JHARKHAND: झारखंड कैश कांड में मंत्री आलमगीर आलम का PS और उसका नौकर गिरफ्तार, मिनिस्टर पर भी गिरेगी गाज?

Jharkhand Cash Recovered: नौकर जहांगीर आलम के ठिकाने से करीब 32 करोड़ 20 लाख कैश बरामद हुए. कुल 9 बक्सों में 32 करोड़ कैश भरा गया. वहीं, पीपी कंपाउंड में बिल्डर मुन्ना सिंह के ठिकानों पर छापेमारी में 3 करोड़ कैश बरामद की सूचना है.

Jharkhand Cash Recovered: झारखंड सरकार में मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता आलमगीर आलम बड़ी मुसीबतों में फंसते दिख रहे हैं. ईडी ने सोमवार (06 मई) को मंत्री आलमगीर आलम के PS संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के ठिकानों से नोटों का पहाड़ बरामद किया था. नौकर के घर से इतनी नकदी मिली कि ईडी के अधिकारियों के होश उड़ गए. देररात तक नोटों की गिनती चली. जानकारी के मुताबिक, जहांगीर आलम के घर से करीब 32 करोड़ 20 लाख कैश बरामद हुआ है. अब इस मामले में ईडी ने मंत्री आलमगीर आलम के PS संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया है. 

बता दें कि सोमवार (06 मई) को ईडी (ED) ने  रांची में 9 जगहों पर छापेमारी की थी. इसमें कुल 35 करोड़ 24 लाख कैश बरामद हुए. 16 घंटे तक जहांगीर आलम के ठिकाने पर छापेमारी की गई. जहांगीर आलम के ठिकाने से करीब 32 करोड़ 20 लाख कैश बरामद हुए. कुल 9 बक्सों में 32 करोड़ कैश भरा गया. वहीं, पीपी कंपाउंड में बिल्डर मुन्ना सिंह के ठिकानों पर छापेमारी में 3 करोड़ कैश बरामद की सूचना है. सूत्रों ने कहा कि बरामद की गई नकदी में मुख्य रूप से 500 रुपये के नोट हैं. नौकर जहांगीर आलम, रांची में हरमू स्थित सर सैयद रेजिडेंसी में रहता है. उसे पगार के तौर पर महज 15 हजार रुपये मिलते हैं.

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नौकर जहांगीर आलम के घर से इतना कैश मिलने से उसके पड़ोसी भी चौंक गए. लोगों का कहना है कि कभी लगा नहीं था कि हमारे इलाके में भी किसी के पास इतने पैसे होंगे. सूत्रों के मुताबिक, ईडी अब मंत्री आलमगीर आलम के अलावा उनके बेटे तनवीर आलम को भी गिरफ्तारी कर सकती है. ईडी के अधिकारी आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के पहले आवश्यक पुख्ता साक्ष्य एकत्रित करने की कोशिश में लगे हैं. वहीं मंत्री आलम ने इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया है. उन्होंने कहा कि मुझे खुद टीवी में न्यूज के जरिए इस घटना की जानकारी मिली है. इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं प्राप्त हुई है. 

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आलमगीर आलम ने साफ कहा कि ईडी की रेड से उनका कोई कनेक्शन नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं टीवी देख रहा हूं और इसमें बताया जा रहा है कि यह परिसर सरकार की तरफ से मुझे मुहैया कराए गए आधिकारिक पीएस (निजी सचिव) से संबंधित है. उन्होंने कहा कि संजीव लाल सरकारी मुलाजिम हैं और पहले भी दो-दो मंत्रियों के पीएस रह चुके हैं. आलमगीर आलम ने कहा कि जब वे मंत्री बने, तो अनुभव को देखते हुए उन्हें अपना पीएस रखने का निर्णय लिया. बता दें कि आलम कांग्रेस के नेता हैं और झारखंड विधानसभा में पाकुड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं.

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