EXPLAINER: संसद के रिकॉर्ड से कैसे कटता है भाषण, इसे हटाने से क्या होता है?

What is Expunging: संसद में कई बार सांसदों के भाषण पर कैंची चल जाती है. संसदीय रिकॉर्ड से उनके भाषण के कुछ हिस्से हटा दिए जाते हैं. ऐसा ही राहुल गांधी के साथ भी हुआ है. आइए, जानते हैं कि भाषण को रिकॉर्ड से हटाने का क्या नियम है?

नई दिल्ली: What is Expunging: देश में 18वीं लोकसभा का पहला संसद सत्र शुरू हो चुका है. इसी बीच कई नेताओं के कुछ भाषणों के अंश रिकॉर्ड से हटाए भी जा रहे हैं. आपने लोकसभा में अक्सर सुना होगा कि आप जो बोल रहे हैं, वो रिकॉर्ड में नहीं जा रहा. इस दौरान मन में ये सवाल जरूर उठता होगा कि भाषण के कुछ हिस्सों को रिकॉर्ड से क्यों हटाया जा रहा है, वो कौनसा रिकॉर्ड है जिसमें से इन्हें काटा जा रहा है? आइए, आपके इन सवालों के जवाब जानते हैं.

राहुल के भाषण के कई अंश हटाए गए

संसद में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को संसद में एक लंबा भाषण दिया. इसमें वे भाजपा पर हमलावर रहे. गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी के भाषण के कुछ हिस्सों पर आपत्ति दर्ज की और उनसे माफी की मांग की. राहुल के भाषण के उन हिस्सों को हटाया गया है. जिनमें उन्हीने भाजपा पर अल्पसंख्यकों के साथ गलत व्यवहार करने और हिंसा करने का आरोप लगाया. अडानी और अंबानी पर की गई टिप्पणियों के आलावा अग्निवीर योजना पर रखे गए विचार भी संसद के रिकॉर्ड से हटा दिए गए हैं.

 

क्या है Expunging?

सबसे पहले तो ये जान लें कि जब संसद के रिकॉर्ड से किसी सांसद के भाषण के कुछ हिस्सों को हटाया जाता है तो इसे एक्संपज (Expung) कहा जाता है.लोकसभा का प्रोसीजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस के रूल 380 कहता है कि यदि कोई सांसद अपने भाषण में मानहानिकारक या असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करता है, तो स्पीकर के पास भाषण के उस अंश को कार्यवाही से हटा देने का अधिकार होता है. 

हटाए गए भाषण पर नहीं हो सकती मीडिया रिपोर्ट

जब भी सदन की कार्यवाही से किसी सांसद के भाषण के अंश को हटा दिया जाता है, तो उसे न मीडिया रिपोर्ट कर सकता है और न ही कोई दूसरा उस बयान को कहीं कोट कर सकता है. यदि कोई ऐसा करता है तो पर कार्रवाई की जा सकती है. लेकिन इस प्रावधान की पूरी तरह पालना नहीं होती. संसद की कार्यवाही से हटाए गए अंश भी यू-ट्यूब, फेसबुक या एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर आसानी से उपलब्ध हैं. इसका एक बड़ा कारण ये भी है कि सभी को इसकी जानकारी नहीं होती कि सदन की कार्यवाही में भाषण के किस हिस्से को हटाया गया है.

संसद में नहीं बोले जा सकते असंसदीय शब्द

इसके अलावा, संसद में असंसदीय शब्द भी नहीं बोले जा सकते. यदि इन्हें बोला जाता है तो ये रिकॉर्ड से हटा दिए जाते हैं. असंसदीय शब्दों की एक पूरी लिस्ट है. इसमें बताया गया है कि सदन के पटल पर कौनसे शब्द आपके भाषण का हिस्सा नहीं होना चाहिए. समय-समय पर असंसदीय शब्दों की ये लिस्ट अपडेट होती रहती है. असंसदीय शब्द जैसे- तानाशाह, तड़ीपार, जुमलाजीवी, गुंडागर्दी, जयचंद आदि शब्द संसद में नहीं बोले जा सकते. इनके अलावा कुछ मुहावरे भी हैं, जिन्हें संसद में बोलने पर कार्यवाही से हटा दिया जाता है. जैसे- चोर-चोर मौसेरे भाई, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे, गुल खिलाना आदि.

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