Indian Railways New Guidelines: दो साल पहले ट्रेनों में वरिष्ठ नागरिकों और द्वितीय श्रेणी के यात्रियों को दी जाने वाली रियायत दोबारा नहीं शुरू की जाएगी. रेलवे ने फिर से यह साफ कर दिया है कि फिलहाल ट्रेनों में वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रियायती सुविधाएं बहाल नहीं की जा रही हैं.
रेलवे ने लिखित सूचना में इस बात की जानकारी दी है वरिष्ठ नागरिकों को यात्री किराए में दी जाने वाली रियायत को 20.03.2020 से वापस ले लिया गया है. वर्ष 2019-20 के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को यात्री किराए में रियायत के कारण लगभग 1,667 करोड़ के राजस्व की हानि हुई है.
जबकि सरकार ने 2019-20 में यात्री टिकट पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी. इस पर रेलवे का कहना है कि वह यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को औसतन 53 फीसदी की छूट देता है.
बता दें, रेलवे कई तरह की ट्रेन सेवाएं संचालित करता है जैसे गरीब रथ, राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, वंदे भारत, गतिमान, तेजस, हमसफर, मेल/एक्सप्रेस, साधारण यात्री आदि. इसके अलावा, विभिन्न श्रेणियों जैसे फर्स्ट एसी, सेकेंड एसी, थर्ड के कोच एसी, एसी चेयर कार, स्लीपर क्लास, सेकेंड क्लास आरक्षित/अनारक्षित आदि विभिन्न किरायों पर वरिष्ठ नागरिकों सहित यात्रियों के उपयोग के लिए उपलब्ध हैं, जिसमें आप अपनी पसंद का किराया चुन सकते हैं. अनुसार यात्रा कर सकते हैं.
रेलवे ने फिर स्पष्ट किया है कि समीक्षा के बाद छात्रों और मरीजों की कई श्रेणियों के लिए सब्सिडी दी जा रही हैं. साथ ही किसी के फिलहाल इस श्रेणी में शामिल नहीं होने की भी संभावना है.
बता दें, इसके पूर्व इस बात को लेकर यह संभावना जताई रही थी कि सरकार बुजुर्गों को मिलने वाले कंसेशन को फिर से लागू कर सकती है. लेकिन ऐसा नहीं किया गया.
ट्रेनों में यात्रा करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को लोअर बर्थ दी जाती है. इसके लिए वरिष्ठ नागरिकों, 45 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिला यात्रियों को ऑटोमैटिक तरीके से निचली बर्थ आवंटित करने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा स्लीपर क्लास में प्रति कोच छह से सात लोअर बर्थ का संयुक्त कोटा रखा जा रहा है. वहीं, 3 टियर (3AC) में हर कोच में चार से पांच लोअर बर्थ रिजर्व होती हैं.
2023-03-30T10:22:19Z dg43tfdfdgfd