JANJGIR-CHAMPA NEWS : नेत्रहीन युवती से दुष्कर्म करने वाले युवक को 20 साल की कैद

नईदुनिया न्यूज,सक्ती : दिव्यांग युवती से दुष्कर्म करने वाले आरोपित को 20 वर्ष तथा युवती का गर्भपात कराने वाली आरोपित की मां को 10 वर्ष कारावास की सजा विशेष न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रशांत कुमार शिवहरे ने सुनाई।अभियोजन के अनुसार बाराद्वार थाना क्षेत्र के एक गांव में दोनों आंखों से दिव्यांग एवं शारीरिक रूप से अशक्त युवती जिसकी माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है एवं उसके बड़े भाई कमाने खाने बाहर गया था। युवती अपने छोटे भाई के साथ घर में रहती है। उसके छोटे भाई मजदूरी करने प्रतिदिन सुबह घर से निकल जाता था ।

खम्हरिया निवासी दीपक साहू युवती के घर आना-जाना करता था तथा वह उसके बड़े भाई का दोस्त है। उसने दिव्यांग युवती को घर में अकेली पाकर उससे दुष्कर्म किया। इसके बाद वह जब भी उसे अकेली पाता था उससे दुष्कर्म करता था। युवती अपना बचाव भी नहीं कर पाती थी। कई बार विरोध करने पर उसने विवाह का झांसा भी दिया और कहा कि वह चिंता न करे उससे वह शादी करेगा। सितंबर 2022 से वह उससे शारीरिक संबंध बनाता रहा । इस दौरान युवती 5 माह की गर्भवती हो गई। तब उसने पड़ोस के एक लड़के के माध्यम से युवक को अपने घर बुलवाया और गर्भवती होने की जानकारी दी। युवक ने अपनी माता को दिव्यांग युवती के गर्भवती होने की सूचना दी तो उसकी मां जो मितानिन है दिव्यांग युवती के भाई से उसके आधार कार्ड मांग कर उसकी आंख का इलाज कराना है कहकर उसे बाइक में बम्हनीडीह ले गई और एक नर्स से गर्भपात की दवा खिलाकर उसका गर्भपात करा दिया।

बिना इलाज एवं दवा के वापस लाकर उसके घर में छोड़ दिया । कुछ दिन पश्चात दिव्यांग युवती के पेट में दर्द शुरू हुआ तब इसकी जानकारी उसने आरोपित को दिया और शादी करने के लिए बोली तो उसने शादी करने से इंकार कर दिया । तब वह अपने परिवार के लोगों को इस घटना की जानकारी दी और बाराद्वार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने उसके विरुद्ध भादवि की धारा 376 के तहत अपराध दर्ज किया और गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। मामले की सुनवाई कर विशेष न्यायाधीश प्रशांत कुमार शिवहरे ने ग्राम खम्हरिया निवासी दीपक साहू पिता चंद्रिका प्रसाद साहू को भादवि की धारा 376 (2 ) ( ठ,ढ ) के लिए 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 3 हजार रूपए जुर्माना एवं उसकी मां चंपा साहू को युवती के गर्भपात के लिए धारा 313, 34 केतहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2 हजार रूपए अर्थ दंड से दंडित किया। अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने पैरवी की ।

2024-04-29T18:59:51Z dg43tfdfdgfd