JANJGIR-CHAMPA NEWS : आत्मानंद स्कूल में अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों को नहीं दिया जा रहा प्रवेश

नईदुनिया प्रतिनिधि, जांजगीर- चांपा : स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय जांजगीर में 9 वीं और 11वीं अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों ने प्राचार्य पर जबरिया टीसी देकर भगाने का आरोप लगाया है और इसकी शिकायत उनके द्वारा कलेक्टर और डीईओ से की गई है। वहीं टीसी दिए जाने पर कई बच्चे दूसरे स्कूलों का चक्कर लगा रहे हैं।

स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय मुनुंद रोड जांजगीर में यहां के प्राचार्य की मनमानी से 9 वीं और 11 वीं में अनुत्तीर्ण विद्यार्थी परेशान हैं। वे इसी स्कूल में दोबारा पढ़ना चाहते हैं मगर प्राचार्य द्वारा उन्हें जबरिया टीसी दे दी गई है। इनमें से 9 वीं के एक विद्यार्थी सुकली निवासी विकास रात्रे ने डीईओ से इसकी शिकायत की है जिसमें उसने बताया है कि वह 9 वीं कक्षा में अनुत्तीर्ण हो गया और फिर से इसी स्कूल में पढ़ना चाहता है मगर प्राचार्य का कहना है कि एक बार फेल होने के बाद दोबारा प्रवेश नहीं मिलेगा।

इसी तरह इसी स्कूल के 11 वीं के विद्यार्थी लखेश्वर राठौर ने कलेक्टर से शिकायत की है उन्होंने बताया है कि वह कक्षा 11 वीं का छात्र है और स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम स्कूल में 10 वीं की परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुआ है। 11 वीं की परीक्षा के दौरान उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई जिसके कारण वह 11 वीं फेल हो गया मगर इस स्कूल में उन्हें भर्ती नहीं ली जा रही है उन्हें जबरदस्ती टीसी देकर भगाया जा रहा है।

उसका कहना है कि जिस स्कूल में वे पढ़ रहे थे वहां उन्हें प्रवेश नहीं मिलेगा, तो दूसरे स्कूल में कौन प्रवेश देगा। लखेश्वर ने बताया कि पिछले बार प्राचार्य द्वारा अधिक फीस ले लिया गया था इसकी शिकायत कलेक्टर के पास करने के कारण उन्हें परेशान किया जा रहा है अब तक 12 से 15 विद्यार्थियों को टीसी दे चुके हैं। कई विद्यार्थियों ने अनुनय विनय किया मगर प्राचार्य ने उनकी नहीं सुनी इसलिए वे टीसी ले गए। अभी भी 20 से 25 विद्यार्थी यहीं पढ़ना चाहते हैं मगर उन्हें टीसी ले जाने के लिए दबाव डाला जा रहा है और प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।

डीईओ लिखकर दें एडमिशन लेना है

एक छात्र ने प्राचार्य से बातचीत का आडियो भी बनाया है जिसमें प्राचार्य यह कह रहे हैं कि डीईओ अगर कह रहे हैं तो वे लिखकर दें दे। विद्यार्थी जब यह कह रहा है कि उसे किसी अन्य शासकीय स्कूल में प्रवेश नहीं मिल रहा है तो प्राचार्य यह कह रहे हैं कि प्रवेश नहीं मिल रहा है तो वे जाने इसमें वे क्या कर सकते हैं चाहे वे कहीं भी जाए। प्राचार्य यह भी कह रहे हैं कि यहां निश्शुल्क पढ़ाई होती है और फेल विद्यार्थियों को पुन: प्रवेश नहीं दिया जा सकता।

हिन्दी माध्यम में प्रवेश के लिए संख्या का बंधन नहीं

अप्रैल 2023 में तत्कालीन अवर सचिव स्कूल शिक्षा विभाग आरपी वर्मा द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट उल्लेख है कि हिन्दी माध्यम में छात्रों के प्रवेश संख्या में कोई बंधन नहीं रहेगा । आवश्यकतानुसार छात्रों को प्रवेश दिया जा सकेगा मगर इस स्कूल में प्राचार्य अपना नियम चला रहे हैं।

तत्कालीन कलेक्टर ने हटाया तो गए हाईकोर्ट की शरण में

प्राचार्य बच्चों से अधिक शुल्क लेने और शिक्षकों के साथ सही व्यवहार नहीं किए जाने की शिकायत तत्कालीन कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा के पास हुई थी तो उन्होंने प्राचार्य को हटाने का आदेश जारी किया था। हालांकि उनके आदेश में तकनीकी खामी थी । डीपीआई का अनुमोदन नहीं हो पाया था और अनुमोदन की प्रत्याशा में आदेश जारी कर दिया गया था इसलिए हाईकोर्ट में प्राचार्य को राहत मिल गई मगर वे अपनी कारगुजारियों से बाज नहीं आ रहे हैं।

विद्यालय उत्कृष्ट तो फेल कैसे हो गए विद्यार्थी

प्राचार्य खुद को सैद्धांतिक और शिक्षा के लिए समर्पित बताते हैं जबकि वहां कई तरह की अनियमितताएं हैं। स्टाफ के शिक्षक और महिला शिक्षक कई बार उनके खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं मगर एक बार हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद वे किसी से नहीं डरते। अगर वे इतने समर्पित हैं तो थोक में विद्यार्थी फेल क्यों होगए।

'''' किसी विद्यार्थी को नहीं भगा रहे हैं सबको 10 जुलाई के बाद प्रवेश दिया जाएगा। आनलाइन एडमिशन लेने वालों में कई लोग सभी दस्तावेज जमा नहीं कर रहे हैं और कुछ लोग प्रवेश भी नहीं ले रहे हैं उनकी जगह पर इन विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। एक -दो विद्यार्थी उद्दंड हैं उन्हें सबक सिखाने के लिए ऐसा कहा गया है। स्कूल में कक्ष की कमी है केवल 6 कमरें ही हैं।

जीपी चौरसिया

प्राचार्य, स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय जांजगीर

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