राज्य ब्यूरो, पटना: तकनीक के साथ राज्य में साइबर अपराधों का दायरा भी तेजी से बढ़ रहा है। साइबर अपराधियों का गिरोह बाकायदा पढ़े-लिखे युवाओं की भर्ती कर अपना दायरा बढ़ा रहा है। यह युवा तकनीकी तौर पर मजबूत होते हैं। आनलाइन ठगी के अलावा गेमिंग और निबंधन में भी इसका दुरुपयोग हाे रहा है। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की जांच में यह बातें सामने आई हैं।
ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान के अनुसार, साइबर अपराध के हेल्पलाइन नंबर 1930 पर हर रोज करीब 1500 काल आ रही है। आर्थिक अपराध इकाई 100 प्रतिशत शिकायतों की सुनवाई कर रहा है। इसके आलोक में 600 से अधिक केस भी दर्ज किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि साइबर ठगी में समय सबसे बड़ा फैक्टर है। जितनी जल्दी साइबर ठगी की शिकायत की जाएगी, उतनी अधिक संभावना पैसे की रिकवरी की होगी। सही समय पर शिकायत मिलने पर ईओयू ने तीन माह में करीब सात करोड़ रुपये की राशि साइबर अपराधियों से बचाई है।
वित्तीय मामलों में बैंक संदिग्ध खाते में ट्रांसफर हुई राशि को होल्ड कर लेता है, जिसे पैसे की वापसी आसान होती है।
सभी जिलों में खुलने साइबर थानों में डाक और ई-मेल से प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए पीड़ितों को पहले नेशनल आनलाइन साइबर क्राइम पोर्टल या 24 घंटे संचालित हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करानी होगी।
इस पर दर्ज शिकायत की प्राप्ति रसीद या संज्ञान नंबर को संलग्न कर पीडि़त को साइबर थाने को ई-मेल या डाक के जरिए जानकारी देनी होगी। जल्द ही सभी साइबर थानों का ई-मेल आइडी नंबर भी जारी किया जाएगा।
साइबर थानों की जांच का तरीका अन्य केसों से अलग होता है। इसमें साक्ष्य भी डिजिटल होते हैं। ऐसे में ईओयू की ओर से बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी। एडीजी नैयर हसनैन खान के अनुसार, पहले चरण में एक हजार से अधिक थानाध्यक्षों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जल्द ही अन्य पुलिसकर्मियों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
2023-06-10T22:32:14Z dg43tfdfdgfd