DELHI EXCISE POLICY: क्या है पासवर्ड का राज, जिसे ईडी को देने से बच रहे अरविंद केजरीवाल?

Delhi Abkari Niti: आबकारी नीति मामले में ED की 6 दिन की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद अरविंद केजरीवाल को राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया. ED ने 7 दिनों के लिए रिमांड अवधि बढ़ाने की मांग की. लेकिन अदालत में केजरीवाल ने खुद अपना बयान रखा. केजरीवाल ने अदालत में कहा कि 'ED का मकसद केवल उन्हें  इस केस में फंसाना है.भले ही इस मामले में उनके खिलाफ कोई सबूत न हो.'

ED के सिर्फ दो मकसद: केजरीवाल

केजरीवाल ने कोर्ट में  कहा कि 'ED के दो ही मकसद हैं. एक तो AAP को खत्म करना दूसरा स्मोकस्क्रीन क्रिएट करना और उसके पीछे उगाही रैकेट चलाना.' केजरीवाल ने अपने बयान के समर्थन में इस केस में पहले आरोपी और बाद में सरकारी गवाह बने  शरद रेड्डी का हवाला दिया, जिसने जमानत हासिल करने के बाद बीजेपी को चंदा दिया. केजरीवाल ने  कहा कि शराब घोटाले के पैसे आखिर हैं कहां. ये जो 100 करोड़ बोल रहे हैं वो तो असल में कहीं नहीं है. ये असली शराब घोटाला शुरू होता है ईडी की जांच के बाद. शरत रेड्डी ने बीजेपी को 55 करोड़ का डोनेशन दिया.मेरे पास सबूत है कि ये रैकेट चल रहा है. मनी ट्रेल साफ साबित हो चुकी है.'

'चंद लोगों के बयान के आधार पर गिरफ्तारी कैसे'

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस मामले में उनके खिलाफ एकमात्र सबूत आरोपी से सरकारी गवाह बने कुछ चंद लोगों के बयान है. लेकिन सवाल यह है कि क्या एक सिटिंग सीएम को सिर्फ चंद लोगों के बयान के आधार पर गिरफ्तार किया जा सकता है.

केजरीवाल ने यह भी सवाल किया कि इन लोगों ने भी जो शुरुआती बयान दिए थे उसमें केजरीवाल की भूमिका का ही कोई जिक्र नहीं था. लेकिन कोर्ट के सामने वह बयान नहीं रखे गए. सिर्फ उन बयानों को कोर्ट के सामने रखा गया, जो मेरे खिलाफ थे. केजरीवाल ने एक गवाह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि  उनके शुरू में दिये गए 6 बयानों में मेरा कहीं कोई नाम नहीं था लेकिन जैसे ही सातवें बयान में में उन्होंने मेरे खिलाफ आरोप लगाए ,उन्हें छोड़ दिया गया'.

केजरीवाल ने कहा कि हम ED की रिमांड का विरोध नहीं कर रहे हैं. जितने चाहे दिन चाहे रख लें, पर ये घोटाला है.

ED ने केजरीवाल के बयान पर जताई आपत्ति

ED की ओर से पेश ASG एसवी राजू  ने केजरीवाल के इस बयान पर आपत्ति जाहिर की.  राजू ने  कहा- पेशी के वक्त इन बातों का कोई औचित्य नहीं है. केजरीवाल सनसनी फैला रहे हैं. जिन लोगों के बयान का हवाला केजरीवाल दे रहे हैं .उन लोगों ने यह बात साफ की है कि आखिर पहले दिए गए बयानों में उन्होंने केजरीवाल का नाम क्यों नहीं लिया था.जहां तक ये सवाल है कि ये बयान दबाव में दिए गए या नहीं, ये ट्रायल के दौरान कोर्ट को तय करना है

'चंदे का घोटाले से कोई वास्ता नहीं'

केजरीवाल द्वारा शरत रेड्डी के भाजपा को पैसे दिए जाने के बयान पर ASG एस वी राजू ने कहा कि इसका शराब घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है. क्योंकि बीजेपी या किसी और को यह आबकारी नीति बनाने का अधिकार नहीं था. हमें इस बात से कोई सरोकार नहीं है कि कोई किसी को पैसे दे. इसका शराब घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है.

केजरीवाल नहीं दे रहे पासवर्ड: ED

ED की ओर से ASG एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि अरविंद केजरीवाल के 23 मार्च से लेकर 27 मार्च तक 5 बार बयान दर्ज हो चुके है. वो जांच में सहयोग नहीं दे रहे है. जो सवाल उनसे पूछे गए हैं कि उनके सीधे सीधे जवाब भी नहीं दे रहे हैं.

ED ने रिमांड अर्जी में कहा कि अरविंद केजरीवाल के पत्नी का मोबाइल डेटा मिला है, जिसका परीक्षण किया जा रहा है. 4 डिजिटल डिवाइस जो उनके घर से मिले हैं, उनका पासवर्ड अरविंद केजरीवाल अभी नहीं बता रहे हैं. उनका कहना है कि अपने वकील से मशविरा लेकर वो तय करेंगे कि पासवर्ड दिया जाए या नहीं.

'केजरीवाल का और लोगों से सामना करना जरूरी'

ED के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल की कस्टड़ी के दौरान तीन और लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं. कस्टडी के दौरान मनीष सिसोदिया के पर्सनल सेक्रेटरी रहे सी अरविंद से भी केजरीवाल का आमना सामना कराया गया है. अरविंद केजरीवाल की इस मामले में कई आरोपियों के साथ आमने सामने बैठकर पूछताछ करनी है. लिहाजा अरविंद केजरीवाल की हिरासत की अवधि बढ़ाने की ज़रूरत है.

कोर्ट का आदेश

कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अरविंद केजरीवाल की  ईडी हिरासत की अवधि 1 अप्रैल तक आगे बढ़ाने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि  ईडी को जांच के दौरान आए नए तथ्यों, सबूतों  और डिजिटल डिवाइस से मिले डेटा से अरविंद केजरीवाल का आमना सामना करना है. लिहाजा जांच का आगे बढ़ाने के लिए कस्टडी में पूछताछ करने की इजाजत देने की पुख्ता वजह नजर आती है.

2024-03-28T18:27:59Z dg43tfdfdgfd