BILASPUR POLITICAL NEWS : पार्टी में एकजुटता जरूरी, एआइसीसी को सौंपेंगे रिपोर्ट: मोइली

नईदुनिया न्यूज, बिलासपुर। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के चेयरमैन व पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उन राज्यों के लिए कमेटी बनाई है, जहां कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। पूरे देश में सात कमेटी बनाई गई है। कमेटी हर जगहों पर लोकसभा सीटों के आधार पर बैठकें ले रही है। इसमें हार के कारणों का पता लगाने का प्रयास कर खामियों को दूर करने का काम किया जाएगा।

बिलासपुर लोकसभा सीट की समीक्षा के बाद मोइली पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ लोकसभा सीटों की बैठकों की रिपोर्ट अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को सौंपी जाएगी। इसके बाद हाईकमान फैसला करेगा। कमेटी हार के कारणों का पता लगाएगी, हम कैसे इसमें सुधार कर सकते हैं, कमेटी सुझाव देगी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल था।

बावजूद इसके कहीं न कहीं कमियां रही हैं, जिसके कारण हम विधानसभा में सरकार नहीं बना पाए और लोकसभा चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने स्पष्ट किया कि हार के एक कारण नहीं हैं। पार्टी की कमियों को दूर करने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी मंथन कर रही है। अब आने वाले समय में हमारी कोशिश होगी कि नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव से पहले खामियों को दूर किया जाए और सब मिलकर बेहतर कार्य करें।

मोइली ने इनकी मौजूदगी में की चर्चा

एआइसीसी की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के अध्यक्ष वीरप्पा मोइली ने प्रदेश सह प्रभारी विजय जांगिड़, चंदन यादव, एआइसीसी के महासचिव हरीश चौधरी के साथ पदाधिकारियों से हार के कारणों को लेकर चर्चा की।

प्रदेश अध्यक्ष बैज ने कहा- हार के लिए एक कारण नहीं

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सत्ता और संगठन में तालमेल था। बावजूद इसके कहीं न कहीं कमियां रही हैं, जिसके कारण हम विधानसभा में सरकार नहीं बना पाए और लोकसभा चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा। लेकिन, हार के एक कारण नहीं है।

पार्टी की कमियों को दूर करने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी मंथन कर रही है। अब आने वाले समय में कोशिश होगी नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव से पहले खामियों को दूर किया जाए और सब मिलकर बेहतर कार्य करें।

दिग्गज नेताओं का रहा जमावड़ा

शनिवार को फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की बैठक के चलते कांग्रेस भवन और छत्तीसगढ़ भवन में सुबह से लेकर कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा रहा। इस दौरान संगठन के प्रदेश सह प्रभारी विजय जांगिड़, चंदन यादव, एआइसीसी के जर्नल सेकेट्ररी हरीश चौधरी के साथ ही नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महंत, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल, कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव, पूर्व विधायक शैलेष पांडेय, जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी, विजय पांडेय समेत बड़ी संख्या पूर्व व वर्तमान विधायक मौजूद रहे।

ये भी पढ़े...

ब्लाक अध्यक्षों के बीच पीसीसी चेयरमैन अपनी छवि चमकाने करते रहे लाबिंग

बिलासपुर व सरगुजा संभाग के लोकसभा क्षेत्रों में हार के कारणों की समीक्षा करने आए पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली से कांग्रेस भवन से ही दूरी बना ली। छत्तीसगढ़ भवन से चंद कदमों की दूरी पर कांग्रेस भवन है। वहां ना जाकर छत्तीसगढ़ भवन के एसी कमरे में बैठकर हार के कारणों की पड़ताल करते रहे। संगठन के पदाधिकारियों ने जिस तरह अपनी छवि चमकाने मशक्कत करते रहे उसकी चर्चा भी पूरे समय छिड़ी रही। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज, जिला व शहर कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्षों के बीच लाबिंग करते नजर आए। मोइली के सामने संगठन को पाक साफ बताने की कोशिश होती रही।

पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली से मुलाकात के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने जो श्रेणी तय की थी उसमें विधायक, विधायक प्रत्याशी, अध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष, प्रदेश पदाधिकारी व सेंट्रल आर्गेनाइजेशन के पदाधिकारी को शामिल किया था। ये ही वे लोग थे जिनको पराजय के कारणों की जानकारी मोइली को देनी थी। आम कार्यकर्ताओं से पीसीसी ने दूरी बनाई। इसका असर ये हुआ कि केंद्रीय पर्यवेक्षक को मैदानी हकीकत की जानकारी ही नहीं मिल पाई। आखिर ऐसा क्या कारण बना कि कांग्रेस को पराजय का सामना करना पड़ा। प्रमुख पदाधिकारियों व ब्लाक स्तर के पदाधिकारियों के बीच इस बात की चर्चा होते रही कि जिन चेहरे को सामने रखकर चुनाव लड़ा गया, चुनावी रणनीति बनाई गई उनसे ही हार के कारणों की जानकारी मांगी जा रही थी। हार के कारणों की जो वजह बने वही कैसे बताएंगे कि आखिर क्या बात हुई कि कांग्रेस जीत नहीं पाई। मोइली ने बंद कमरे में पदाधिकारियों से अलग-अलग बात की। बंद कमरे की बात भी बाहर आती रही। जिन्होंने उनको फीडबैक दिया, दबी जुबान से अपनों के बीच बताते भी रहे कि उन्होंने अपनी बात किस अंदाज में रखी और क्या बोलकर आए। विधायक व विधायक प्रत्याशी कहें या फिर सांसद, पूर्व सांसद और संगठन से जुड़े पदाधिकारी। जिसकी जब बारी आई, अपने आपको बचाते रहे और हार का दोष दूसरों पर मढ़ते रहे। संगठन से जुड़े पदाधिकारी पूर्व सीएम भूपेश बघेल व उनके करीबियों पर दोष मढ़ते रहे। मोइली के सामने उपेक्षा का रोना रोते रहे। पदाधिकारी यह बोलते रहे कि जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तब उपेक्षा का भाव हमसे रखा जाता था। हमें इस बात का एहसास कभी नहीं हुआ प्रदेश में हमारी सरकार काबिज है। ना मंच में कभी जगह मिली और ना ही हमारा एक काम हुआ। छोटे कार्यकर्ताओं का भी काम नहीं हुआ। सत्ता में बैठे लोगों ने दूरी बनाकर रखी। संगठन के पदाधिकारी मोइली के सामने इस बात का भी दोषारोपण करते रहे कि संगठन को पांच साल पहले भी और अब भी हाथ का साथ नहीं मिला। कार्यकर्ता उपेक्षा के शिकार थे। नाराजगी थी। यही नाराजगी चुनाव के दौरान खुलकर सामने आई।

