस्लामिक बॉन्ड खरीदे जाएंगे. मुइज्जू ने ‎राष्ट्रपति बनने के बाद सबसे पहले तुर्किये की यात्रा की ‎थी. उन्होंने तुर्किये से आसान शर्तों‎ पर कर्ज मांगा था. खबरें हैं कि वह कर्ज मांगने सऊदी अरब और चीन भी गए थे

ये रहा चुनाव में सीटों का हाल

21 अप्रैल को चुनाव के बाद सोमवार को नतीज पेश किए गए. इसमें मुइज्जू की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस पार्टी और गठबंधन को 93 में से 71 सीटें मिलीं. मुइज्जू की जीत पर चीन ने भी उन्हें बधाई दी थी. वहीं, चुनाव में भारत समर्थक MDP को सिर्फ 12 सीटें ही मिल सकीं. बहुमत के लिए 47 से ज्यादा सीटों की जरूरत थी. कई मीडिया रिपोर्ट में मुइज्जू की जीत को भारत के लिए झटका बताया गया.

2024-04-23T05:37:42Z dg43tfdfdgfd