KHARIF PROCUREMENT: बाजार में अधिक चावल उतारने का विकल्प देख रही सरकार, कम उत्पादन के बाद ऐसे भरपाई!

देश में खरीफ सीजन 2023-24 के लिए धान खरीद की प्रक्रिया पूरी कर ली है। एक अक्तूबर 2023 से 30 जून 2024 तक कुल 46 मिलियन टन धान की खरीदी हुई है। यह खरीद पिछले साल से 6.5 फीसदी कम है। इससे पहले 49.53 मिलियन टन धान की खरीद की गई थी। इस बार धान की खरीद में कमी आने के पीछे सबसे वजह कारण उत्पादन बताया जा रहा है। क्योंकि कई राज्यों में धान के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि खाद्य मंत्रालय मंत्रालय का कहना है कि धान की खरीद संतोषजनक रही। यह देश की वार्षिक मांग को पूरा करने में सक्षम है।

हाल ही में खाद्य मंत्रालय की तरफ से आंकड़े जारी किए गए हैं। इनके अनुसार देश में 30 जून 2024 तक कुल 52.08 मिलियन टन धान की खरीदी हुई है। इसमें 5.78 मिलियट धान की खरीदी रबी सीजन में हुई थी। 2023-24 में केंद्र सरकार ने किसानों से खरीफ सीजन में 52.49 मिलियन टन और रबी सीजन में उगाए गए धान को 10.12 मिलियन टन खरीद करने का लक्ष्य रखा था।

देश के लोगों को भोजन देने की योजनाओं के चलते सरकार को हर साल 40-41 मिलियन टन चावल की जरूरत हर साल होती है। सूत्रों का कहना है कि एक अक्तूबर 2023 में भारतीय खाद्य निगम की तरफ से जारी ओपनिंग स्टॉक को देखें, तो यह 31.5 मिलियन टन की खरीदारी की गई थी। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि लोगों में चावल बांटने के बाद भी सरकार के पास 43-44 मिलियन टन का बफर स्टॉक बना रहेगा। 2022-23 में सरकार ने तीनों फसल सीजन खरीफ, रबी और जायद से कुल 56.87 मिलियन टन धान की खरीद की थी।

हालांकि कृषि विशेषज्ञों कहना है कि सरकार फिलहाल अधिक चावल को बाजार में उतारने का विकल्प तलाश कर रही है। सरकार ने पिछले महीने 17-18 मिलियन टन अनुमानित अधिक चावल के निपटान के लिए हितधारकों के साथ चर्चा शुरू की, ताकि चावल की खुदरा कीमतों में कमी लाई जा सके। इसके अलावा सरकार जन वितरण प्रणाली के तहत बांटे जाने वाले चावल की मात्रा को बढ़ाने पर भी विचार कर रही है। खाद्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि मिलर्स, एक्सपोर्टर्स और कार्पोरेट्स से भी विभिन्न विकल्पों पर बात की जा रही है। उन्होंने सरकार से चावल पर निर्यात शुल्क हटाने का अनुरोध किया है।

किसानों को दिए गए 1.74 लाख करोड़ रुपये

2023-24 के दौरान धान की खरीद 77.5 मिलियन टन के पार कर गई है। इसका फायदा देश के 10 मिलियन किसानों को हुआ। उन्हें खरीद की एमएसपी 1.74 लाख करोड़ रुपये दिए गए। खाद्य मंत्रालय मंत्रालय का कहना है कि धान की खरीद संतोषजनक रही। यह देश की वार्षिक मांग को पूरा करने में सक्षम है।

2024-07-04T12:32:03Z dg43tfdfdgfd