KORBA NTPC NEWS : प्रबंधन ने ही तटबंध तोड़ एक से दूसरे बंड में पास किया पानी

नईदुनिया प्रतिनिधि, कोरबा : नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन (एनटीपीसी) कोरबा संयंत्र के धनरास राखड़ डैम फूटने के मामले में एक ओर सनसनी खेज नया तथ्य सामने आया है। क्षेत्रीय पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारी ने निरीक्षण के बाद स्पष्ट किया है कि एनटीपीसी प्रबंधन ने ओवरफ्लो रोकने के लिए तटबंध को तोड़ा गया, ताकि बंड से एक से दो में पानी स्थानांतरित हो सके। दावा किया जा रहा है कि इस प्रक्रिया के दौरान राखयुक्त पानी डैम से बाहर नहीं निकला। वहीं अब किसानों के राख से पटे खेत भी दिखाई देने लगे हैं।

एनटीपीसी जमनीपाली के धनरास राखड़ डैम से राख बह कर किसानों के खेतों तक पहुंचने के मामले में अधिकारियों के अलग- अलग बयान सामने आ रहे हैं। नायब तहसीलदार दर्री जानकी काटले का कहना है कि उन्होंने निरीक्षण के दौरान पाया कि एनटीपीसी के डैम फूटने से भारी मात्रा में राखड़ बह कर किसानों के खेतों तक पहुंच गया। करीब 50 किसानों के खेत चिंहित किए गए, जहां अभी हाल में धान को बोआई की गई थी। उन्होंने यह भी कहा है कि प्रशासनिक स्तर पर सर्वे कर प्रभावित किसानों को मुआवजा एनटीपीसी प्रबंधन से दिलाया जाएगा।

वहीं दूसरी ओर सोमवार को एनटीपीसी प्रबंधन के अधिकारी नाम नहीं प्रकाशित करने के शर्त पर यह बताया कि खेतों तक जो राख पहुंची है, वह एचटीपीपी के राखड़ डैम से आई है। उधर पर्यावरण संरक्षण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी प्रवीण पांडेय ने नईदुनिया से चर्चा करते हुए बताया कि धनरास राखड़ डैम में शनिवार की रात वर्षा का पानी भर जाने की वजह से ओवहरफ्लो का खतरा बढ़ गया था। इससे निपटने एनटीपीसी प्रबंधन ने आनन- फानन ने एक नंबर बंड को तोड़ कर दो नंबर बंड में पानी को शिफ्ट किया, ताकि कोई बड़ी दुर्घटना न हो। उनका कहना है कि मैं निरीक्षण में गया था, पर एनटीपीसी के धनरास डैम से राखड़ बह कर खेतों तक पहुंचने जैसी कोई बात सामने नहीं आई।

नईदुनिया की टीम जब मौके पर पहुंची तो किसान अमर सिंह ने बताया कि उसकी खेत में एनटीपीसी के बांध से निकली राख भर गई है। अभी उसने कुछ दिन पहले ही धान की बोआई की थी, उसकी पूरी मेहनत पर पानी फिर गया है। कई अन्य किसान भी राख़ड़ से खेत बर्बाद हो जाने की वजह से बेहद निराश हैं। जिस पर्यावरण संरक्षण विभाग से लोगों को कार्रवाई व न्याय की उम्मीद है, उस विभाग के ही अधिकारी यदि घटनाक्रम को नजरअंदाज करने लगे तो हालात को समझा जा सकता है।

एक- दूसरे पर दोषारोपण का खेल पुराना

धनरास में एनटीपीसी की व नजदीक के लोतलोता में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी की राखड़ डैम है। यह पहली बार नहीं हुआ, जब एनटीपीसी प्रबंधन, एचटीपीपी के डैम के राख होने का बहानेबाजी कर रही हो। इसके पहले जब कभी भी जल या वायु प्रदूषण हुआ, ठीकरा एचटीपीपी प्रबंधन पर ही फोड़ा जाता रहा है। दरअसल एक बांध साढे तीन सौ हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में बना हुआ है और डैम से कई स्थान से पानी निकासी के लिए मार्ग बनाए गए हैं। यही वजह है कि प्रबंधन एक दूसरे पर दोषारोपण करती रहती है।

बांध को क्षति से रोकने पानी को निकाला गया पुनर्निर्धारित मार्ग से

एनटीपीसी के जनसंपर्क अधिकारी ऊष्मा घोष का कहना है कि शनिवार को हुई भारी वर्षा के बावजूद तत्काल उचित कार्रवाई करके राखड़ बांध को होने वाली क्षति से रोका गया। इसके लिए पुनर्निर्धारित मार्ग से पानी को निकाला गया, जिसका कुछ हिस्सा नीचे मौजूद ग्रामीणों के खेतों में भी गया। एनटीपीसी कोरबा का धनरास राखड़ तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है। तटबंध उचित रखरखाव के साथ कार्यशील है। एनटीपीसी प्रबंधन राखड़ बांध के चारों तरफ रहने वाले प्रभावित परिवारों के सभी हितों की रक्षा के लिए सतत प्रतिबद्ध है। धनरास राखड़ तटबंध की ऊंचाई बढ़ाने के लिए अनुमति छत्तीसगढ़ पर्यावरण प्रबंधन मंडल द्वारा पहले ही ली जा चुकी है एवं सभी कार्य उस अनुमति एवं मानको के आधार पर ही किए जाते रहे हैं।

2024-07-01T19:12:47Z dg43tfdfdgfd