सताती रही अपनी कुर्सी की चिंता

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज अलग ही भूमिका में नजर आए। जिस तरह से वे बिलासपुर से लेकर रायगढ़, जांजगीर लोकसभा क्षेत्र के पदाधिकारियों के बीच लाबिंग कर रहे थे उससे तो यही लग रहा था कि उसे कांग्रेस की नहीं अपनी कुर्सी की चिंता ज्यादा सता रही है। हार के वास्तविक कारणों के बजाय पदाधिकारियों से मिन्नतें कर रहे थे। मोइली के सामने संगठन के कामकाज को पाक साफ बताए और संगठन का भरपूर साथ मिलने की बात कहे। पीसीसी अध्यक्ष से लेकर संगठन से जुड़े पदाधिकारी अपनी कुर्सी सुरक्षित रखने मशक्कत करते नजर आए। हार के कारण जानने के बजाय अपनी छवि मोइली के सामने चमकाने पसीना बहाते रहे।

राजधानी के पदाधिकारियों की धमक

छत्तीसगढ़ भवन में पूरे समय राजधानी के नेताओं की धमक बनी रही। दबदबा ऐसा कि वे जिसे चाह रहे थे चर्चा के बीच मोइली के सामने पेश कर रहे थे। सीएम सुइट कमरा नंबर एक के गेट के सामने सुबोध हरितवाल खड़े हुए थे। उनके इशारे पर ही पदाधिकारी मोइली से चर्चा के भीतर भीतर जा रहे थे और चर्चा के बाद बाहर आ रहे थे। पूरा कमान राजधानी के पदाधिकारियों व प्रमुख नेताओं से संभाल रखी थी।

कुछ ऐसी भी चर्चा

0 पीसीसी चेयरमैन पूरे समय लाबिंग करते नजर आए। अपने प्रभाव वाले पदाधिकारियों को हिदायत और गुट विशेष से जुड़े पदाधिकारियों से संगठन की अच्छी छवि पेश करने मिन्नतें करते रहे।

0 ब्लाक अध्यक्षों को संगठन के खिलाफ ना बोलने व नकारात्मक रिपोर्ट पेश ना करने लगातार चर्चा करते नजर आए प्रमुख पदाधिकारी।

0 पूर्व सीएम से जुड़े प्रमुख नेता, पूर्व अध्यक्ष व बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों ने मोइली को लिखित जानकारी पेश की है। इसमें विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मिली पराजय के कारणों का पूरा खाका खींचा गया है।

0 चर्चा के दौरान बिलासपुर लोकसभा में बाहरी प्रत्याशी का मुद्दा भी मोइली के सामने रखा गया। स्थानीय नेताओं की उपेक्षा को हार का प्रमुख कारण बताया।

मोइली ने पूछा- इससे अलग हटकर कोई मुद्दा है क्या

आरोप-प्रत्यारोप का जो दौर चला इसे केंद्रीय पर्यवेक्षक मोइली ने अच्छी तरह भांप लिया था। यही कारण है कि प्रमुख पदाधिकारियों की बात सुनने के बाद वे यह भी पूछते रहे कि आपने जो बताया उसे हमने सुन लिया और नोट कर लिया है। इससे हटकर कुछ बातें बताइए जो हार का कारण बना हो। पदाधिकारी मोइली के सवालों का जवाब नहीं दे पाए।

छग भवन के कमरों ने नेताओं का कब्जा, भीगते रहे कार्यकर्ता

छत्तीसगढ़ भवन में कांग्रेस के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का जमावड़ा रहा। कमरा नंबर एक में मोइली पदाधिकारियों से चर्चा कर रहे थे। कमरा नंबर दो में नेता प्रतिपक्ष डा चरणदास महंत कोरबा लोकसभा के पदाधिकारियों के साथ बैठे नजर आए। कमरा नंबर तीन में डा चंदन यादव सहित प्रमुख पदाधिकारी व एक कमरे में पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज पदाधिकारियों के साथ बैठे रहे। कार्यकर्ता व पदाधिकारी अपनी बारी का इंतजार करते बरामदे में चहल कदमी करते नजर आए। दोपहर के वक्त हो रही जमकर वर्षा के कारण कार्यकर्ता भीगते भी रहे।

2024-06-29T18:49:46Z dg43tfdfdgfd