HANUMAN JANMOTSAV 2024: इंदौर में 600 वर्ष प्राचीन वीर बगीची में इस बार खास होगा हनुमान जयंती महोत्सव

Hanuman Janmotsav 2024: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। राम नवमी के बाद अब शहर में हनुमान जयंती की तैयारी शुरू हो गई है। शहर के पश्चिम क्षेत्र के पंचकुइया स्थित 600 पुरानी वीर बगीची में 23 अप्रैल को हनुमान जयंती खास बनाने की तैयारी हो रही है। इस वर्ष तीन दिवसीय हनुमान महोत्सव 21 से 23 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा। इसमें जहां भगवान स्वर्ण आभूषणों से शृंगार होगा, वहीं नेत्र हीरे के होंगे। इस मौके पर वीर आलीजा सरकार के दर्शन के लिए देश-विदेश में बसे भक्त भी आएंगे।

वीर आलीजा भक्त मंडल के अनुसार महोत्सव बाल ब्रह्मचारी पवनानंद महाराज के सान्निध्य में होगा। इस दौरान अंखड रामायण पाठ, अभिषेक पूजन व महायज्ञ होगा। दीप उत्सव, फल शृंगार (केले), सुंदरकांड, अभिषेक-पूजन, महाआरती, अखंड रामायण पाठ के साथ ही हनुमान जयंती पर स्वर्ण शृंगार एवं फूल बंगला सजेगा। इसके अतिरिक्त 60 भक्तों के लिए अखंड भंडारा होगा।

तीन दिनी आयोजन में करीब दो लाख भक्त दर्शन के लिए पहुंचेंगे। 21 अप्रैल को 1100 किलो फल (केले) से शृंगार के साथ ही शाम को 11 हजार दीपों से वीर बगीची को रोशन किया जाएगा। शाम 7.30 बजे महाआरती के साथ ही फल शृंगार दर्शन एवं सुंदरकांड पाठ किया जाएगा। बाल कलाकार भजनों की प्रस्तुति देंगे। महोत्सव के लिए इन दिनों रंग रोगन सहित अन्य तैयारी की जा रही है।

भस्म व औषधियों से होगा महाअभिषेक

- 22 अप्रैल को सुबह नौ बजे से वीर अलीजा सरकार का केसर, औषधियों का जल, चंदन, इत्र, दुध, सात पवित्र नदियों का जल, पंचामृत और भस्म से महाअभिषेक 11 विद्वान पंडितों द्वारा किया जाएगा। आश्रम के वेदपाठी बटुकों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार किया जाएगा। इसी दिन अखंड रामायण पाठ सुबह नौ से रात नौ बजे तक होगा।

- 23 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव पर अलीजा सरकार का स्वर्ण आभूषणों से शृंगार होगा। स्वर्ण शृंगार में स्वर्ण हसली, कंठा, राम नाम की माला, मुकुट व स्वर्ण कुंडल पहनाया जाएगा। इसके साथ ही 15 ग्राम सोने के बरक से अलीजा सरकार को स्वर्ण चोला भी चढ़ाया जाएगा। सुबह छह बजे भक्त मंडल एवं श्रद्धालुओं द्वारा जन्म आरती की जाएगी। पांच बजे महाआरती कर भगवान को छप्पन भोग समर्पित किए जाएंगे।

इसलिए खास है मंदिर

- सनातन परंपरानुसार विधि-विधान से पूजन होता है। यहां 400 साल से धूनी जल रही है।

- एक एकड़ में फैली वीर बगीची का संबंध अग्नि अखाड़े से है।

- अंजनी पुत्र का यह एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां भांग का भोग लगाया जाता है।

2024-04-19T03:10:07Z dg43tfdfdgfd